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New Guideline for Rajasthan Education Institution: स्कूलों को चलानी होगी ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन क्लास

राजस्थान में स्कूली बच्चों में बढ़ते कोरोना केस (Corona in Jaipur Schools) को लेकर गहलोत सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है. स्कूल प्रशासन बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है. उन्हें ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन क्लास भी चलानी पड़ेगी.

new guideline for Rajasthan Schools, Jaipur news
राजस्थान शिक्षण संस्थान के लिए गाइडलाइन
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Published : Nov 26, 2021, 3:42 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 7:55 PM IST

जयपुर. बच्चों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों (corona cases in Jaipur) के देखते हुए गहलोत सरकार (Gehlot Government on Corona Cases) ने बड़ा निर्णय लिया है. नई गाइडलाइन के अनुसार सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन क्लास अनिवार्य (online class mandatory in Rajasthan) रूप से शुरू करनी होगी. इसके साथ ही बच्चों को स्कूल बुलाने से पहले अभिभावकों की लिखित में अनुमति लेनी होगी.

स्कूल प्रशासन बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं कर सकता. गृह विभाग ने जारी की नई गाइडलाइन में कहा है कि विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और विद्यालय के स्टाफ और बस ऑटो के संचालक को कोविड इंजेक्शन की दोनों डोज लेनी अनिवार्य होगी. साथ ही शिक्षण संस्थान में आने वाले बस और ऑटो में बैठने की क्षमता के मुताबिक ही बच्चों को बिठाया जा सकेगा. अगर किसी भी शिक्षण संस्थान में कोई भी विद्यार्थी शिक्षक या कार्मिक कोविड-19 से ग्रसित मिलता है तो स्कूल को 10 दिन के लिए बंद किया जाएगा.

शैक्षणिक गतिविधियों इन निर्देशों की करनी होगी पालना

शिक्षण संस्थानों में आने से पूर्व सभी विद्यार्थियों की ओर से अपने माता-पिता से लिखित में अनुमति लेना अनिवार्य होगा, जो अभिभावक ऑफलाइन अध्य्यन के लिए बच्चों को संस्थान नहीं भेजना चाहते, उनके लिए ऑनलाइन क्लास संचालित करना होगा.

यह भी पढ़ें. Corona in Jaipur School : निजी स्कूल के तीन और बच्चे कोरोना पॉजिटिव

विद्यार्थी की स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी

शिक्षण संस्थानों की और से प्रत्येक शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्टाफ, विद्यार्थी की स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी. स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश मिलेगा. फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा. "No Mask No Entry" की पालना आवश्यक है. यदि किसी विद्यार्थी और स्टाफ ने मास्क नहीं लगाया है तो उसे संस्थान की तरफ से मास्क देना होगा.

नियमित कक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के बीच कम से कम 2 गज की दूरी होनी चाहिए. शिक्षण संस्थानों की ओर से प्रार्थना सभा (Assembly) और अन्य किसी भी प्रकार के भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रम नहीं होंगे. सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सख्ती से करनी होगी. साथ ही कक्षाओं के आवागमन के समय में कुछ समय का अंतराल रखना होगा. जिससे भीड़ एकत्रित न हो.

होस्टल के लिए गाइडलाइन

संस्थान में प्रतिदिन काम में आने वाली स्टेशनरी और अन्य उपकरणों को सैनिटाइज कराना अनिवार्य होगा. जिन शिक्षण संस्थानों की और से छात्रावास का संचालन किया जा रहा है, उनके की तरफ से बाहर से आने वाले छात्रों का आरटीपीसीआर टेस्ट (RTPCR) करवाया जाए और रिपोर्ट आने तक क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.

सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर प्रतिबंध है. उल्लंघन किए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई होगी. संस्थान परिसर में किसी भी विद्यार्थी , शिक्षकगण , कार्मिक के कोविड पॉजिटिव या फिर संभावित संक्रमण की स्थिति बनने पर संस्थान की ओर से संबंधित कक्ष को 10 दिनों के लिए बंद किया जाएगा. किसी विद्यार्थी, शिक्षकगण, कार्मिक में कोविड-19 के लक्षण मिलने पर उसे तुरंत निकट के अस्पताल ले जाने की व्यवस्था करनी होगी.

यह भी पढ़ें. Students Tests Corona Positive: जयश्री पेड़ीवाल स्कूल के 12 बच्चे कोरोना संक्रमित, शिक्षा मंत्री ने बुलाई बैठक

शिक्षण संस्थानों की ओर से अभिभावक को यह परामर्श दिया जाए कि किसी भी छात्र या उसके परिवार के किसी भी सदस्य के बीमार होने पर उसकी सूचना विद्यालय और स्थानीय प्रशासन का दी जाए. चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग, स्वायत्त शासन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से कोविड उपयुक्त व्यवहार के संबंध में सघन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से लगातार मॉनिटरिंग और निरीक्षण संस्थान की ओर से विद्यालयों में कोविड गाईडलाइन की पालना सुनिश्चित कराई जाए. कोविड गाइडलाइंस की पालना के लिए विद्यालय प्रधान और स्कूल प्रशासन उत्तरदायी होंगे.

