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गहलोत सरकार ने विद्यार्थियों के लिए लॉन्च किया 'राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम' ब्रिज कोर्स, जानें किन छात्रों को मिलेगा लाभ... - Rajasthan hindi news

कोरोना काल के समय से ही स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों की शिक्षा को काफी नुकसान हुआ. जिसकी भरपाई के लिए गहलोत सरकार ने छात्रों के लिए 'राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम' ब्रिज कोर्स शुरू किया (Rajasthan government launched bridge course) है. सोमवार को सीएम अशोक गहलोत ने इस अभियान का शुभारंभ किया.

Rajasthan growing step in education bridge course for students
राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ ब्रिज कोर्स
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Published : Jul 11, 2022, 8:18 PM IST

जयपुर. कोरोना काल के समय स्टूडेंट्स में हुए लर्निंग लॉस की भरपाई के लिए प्रदेश की गहलोत सरकार ने 'राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम' ब्रिज कोर्स शुरू किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को इस अभियान का शुभारम्भ (Rajasthan government launched bridge course) किया. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता है. इसके साथ सरकार शिक्षकों की समस्याओं के प्रति भी संवेदनशील है.

दो साल के कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी का हुआ है तो वो है स्कूल और कॉलेज के स्टूडेंट्स का. इसमें भी खास कर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्रों को लर्निंग लॉस का सामना करना पड़ा, क्योंकि इस दौरान स्टूडेंट्स के पास ऑन लाइन एजुएकेशन के संसाधन नहीं थे. प्रदेश की गहलोत सरकार अब इन स्टूडेंट्स की लर्निंग लॉस भरपाई के लिए 'राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम' ब्रिज कोर्स शुरू किया है. सीएम अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास से इस अभियान की शुभारम्भ की.

पढ़ें: Mission Buniyaad : डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए ‘मिशन बुनियाद’ कार्यक्रम को सभी जिलों में संचालित करेगी गहलोत सरकार

राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ कार्यक्रम लॉन्च: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर वर्चुअल माध्यम से 'राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम' कार्यक्रम लॉन्च किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण हुए लर्निंग लॉस को पूरा करने के लिए शिक्षा सत्र 2022-23 में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए रेमेडिएशन कार्यक्रम 'राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम' शुरू किया जा रहा है. जिसके अन्तर्गत आयोजित ब्रिज कोर्स में विद्यार्थियों को दक्षता आधारित, आसान और आनंदपूर्ण शिक्षा विधि से अध्ययन करवाया जाएगा. साथ ही उन्होंने शिक्षकों, शिक्षा अधिकारियों, अभिभावकों और बच्चों के लिए ‘फील्ड़ ओरिएन्टेशन’ कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया.

सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान आज शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अद्भुत नवाचारों से देश में मॉडल स्टेट के रूप में पहचान बना रहा है. महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम विद्यालयों का गठन और दक्षता आधारित शिक्षण का विजन दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण बन रहा है. पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान में न केवल शिक्षा के आधारभूत ढांचे का विकास हुआ है. बल्कि अकादमिक प्रगति भी हुई है. कोविड़ के चलते शिक्षण स्थगित होने के बावजूद हमारे विद्यार्थियों को पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए निरंतर प्रयास किए गए हैं. इसी क्रम में कोविड के कारण हुई नौनिहालों की शैक्षिक क्षति की भरपाई के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में 75 करोड़ के वित्तीय प्रावधान से ‘ब्रिज कार्यक्रम’ की घोषणा की थी.

ब्रिज कोर्स से ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम: राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ कार्यक्रम के तहत ब्रिज कोर्स में रटने की बजाए सीखने पर बल दिया जाएगा. ब्रिज कोर्स में कक्षा 1 से 8 के लिए प्रथम तीन माह में 4 कालांश और शेष सम्पूर्ण सत्र में 2 कालांश निर्धारित रहेंगे. योजनान्तर्गत 75 लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिए दक्षता आधारित कार्यपुस्तिकाएं तैयार की जाएगी और वर्ष में 3 बार दक्षता का आकलन किया जाएगा. इस कार्यक्रम के तहत नियमित शिक्षक-अभिभावक बैठकों के साथ विद्यार्थियों के दक्षता आधारित होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड बनाए जाएंगे. इस कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए शिक्षकों की क्षमता संवर्धन के कार्यक्रम संचालित होंगे और कक्षा 3 से 8 तक के सभी शिक्षकों के लिए टीचिंग एड एप की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.

पढ़ें: Rajasthan: गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, अब इन नौकरियों के लिए नहीं देना होगा इंटरव्यू

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में छोटे बच्चों की शिक्षा सबसे अधिक प्रभावित हुई है. सरकार की ओर से शिक्षा जारी रखने के लिए किए गए डिजिटल नवाचारों के बावजूद दूर-दराज के क्षेत्रों के बच्चे शिक्षा से जुड़ नहीं पा रहे थे. ब्रिज कोर्स का मुख्य उद्देश्य इन बच्चों का शैक्षणिक स्तर वर्तमान कक्षा के अनुरूप लाना है. इससे उन्हें भविष्य में तकलीफ नहीं आएगी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ कार्यक्रम का पोस्टर और लोग भी जारी किया.

