जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच सियासत तेज होने लगी है. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कोटा में फंसे बच्चों को यूपी भेजने को लेकर 36 लाख 36 हजार 664 रुपए का भुगतान भी मांगा गया है. बता दें कि कोटा में फंसे छात्रों को उत्तर प्रदेश भेजने के लिए पेड बसों का उपयोग हुआ था, जिसके लिए राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने उत्तर प्रदेश सरकार से यह राशि भुगतान के लिए कहा है.
राजस्थान रोडवेज के एक वरिष्ठ अधिकार की मानें तो लॉकडाउन के दौरान कोटा के अंतर्गत बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के छात्र फंसे हुए थे. ऐसे में राजस्थान रोडवेज की ओर से कुछ छात्रों को कोटा से उत्तर प्रदेश भेजा गया था, लेकिन कुछ छात्र फिर भी कोटा में फंसे हुए थे. जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से राजस्थान रोडवेज को एक पत्र लिखा गया था. इस पत्र के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्थान रोडवेज से पेड बसें की बात भी की थी.
जानकारी के अनुसार उसके बाद राजस्थान रोडवेज की ओर से पेड बसों के माध्यम से कोटा से छात्रों को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी और झांसी तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई थी. इसके बाद अब राजस्थान रोडवेज विभाग ने उत्तर प्रदेश सरकार से उन छात्रों को भेजने के किराया को लेकर पत्र लिखा है.
इस पत्र के अंतर्गत लिखा गया है, कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से 17 अप्रैल से 19 अप्रैल तक कोटा में पढ़ने वाले छात्रों को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी और झांसी तक पहुंचाया गया है. जिसमें परिवहन सुविधा राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने उपलब्ध कराई थी, जिसका विवरण संचालित किलोमीटर भुगतान की राशि 36 लाख 36 हजार 664 रुपए निगम के खाते में जमा कराने के लिए भी कहा गया है. राजस्थान राज्य परिवहन निगम की ओर से भेजे गए पत्र में अकाउंट डिटेल के साथ जल्द भुगतान का निवेदन भी किया गया है.
बताया जा रहा है कि राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और राजस्थान सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और यूपी के सह प्रभारी धीरज गुर्जर और जुबेर खान भी शुक्रवार को इस मामले को लेकर प्रेस वार्ता करेंगे. बता दें कि यह पूरा मामला 20 से 22 अप्रैल के बीच का बताया जा रहा है.