जयपुर. प्रदेश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के 9 लोग संक्रमित (9 cases of Omicron in Jaipur) मिलने के बाद अब राजनेता ही बड़े राजनीतिक कार्यक्रमों पर सवाल उठा रहे हैं. सवाल उठाने वाले भाजपा के वे नेता हैं जिन्होंने एक दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम (Amit Shah in Rajasthan) में हजारों लोगों की भीड़ जुटाई थी. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने एक बयान जारी कर गहलोत सरकार पर अपने राजनीतिक कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कोरोना की नई गाइडलाइन जारी नहीं करने का आरोप (Rajendra Rathore on Gehlot Government) लगाया है.
राजेंद्र राठौड़ ने सोमवार को एक ट्वीट कर लिखा कि अगर राज्य सरकार ओमीक्रोन के संबंध में पूर्व में ही गाइडलाइन जारी कर देती तो निश्चित रूप से सार्वजनिक, राजनीतिक और अन्य कार्यक्रमों जिनमें भीड़ जुटाने की संभावना है उसके लिए आवश्यक विचार किया जाता. लेकिन राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया क्योंकि कांग्रेस की आगामी राजनीतिक रैली को सफल बनाने में पार्टी जुटी हुई थी.
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में सबसे पहले मार्च 2020 में इटली के यात्री में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी. उस समय भी राज्य सरकार के कुप्रबंधन और घोर लापरवाही के कारण चिकित्सा व्यवस्था की स्थिति बदहाल थी. मार्च 2020 में कोरोना के पहले केस से बढ़कर राजस्थान में वर्तमान में कोरोना संक्रमित केसों की संख्या 9 लाख 54 हजार 891 हो गई है और अब तक 8 हजार 955 मौतें हो चुकी है.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर (Third Wave of Corona) से निपटने के लिए पूर्व की भांति लापरवाही न बरतें और तत्काल प्रभाव से ट्रेसिंग-टेस्टिंग व वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाएं. साथ ही चिकित्सकीय संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें.
गौरतलब है कि आगामी 12 दिसंबर को जयपुर में कांग्रेस की महंगाई हटाओ रैली (Congress Mehangai Hatao Rally) का आयोजन होने वाला है. जिसमें न केवल राजस्थान बल्कि अन्य प्रदेशों के भी कांग्रेस से जुड़े नेता व कार्यकर्ता शामिल होंगे. वहीं, 5 दिसंबर को जयपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा था, जिसमें भाजपा ने हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाई थी, लेकिन राजनीतिक दलों ने अपने कार्यक्रमों के चलते तेजी से फैल रहे कोरोना के संक्रमण पर ध्यान नहीं दिया और अब जयपुर में ही कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के संक्रमण के 9 लोगों में पुष्टि हुई है. जिसके बाद अब संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है और उसके साथ ही सियासत भी तेज हो गई.