सरकार शिक्षकों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील: मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है और उनके अशैक्षिक दायित्वों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है. ताकि वे ब्रिज कोर्स का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर सकें. शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता है. इन दोनों क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य होने पर ही देश में गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन का विकास हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगला बजट राज्य के युवाओं और विद्यार्थियों को समर्पित होगा. उन्होंने पुरानी पेंशन योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह निर्णय मानवीय दृष्टिकोण से लिया गया है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को देश भर में ओपीएस लागू करने के लिए सकारात्मक रूप से विचार करना चाहिए.

कोरोना काल में डिजिटल लर्निंग का बढ़ा महत्व: मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सभी राजकीय और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में स्मार्ट टी.वी., सेटअप बॉक्स और इंटरनेट सुविधा दी जा रही है. कोरोना काल में शिक्षण में आई बाधा के समय विद्यार्थियों की बुनियादी दक्षताओं को ध्यान में रखकर ‘आओ घर में सीखें-2.0’ के तहत घर पर रहकर विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म और टीवी और रेडियो आदि के माध्यम से शैक्षिक गतिविधियां जारी रखी गई. इनमें स्माइल-3.0, ई-कक्षा, शिक्षा-दर्शन, शिक्षा-वाणी एवं हवा महल सहित अन्य कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को डिजिटल अध्ययन सामग्री के साथ ही गृहकार्य दिया गया और अध्ययन की निरंतरता को बनाए रखा गया.

पढ़ें: Gehlot Government on Recruitment Interview: गहलोत सरकार का भर्तियों में पारदर्शिता के लिए बड़ा निर्णय, अब अधिकांश भर्तियों में साक्षात्कार समाप्त

1206 महात्मा गांधी राजकीय (अंग्रेजी माध्यम) विद्यालय खोले गए: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अंग्रेजी भाषा में दक्षता विकसित करने और गरीब विद्यार्थियों तक अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2019 से ‘फ्लैगशिप योजना’ के रूप में महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) प्रारम्भ किए गए. आमजन के रुझान को देखते हुए राज्य में अब तक कुल 1206 महात्मा गांधी राजकीय (अंग्रेजी माध्यम) विद्यालय खोले जा चुके हैं. कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थी इन अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में पढ़कर प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे.

4441 माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक स्तर में किया क्रमोन्नत: गहलोत ने कहा कि जहां विद्यालय नहीं थे, उन ग्राम पंचायतों में 40 नये प्राथमिक विद्यालय खोले गए हैं. सभी 3832 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में तथा 397 बालिका माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक स्कूलों में अपग्रेड किया गया. राज्य में 162 नये राजकीय प्राथमिक विद्यालय खोलने के साथ ही 1177 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया गया है. इसी तरह 1127 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक स्तर, 4441 माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक स्तर में क्रमोन्नत किया गया है. 446 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को सीधे ही उच्च माध्यमिक विद्यालय स्तर तक क्रमोन्नत किया गया है.

जयपुर. कोरोना काल के समय स्टूडेंट्स में हुए लर्निंग लॉस की भरपाई के लिए प्रदेश की गहलोत सरकार ने 'राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम' ब्रिज कोर्स शुरू किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को इस अभियान का शुभारम्भ (Rajasthan government launched bridge course) किया. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता है. इसके साथ सरकार शिक्षकों की समस्याओं के प्रति भी संवेदनशील है.

दो साल के कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी का हुआ है तो वो है स्कूल और कॉलेज के स्टूडेंट्स का. इसमें भी खास कर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्रों को लर्निंग लॉस का सामना करना पड़ा, क्योंकि इस दौरान स्टूडेंट्स के पास ऑन लाइन एजुएकेशन के संसाधन नहीं थे. प्रदेश की गहलोत सरकार अब इन स्टूडेंट्स की लर्निंग लॉस भरपाई के लिए 'राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम' ब्रिज कोर्स शुरू किया है. सीएम अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास से इस अभियान की शुभारम्भ की.

पढ़ें: Mission Buniyaad : डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए ‘मिशन बुनियाद’ कार्यक्रम को सभी जिलों में संचालित करेगी गहलोत सरकार

राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ कार्यक्रम लॉन्च: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर वर्चुअल माध्यम से 'राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम' कार्यक्रम लॉन्च किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण हुए लर्निंग लॉस को पूरा करने के लिए शिक्षा सत्र 2022-23 में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए रेमेडिएशन कार्यक्रम 'राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम' शुरू किया जा रहा है. जिसके अन्तर्गत आयोजित ब्रिज कोर्स में विद्यार्थियों को दक्षता आधारित, आसान और आनंदपूर्ण शिक्षा विधि से अध्ययन करवाया जाएगा. साथ ही उन्होंने शिक्षकों, शिक्षा अधिकारियों, अभिभावकों और बच्चों के लिए ‘फील्ड़ ओरिएन्टेशन’ कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया.

सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान आज शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अद्भुत नवाचारों से देश में मॉडल स्टेट के रूप में पहचान बना रहा है. महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम विद्यालयों का गठन और दक्षता आधारित शिक्षण का विजन दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण बन रहा है. पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान में न केवल शिक्षा के आधारभूत ढांचे का विकास हुआ है. बल्कि अकादमिक प्रगति भी हुई है. कोविड़ के चलते शिक्षण स्थगित होने के बावजूद हमारे विद्यार्थियों को पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए निरंतर प्रयास किए गए हैं. इसी क्रम में कोविड के कारण हुई नौनिहालों की शैक्षिक क्षति की भरपाई के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में 75 करोड़ के वित्तीय प्रावधान से ‘ब्रिज कार्यक्रम’ की घोषणा की थी.

ब्रिज कोर्स से ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम: राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ कार्यक्रम के तहत ब्रिज कोर्स में रटने की बजाए सीखने पर बल दिया जाएगा. ब्रिज कोर्स में कक्षा 1 से 8 के लिए प्रथम तीन माह में 4 कालांश और शेष सम्पूर्ण सत्र में 2 कालांश निर्धारित रहेंगे. योजनान्तर्गत 75 लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिए दक्षता आधारित कार्यपुस्तिकाएं तैयार की जाएगी और वर्ष में 3 बार दक्षता का आकलन किया जाएगा. इस कार्यक्रम के तहत नियमित शिक्षक-अभिभावक बैठकों के साथ विद्यार्थियों के दक्षता आधारित होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड बनाए जाएंगे. इस कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए शिक्षकों की क्षमता संवर्धन के कार्यक्रम संचालित होंगे और कक्षा 3 से 8 तक के सभी शिक्षकों के लिए टीचिंग एड एप की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.

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उन्होंने कहा कि कोरोना काल में छोटे बच्चों की शिक्षा सबसे अधिक प्रभावित हुई है. सरकार की ओर से शिक्षा जारी रखने के लिए किए गए डिजिटल नवाचारों के बावजूद दूर-दराज के क्षेत्रों के बच्चे शिक्षा से जुड़ नहीं पा रहे थे. ब्रिज कोर्स का मुख्य उद्देश्य इन बच्चों का शैक्षणिक स्तर वर्तमान कक्षा के अनुरूप लाना है. इससे उन्हें भविष्य में तकलीफ नहीं आएगी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ कार्यक्रम का पोस्टर और लोग भी जारी किया.

सरकार शिक्षकों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील: मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है और उनके अशैक्षिक दायित्वों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है. ताकि वे ब्रिज कोर्स का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर सकें. शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता है. इन दोनों क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य होने पर ही देश में गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन का विकास हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगला बजट राज्य के युवाओं और विद्यार्थियों को समर्पित होगा. उन्होंने पुरानी पेंशन योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह निर्णय मानवीय दृष्टिकोण से लिया गया है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को देश भर में ओपीएस लागू करने के लिए सकारात्मक रूप से विचार करना चाहिए.

कोरोना काल में डिजिटल लर्निंग का बढ़ा महत्व: मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सभी राजकीय और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में स्मार्ट टी.वी., सेटअप बॉक्स और इंटरनेट सुविधा दी जा रही है. कोरोना काल में शिक्षण में आई बाधा के समय विद्यार्थियों की बुनियादी दक्षताओं को ध्यान में रखकर ‘आओ घर में सीखें-2.0’ के तहत घर पर रहकर विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म और टीवी और रेडियो आदि के माध्यम से शैक्षिक गतिविधियां जारी रखी गई. इनमें स्माइल-3.0, ई-कक्षा, शिक्षा-दर्शन, शिक्षा-वाणी एवं हवा महल सहित अन्य कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को डिजिटल अध्ययन सामग्री के साथ ही गृहकार्य दिया गया और अध्ययन की निरंतरता को बनाए रखा गया.

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1206 महात्मा गांधी राजकीय (अंग्रेजी माध्यम) विद्यालय खोले गए: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अंग्रेजी भाषा में दक्षता विकसित करने और गरीब विद्यार्थियों तक अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2019 से ‘फ्लैगशिप योजना’ के रूप में महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) प्रारम्भ किए गए. आमजन के रुझान को देखते हुए राज्य में अब तक कुल 1206 महात्मा गांधी राजकीय (अंग्रेजी माध्यम) विद्यालय खोले जा चुके हैं. कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थी इन अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में पढ़कर प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे.

4441 माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक स्तर में किया क्रमोन्नत: गहलोत ने कहा कि जहां विद्यालय नहीं थे, उन ग्राम पंचायतों में 40 नये प्राथमिक विद्यालय खोले गए हैं. सभी 3832 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में तथा 397 बालिका माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक स्कूलों में अपग्रेड किया गया. राज्य में 162 नये राजकीय प्राथमिक विद्यालय खोलने के साथ ही 1177 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया गया है. इसी तरह 1127 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक स्तर, 4441 माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक स्तर में क्रमोन्नत किया गया है. 446 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को सीधे ही उच्च माध्यमिक विद्यालय स्तर तक क्रमोन्नत किया गया है.

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