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कृषि उपज मंडी व्यापारियों को राहत, बकाया जमा कराने पर ब्याज और विलंब शुल्क में मिलेगी 75 फीसदी की छूट - जयपुर न्यूज

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने व्यापारियों के हित में निर्णय लेते हुए उनके बकाया मंडी शुल्क एवं अन्य राशि के प्रकरणों के निराकरण के लिए ब्याज माफी योजना-2019 लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बता दें कि मंडी व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से ब्याज माफी योजना प्रारंभ करने का अनुरोध किया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने इसे मंजूरी दे दी है.

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Published : Nov 22, 2019, 7:40 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने कृषि उपज मंडियों के व्यापारियों के हित में निर्णय करते हुए उनके बकाया मंडी शुल्क एवं अन्य राशि के प्रकरणों के निराकरण के लिए ब्याज माफी योजना-2019 लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत 30 सितम्बर 2019 तक के बकाया मंडी शुल्क एवं अन्य राशि 31 मार्च 2020 तक चुकाने पर व्यापारियों को मूल ब्याज राशि तथा विलम्ब शुल्क में 75 प्रतिशत की छूट मिलेगी .

कृषि उपज मंडी व्यापारियों को गहलोत सरकार ने दी राहत

बता दें कि राज्य में मंडी शुल्क एवं अन्य राशि के बकाया रहने की स्थिति में मंडी स्तर पर तथा न्यायालयों में प्रकरण विचाराधीन रहते हैं. बीते दिनों मंडी व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार कर ब्याज माफी योजना प्रारंभ करने का अनुरोध किया था, जिस पर सीएम गहलोत ने इस संबंध में प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.

पढ़ें- अजमेर: भाजपा से बागी हुए पार्षद रविकान्त को पार्टी ने किया निष्कासित

वहीं इस योजना का लाभ ऐसे व्यापारियों को भी मिलेगा, जिन्होंने सम्पूर्ण मूल बकाया राशि अथवा इसका कुछ भाग जमा करा दिया है लेकिन, उन पर ब्याज अथवा विलम्ब शुल्क अभी भी बकाया है. हालांकि, जिन बकायादारों से पूर्व में ब्याज सहित राशि की वसूली हो चुकी है, उन्हें ब्याज में छूट का लाभ नहीं मिल पाएगा. योजना का लाभ लेने के लिए बकायादारों को उनके द्वारा किसी भी न्यायिक स्तर पर दायर वाद एवं प्रकरण वापस लेने होंगे.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने कृषि उपज मंडियों के व्यापारियों के हित में निर्णय करते हुए उनके बकाया मंडी शुल्क एवं अन्य राशि के प्रकरणों के निराकरण के लिए ब्याज माफी योजना-2019 लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत 30 सितम्बर 2019 तक के बकाया मंडी शुल्क एवं अन्य राशि 31 मार्च 2020 तक चुकाने पर व्यापारियों को मूल ब्याज राशि तथा विलम्ब शुल्क में 75 प्रतिशत की छूट मिलेगी .

कृषि उपज मंडी व्यापारियों को गहलोत सरकार ने दी राहत

बता दें कि राज्य में मंडी शुल्क एवं अन्य राशि के बकाया रहने की स्थिति में मंडी स्तर पर तथा न्यायालयों में प्रकरण विचाराधीन रहते हैं. बीते दिनों मंडी व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार कर ब्याज माफी योजना प्रारंभ करने का अनुरोध किया था, जिस पर सीएम गहलोत ने इस संबंध में प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.

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वहीं इस योजना का लाभ ऐसे व्यापारियों को भी मिलेगा, जिन्होंने सम्पूर्ण मूल बकाया राशि अथवा इसका कुछ भाग जमा करा दिया है लेकिन, उन पर ब्याज अथवा विलम्ब शुल्क अभी भी बकाया है. हालांकि, जिन बकायादारों से पूर्व में ब्याज सहित राशि की वसूली हो चुकी है, उन्हें ब्याज में छूट का लाभ नहीं मिल पाएगा. योजना का लाभ लेने के लिए बकायादारों को उनके द्वारा किसी भी न्यायिक स्तर पर दायर वाद एवं प्रकरण वापस लेने होंगे.

Intro:कृषि उपज मंडी व्यापारियों को गहलोत सरकार दी राहत
बकाया जमा कराने पर ब्याज एवं विलम्ब शुल्क में मिलेगी 75 प्रतिशत छूट
जयपुर,
एंकर:- प्रदेश की गहलोत सरकार ने प्रदेश के कृषि उपज मंडियों के व्यापारियों के हित में निर्णय करते हुए उनके बकाया मंडी शुल्क एवं अन्य राशि के प्रकरणों के निराकरण के लिए ब्याज माफी योजना-2019 लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत 30 सितम्बर, 2019 तक के बकाया मंडी शुल्क एवं अन्य राशि 31 मार्च, 2020 तक चुकाने पर व्यापारियों को मूल ब्याज राशि तथा विलम्ब शुल्क में 75 प्रतिशत की छूट मिलेगी , हम आप को बता दे कि राज्य में मंडी शुल्क एवं अन्य राशि के बकाया रहने की स्थिति में मंडी स्तर पर तथा न्यायालयों में प्रकरण विचाराधीन रहते हैं। बीते दिनों मंडी व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार कर ब्याज माफी योजना प्रारंभ करने का अनुरोध किया था। जिस पर सीएम गहलोत ने इस संबंध में प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
इस योजना का लाभ ऎसे व्यापारियों को भी मिलेगा जिन्होंने सम्पूर्ण मूल बकाया राशि अथवा इसका कुछ भाग जमा करा दिया है, लेकिन उन पर ब्याज अथवा विलम्ब शुल्क अभी भी बकाया है। हालांकि जिन बकायादारों से पूर्व में ब्याज सहित राशि की वसूली हो चुकी है, उन्हें ब्याज में छूट का लाभ नहीं मिल पाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए बकायादारों को उनके द्वारा किसी भी न्यायिक स्तर पर दायर वाद एवं प्रकरण वापस लेने होंगे। Body:VoConclusion:Vo
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