जयपुर. राजस्थान की गहलोत सरकार पेपर आउट पर सख्ती की तैयारी में है. सरकार विधानसभा के बजट सत्र में एक बिल (Bill will present in Budget session to stop Paper Leak) लाने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत पेपर आउट करने वालों की संपत्ति जब्त होगी. इस कानून का उल्लंघन को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध माना जाएगा. इस बिल में पेपर आउट के मामलों को लेकर सजा और जुर्माने को लेकर प्रावधान किए जाएंगे. दोष साबित होने पर अलग-अलग मामलों में एक से दस साल तक की सजा और 10 लाख रुपए से अधिक के जुर्माने का प्रावधान है. ऐसे मामलों की जांच भी एएसआई या इससे ऊपर की रैंक के अधिकारी द्वारा की जाएगी.
प्रतियोगी परीक्षा में नकल या पेपर आउट करवाना माना जाएगा अपराध : किसी भी परीक्षा में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लिखित, रिकॉर्ड की गई, कॉपी या मुद्रित सामग्री से अनधिकृत सहायता लेना, यांत्रिक उपकरण का प्रयोग (Gehlot Government on Paper Leak) इसके तहत अपराध की श्रेणी में आएगा. वहीं, पेपर आउट करना, इस तरह की साजिश में शामिल होना, अनधिकृत तरीके से पेपर हासिल करना या रखने का प्रयास करना, हल करना या हल करने का प्रयास भी अपराध माना जाएगा.
एक से दस लाख रुपए तक के जुर्माने का भी है प्रावधान : किसी भी मौद्रिक लाभ या गैर कानूनी लाभ की वसूली का दोष साबित होने पर (Bill of Punishment Provision in Paper Out Case) ऐसे व्यक्ति की चल और अचल संपत्ति कुर्क की जाएगी. साथ ही इससे अर्जित लाभ की वसूली भी की जाएगी. निरीक्षण दल के सदस्य, कर्मचारी, परीक्षा प्राधिकरण, अधिकारी को किसी भी परीक्षा केंद्र में प्रवेश से रोकना या धमकी देने भी अपराध होगा. पांच साल की सजा और जुर्माना होगा.
परीक्षा में लगा कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है तो उसे 7 साल की जेल हो सकती है. कोई व्यक्ति संगठित तरीके से अनुचित साधनों का प्रयोग करता पाया जाता है तो 3 से 10 साल की सजा हो सकती है. 10 लाख या इससे अधिक का जुर्माना भी हो सकता है. दोषी परीक्षार्थी को किसी भी परीक्षा से एक साल के लिए (Bill in Rajasthan on Paper Out Case) प्रतिबंधित किया जा सकता है. तीन साल तक की सजा और जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है.