जयपुर. राजस्थान आकर लंबे समय से लापता चल रहे 684 विदेशी नागरिकों को में से 120 विदेशी नागरिकों के मामले में राज्य गृह विभाग के अभी भी हाथ खाली हैं. प्रदेश की गहलोत सरकार इन लोगों की तलाश नहीं कर पा रही है, जिसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी नाराजगी जताई है.
लापता विदेशी नगरिकों को ढूंढ़ेगी कमेटी
केंद्रीय गृह मंत्रालय की नाराजगी के बाद पिछले दिनों गहलोत सरकार ने प्रदेश में अवैध रूप से निवासरत विदेशी नागरिकों की खोज के लिए एक राज्यस्तरीय कमेटी का गठन किया गया. राज्य गृह विभाग के शासन सचिव की अध्यक्षता में ये राज्यस्तरीय कमेटी गठित की गई थी. यह कमेटी राज्य में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की खोज करेगी.
बड़ी साजिश को अंजाम दे सकते हैं पाकिस्तानी नगरिक
कानून के जानकार बतातें हैं कि ऐसे विदेशी नागरिक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं. रिटायर्ड पुलिस अधिकारी उमेद सिंह कहते हैं कि इस तरह के लोगों को जल्द तलाशना चाहिए. यह लोग किसी भी बड़ी साजिश को अंजाम दे सकते हैं. खासतौर से लापता लोगों में जब पाकिस्तान के नागरिकों की संख्या ज्यादा है, तो इसे बेहद गंभीरता के साथ लेना चाहिए.
120 विदेशी नागरिक अभी भी लापता
हालांकि, इससे पहले भी गहलोत सरकार ने एक राज्यस्तरीय कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने पासपोर्ट वीजा लेकर प्रदेश में आए ऐसे लोगों का पता लगाया था, जो लापता हो गए और वापस अपने देश नहीं गए. राज्य सरकार ने लापता हुए 684 लोगों में से 564 लोगों का पता लगा लिया है.
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राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं लापता विदेशी नागरिक
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को जानकारी भी दे दी है, लेकिन चिंता इस बात की है कि 120 लोग अभी भी लापता हैं, उनमें से पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और म्यांमार के नागरिक शामिल हैं. इन नागरिकों में अधिकतर पाक विस्थापित शामिल हैं. ये लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं.
राजस्थान में आतंकी हमले की आशंका जता चुकी हैं सुरक्षा एजेंसियां
केंद्रीय गृह मंत्रालय की नाराजगी मिली तो राज्य के होम सेक्रेटरी की अध्यक्षता में फिर से कमेटी बना दी गई, जिसमें सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक, रेंज आईजी और सुरक्षा एजेंसी से जुड़े अधिकारियों को शामिल किया गया, लेकिन बड़ा सवाल ये कि इस तरह की कमेटी तो पहले भी बनीं थीं, तो फिर इस नई कमेटी में क्या नया है?
ऐसे में राज्य गृह विभाग को चाहिए कि वो लापता विदेशी नागरिकों के मामले को गंभीरता से ले, ताकि प्रदेश में किसी भी तरह की कोई सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा पैदा न हो, क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां राजस्थान में बड़े आतंकी हमले की आशंका जता चुकी हैं.