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जोधपुर संभाग की अनुसूचित जनजाति समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए मारवाड़ क्षेत्रीय जनजाति विकास बोर्ड का गठन - अर्जुन सिंह बामणिया

गहलोत सरकार ने जोधपुर संभाग की अनुसूचित जनजाति समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए मारवाड़ क्षेत्रीय जनजाति विकास बोर्ड का गठन किया है. इस बोर्ड का मुख्यालय जोधपुर में होगा. बोर्ड में अध्यक्ष, सदस्य सचिव, 13 पदेन सदस्य एवं समुदाय के 6 प्रतिष्ठित लोग शामिल होंगे.

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जोधपुर संभाग की अनुसूचित जनजाति समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए मारवाड़ क्षेत्रीय जनजाति विकास बोर्ड का गठन
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Published : Feb 2, 2021, 4:53 PM IST

जयपुर. आदिवासी समुदाय के विकास के लिए गहलोत सरकार ने अहम निर्णय लेते हुए मारवाड़ क्षेत्रीय जनजाति विकास बोर्ड का गठन किया है. जोधपुर संभाग की अनुसूचित जनजाति समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए इस बोर्ड का गठन किया गया है. जोधपुर संभाग के माडा, माडा कलस्टर और बिखरी जनजाति क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए यह अहम कदम माना जा रहा है. मारवाड़ क्षेत्रीय जनजाति विकास बोर्ड का मुख्यालय जोधपुर में होगा.

बोर्ड में अध्यक्ष, सदस्य सचिव, 13 पदेन सदस्य एवं समुदाय के 6 प्रतिष्ठित लोग सदस्य होंगे. जनजाति क्षेत्रीय विकास (टीएडी) विभाग इसका प्रशासनिक विभाग होगा. जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री अर्जुन सिंह बामणिया ने बताया कि बोर्ड जोधपुर संभाग के अनुसूचित जनजाति समुदाय के उत्थान और विकास के विषय में स्थाई परामर्शदात्री संस्था के रूप में कार्य करेगा. इसके लिए विशेष योजनाओं का निर्माण कर टीएडी और अन्य विभागों के माध्यम से क्रियान्वित करने के लिए राज्य सरकार को संस्तुति करेगा.

पढ़ें: फर्जी डिग्री प्रकरण में ED की बड़ी कार्रवाई...194.17 करोड़ की संपत्ति अटैच

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से बोर्ड को हर साल बजट राशि उपलब्ध कराई जाएगी. सदस्य सचिव की ओर से कार्य योजना तैयार कर बोर्ड से अनुमोदन के पश्चात् टीएडी आयुक्त को भेजी जाएगी. टीएडी आयुक्त कार्य योजना पर राज्य सरकार का अनुमोदन कराकर विभिन्न विभागों के सहयोग से क्रियान्वित कराने के लिए उत्तरदायी होंगे.

मंत्री बामणिया ने बताया कि टीएडी विभाग के प्रमुख शासन सचिव बोर्ड के अध्यक्ष और जोधपुर संभागीय आयुक्त सदस्य सचिव होंगे. जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जालोर, सिरोही और जैसलमेर जिले के कलेक्टर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और विभाग के अतिरिक्त आयुक्त (चतुर्थ) पदेन सदस्य होंगे. इसके अलावा संभाग के प्रत्येक जिले से अनुसूचित जनजाति समुदाय के एक-एक प्रतिष्ठित व्यक्ति सदस्य होंगे. जिनको राज्य सरकार की ओर से 3 साल के लिए मनोनीत किया जाएगा. बोर्ड की ओर से जरूरत होने पर विभिन्न संभागीय एवं जिला स्तरीय अधिकारियों को स्थाई अथवा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बैठकों में आमंत्रित कर कार्य संचालन में सहयोग लिया जा सकेगा.

जयपुर. आदिवासी समुदाय के विकास के लिए गहलोत सरकार ने अहम निर्णय लेते हुए मारवाड़ क्षेत्रीय जनजाति विकास बोर्ड का गठन किया है. जोधपुर संभाग की अनुसूचित जनजाति समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए इस बोर्ड का गठन किया गया है. जोधपुर संभाग के माडा, माडा कलस्टर और बिखरी जनजाति क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए यह अहम कदम माना जा रहा है. मारवाड़ क्षेत्रीय जनजाति विकास बोर्ड का मुख्यालय जोधपुर में होगा.

बोर्ड में अध्यक्ष, सदस्य सचिव, 13 पदेन सदस्य एवं समुदाय के 6 प्रतिष्ठित लोग सदस्य होंगे. जनजाति क्षेत्रीय विकास (टीएडी) विभाग इसका प्रशासनिक विभाग होगा. जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री अर्जुन सिंह बामणिया ने बताया कि बोर्ड जोधपुर संभाग के अनुसूचित जनजाति समुदाय के उत्थान और विकास के विषय में स्थाई परामर्शदात्री संस्था के रूप में कार्य करेगा. इसके लिए विशेष योजनाओं का निर्माण कर टीएडी और अन्य विभागों के माध्यम से क्रियान्वित करने के लिए राज्य सरकार को संस्तुति करेगा.

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उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से बोर्ड को हर साल बजट राशि उपलब्ध कराई जाएगी. सदस्य सचिव की ओर से कार्य योजना तैयार कर बोर्ड से अनुमोदन के पश्चात् टीएडी आयुक्त को भेजी जाएगी. टीएडी आयुक्त कार्य योजना पर राज्य सरकार का अनुमोदन कराकर विभिन्न विभागों के सहयोग से क्रियान्वित कराने के लिए उत्तरदायी होंगे.

मंत्री बामणिया ने बताया कि टीएडी विभाग के प्रमुख शासन सचिव बोर्ड के अध्यक्ष और जोधपुर संभागीय आयुक्त सदस्य सचिव होंगे. जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जालोर, सिरोही और जैसलमेर जिले के कलेक्टर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और विभाग के अतिरिक्त आयुक्त (चतुर्थ) पदेन सदस्य होंगे. इसके अलावा संभाग के प्रत्येक जिले से अनुसूचित जनजाति समुदाय के एक-एक प्रतिष्ठित व्यक्ति सदस्य होंगे. जिनको राज्य सरकार की ओर से 3 साल के लिए मनोनीत किया जाएगा. बोर्ड की ओर से जरूरत होने पर विभिन्न संभागीय एवं जिला स्तरीय अधिकारियों को स्थाई अथवा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बैठकों में आमंत्रित कर कार्य संचालन में सहयोग लिया जा सकेगा.

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