प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में शिक्षण गतिविधियों के सुचारू रूप से संचालन के लिए अन्य विस्तृत दिशा-निर्देश शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट की ओर से शिक्षण संस्थानों में कोरोना प्रोटोकॉल और अन्य दिशा-निर्देशों कीअनुपालना की मॉनिटरिंग के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी. किसी भी विद्यालय, हॉस्टल सहित अन्य को कुछ समय के लिए बंद करने या अन्य कोई प्रतिबंध लगाने के लिए जिला कलेक्टर अधिकृत होगें.

जयपुर. बच्चों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों (corona cases in Jaipur) के देखते हुए गहलोत सरकार (Gehlot Government on Corona Cases) ने बड़ा निर्णय लिया है. नई गाइडलाइन के अनुसार सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन क्लास अनिवार्य (online class mandatory in Rajasthan) रूप से शुरू करनी होगी. इसके साथ ही बच्चों को स्कूल बुलाने से पहले अभिभावकों की लिखित में अनुमति लेनी होगी.

स्कूल प्रशासन बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं कर सकता. गृह विभाग ने जारी की नई गाइडलाइन में कहा है कि विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और विद्यालय के स्टाफ और बस ऑटो के संचालक को कोविड इंजेक्शन की दोनों डोज लेनी अनिवार्य होगी. साथ ही शिक्षण संस्थान में आने वाले बस और ऑटो में बैठने की क्षमता के मुताबिक ही बच्चों को बिठाया जा सकेगा. अगर किसी भी शिक्षण संस्थान में कोई भी विद्यार्थी शिक्षक या कार्मिक कोविड-19 से ग्रसित मिलता है तो स्कूल को 10 दिन के लिए बंद किया जाएगा.

शैक्षणिक गतिविधियों इन निर्देशों की करनी होगी पालना

शिक्षण संस्थानों में आने से पूर्व सभी विद्यार्थियों की ओर से अपने माता-पिता से लिखित में अनुमति लेना अनिवार्य होगा, जो अभिभावक ऑफलाइन अध्य्यन के लिए बच्चों को संस्थान नहीं भेजना चाहते, उनके लिए ऑनलाइन क्लास संचालित करना होगा.

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विद्यार्थी की स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी

शिक्षण संस्थानों की और से प्रत्येक शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्टाफ, विद्यार्थी की स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी. स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश मिलेगा. फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा. "No Mask No Entry" की पालना आवश्यक है. यदि किसी विद्यार्थी और स्टाफ ने मास्क नहीं लगाया है तो उसे संस्थान की तरफ से मास्क देना होगा.

नियमित कक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के बीच कम से कम 2 गज की दूरी होनी चाहिए. शिक्षण संस्थानों की ओर से प्रार्थना सभा (Assembly) और अन्य किसी भी प्रकार के भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रम नहीं होंगे. सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सख्ती से करनी होगी. साथ ही कक्षाओं के आवागमन के समय में कुछ समय का अंतराल रखना होगा. जिससे भीड़ एकत्रित न हो.

होस्टल के लिए गाइडलाइन

संस्थान में प्रतिदिन काम में आने वाली स्टेशनरी और अन्य उपकरणों को सैनिटाइज कराना अनिवार्य होगा. जिन शिक्षण संस्थानों की और से छात्रावास का संचालन किया जा रहा है, उनके की तरफ से बाहर से आने वाले छात्रों का आरटीपीसीआर टेस्ट (RTPCR) करवाया जाए और रिपोर्ट आने तक क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.

सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर प्रतिबंध है. उल्लंघन किए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई होगी. संस्थान परिसर में किसी भी विद्यार्थी , शिक्षकगण , कार्मिक के कोविड पॉजिटिव या फिर संभावित संक्रमण की स्थिति बनने पर संस्थान की ओर से संबंधित कक्ष को 10 दिनों के लिए बंद किया जाएगा. किसी विद्यार्थी, शिक्षकगण, कार्मिक में कोविड-19 के लक्षण मिलने पर उसे तुरंत निकट के अस्पताल ले जाने की व्यवस्था करनी होगी.

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शिक्षण संस्थानों की ओर से अभिभावक को यह परामर्श दिया जाए कि किसी भी छात्र या उसके परिवार के किसी भी सदस्य के बीमार होने पर उसकी सूचना विद्यालय और स्थानीय प्रशासन का दी जाए. चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग, स्वायत्त शासन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से कोविड उपयुक्त व्यवहार के संबंध में सघन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से लगातार मॉनिटरिंग और निरीक्षण संस्थान की ओर से विद्यालयों में कोविड गाईडलाइन की पालना सुनिश्चित कराई जाए. कोविड गाइडलाइंस की पालना के लिए विद्यालय प्रधान और स्कूल प्रशासन उत्तरदायी होंगे.

प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में शिक्षण गतिविधियों के सुचारू रूप से संचालन के लिए अन्य विस्तृत दिशा-निर्देश शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट की ओर से शिक्षण संस्थानों में कोरोना प्रोटोकॉल और अन्य दिशा-निर्देशों कीअनुपालना की मॉनिटरिंग के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी. किसी भी विद्यालय, हॉस्टल सहित अन्य को कुछ समय के लिए बंद करने या अन्य कोई प्रतिबंध लगाने के लिए जिला कलेक्टर अधिकृत होगें.

Last Updated : Nov 26, 2021, 7:55 PM IST
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