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राजस्थान : केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय से अक्टूबर माह में 1 लाख 10 हजार मीट्रिक टन DAP की मांग

सीएम गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बैठक में उर्वरकों की उपलब्धता की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने बताया कि पूरे देश में डीएपी उर्वरक की कमी है. डीएपी की आपूर्ति सिर्फ भारत सरकार की ओर से की जाती है. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से केन्द्रीय उर्वरक मंत्रालय से लगातार संपर्क कर अक्टूबर माह में एक लाख दस हजार मीट्रिक टन डीएपी राजस्थान को उपलब्ध कराए जाने की मांग की है.

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Published : Oct 18, 2021, 7:58 PM IST

Union Ministry of Fertilizers
गहलोत सरकार की मांग...

जयपुर. प्रदेश में उर्वरकों की उपलब्धता को लेकर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्टूबर महीने में प्रदेश की 1.50 लाख मीट्रिक टन की मांग के विरूद्ध केन्द्र सरकार ने 68 हजार मीट्रिक टन डीएपी स्वीकृत किया है. उसमें से भी अभी तक 60 हजार मीट्रिक टन डीएपी प्राप्त हुआ है. इससे डीएपी आपूर्ति में कमी हुई है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से आपूर्ति में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. पिछले दिनों उनकी ओर से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान प्रदेश में डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति और किसानों को हो रही कठिनाइयों की ओर दिलाया गया. साथ ही केन्द्रीय उर्वरक मंत्री से भी फोन पर बात कर उनसे डीएपी आपूर्ति बढ़ाने की मांग की गई है.

किसानों को एसएसपी के उपयोग के लिए करें जागरूक...

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कृषि अधिकारी किसानों के बीच जाकर उन्हें डीएपी के वैकल्पिक उर्वरकों के बारे में जानकारी दें. किसानों को बताया जाए कि डीएपी की उपलब्धता नहीं होने पर सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) को डीएपी के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. यह तिलहन और दलहन फसलों के लिए अन्य उर्वरकों की अपेक्षा लाभदायक है. इससे फसल उत्पादन में किसी तरह की कमी नहीं आएगी.

पढ़ें : DAP की किल्लत मामले ने पकड़ा सियासी तूल, हनुमान बेनीवाल ने लिखा केंद्रीय मंत्री को पत्र

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसानों को एसएसपी और एनपीके जैसे उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रेरित करें और उन्हें बताएं कि डीएपी के विकल्प के रूप में दोनों कारगर उर्वरक हैं. बैठक में कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि केन्द्रीय उर्वरक मंत्री से उन्होंने डीएपी आपूर्ति बढाने के संबंध में चर्चा की है. इस संबंध में पत्र भी लिखा गया है. केन्द्रीय उर्वरक मंत्री ने राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध कराने के संबंध में आश्वासन दिया है. कुछ अन्य केन्द्रीय मंत्रियों से भी इस संबंध में बात की गई है, ताकि प्रदेश को अक्टूबर माह में जरूरत के अनुसार डीएपी की आपूर्ति मिल सके.

केन्द्रीय अधिकारियों से निरन्तर संपर्क...

केन्द्रीय उर्वरक सचिव एवं अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर राजस्थान को डीएपी की आपूर्ति बढाने का आग्रह किया गया है. राजस्थान को पिछले 6 दिन में डीएपी की 6 रैक और एनपीके की 3.5 रैक मिली है. इससे किसानों को आंशिक राहत मिली है. प्रदेश में पिछले दिनों हुई बारिश के कारण डीएपी की मांग में फिर से वृद्धि हो रही है.

राजस्थान को मांग के विरूद्ध कम आपूर्ति...

बैठक में सामने आया कि डीएपी आपूर्ति में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकरी दी गई. केन्द्र सरकार ने इस साल अप्रेल से सितंबर माह के दौरान 4.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी की मांग के विरूद्ध राजस्थान को 3.07 लाख मीट्रिक टन की ही आपूर्ति की है. अक्टूबर माह में 1.5 लाख मीट्रिक टन मांग के विरूद्ध 68 हजार मीट्रिक टन डीएपी स्वीकृत किया गया. इसमें से अभी 60 हजार मीट्रिक टन की ही आपूर्ति की गई है. केन्द्र सरकार की ओर से 40 हजार मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है.

जयपुर. प्रदेश में उर्वरकों की उपलब्धता को लेकर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्टूबर महीने में प्रदेश की 1.50 लाख मीट्रिक टन की मांग के विरूद्ध केन्द्र सरकार ने 68 हजार मीट्रिक टन डीएपी स्वीकृत किया है. उसमें से भी अभी तक 60 हजार मीट्रिक टन डीएपी प्राप्त हुआ है. इससे डीएपी आपूर्ति में कमी हुई है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से आपूर्ति में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. पिछले दिनों उनकी ओर से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान प्रदेश में डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति और किसानों को हो रही कठिनाइयों की ओर दिलाया गया. साथ ही केन्द्रीय उर्वरक मंत्री से भी फोन पर बात कर उनसे डीएपी आपूर्ति बढ़ाने की मांग की गई है.

किसानों को एसएसपी के उपयोग के लिए करें जागरूक...

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कृषि अधिकारी किसानों के बीच जाकर उन्हें डीएपी के वैकल्पिक उर्वरकों के बारे में जानकारी दें. किसानों को बताया जाए कि डीएपी की उपलब्धता नहीं होने पर सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) को डीएपी के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. यह तिलहन और दलहन फसलों के लिए अन्य उर्वरकों की अपेक्षा लाभदायक है. इससे फसल उत्पादन में किसी तरह की कमी नहीं आएगी.

पढ़ें : DAP की किल्लत मामले ने पकड़ा सियासी तूल, हनुमान बेनीवाल ने लिखा केंद्रीय मंत्री को पत्र

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसानों को एसएसपी और एनपीके जैसे उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रेरित करें और उन्हें बताएं कि डीएपी के विकल्प के रूप में दोनों कारगर उर्वरक हैं. बैठक में कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि केन्द्रीय उर्वरक मंत्री से उन्होंने डीएपी आपूर्ति बढाने के संबंध में चर्चा की है. इस संबंध में पत्र भी लिखा गया है. केन्द्रीय उर्वरक मंत्री ने राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध कराने के संबंध में आश्वासन दिया है. कुछ अन्य केन्द्रीय मंत्रियों से भी इस संबंध में बात की गई है, ताकि प्रदेश को अक्टूबर माह में जरूरत के अनुसार डीएपी की आपूर्ति मिल सके.

केन्द्रीय अधिकारियों से निरन्तर संपर्क...

केन्द्रीय उर्वरक सचिव एवं अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर राजस्थान को डीएपी की आपूर्ति बढाने का आग्रह किया गया है. राजस्थान को पिछले 6 दिन में डीएपी की 6 रैक और एनपीके की 3.5 रैक मिली है. इससे किसानों को आंशिक राहत मिली है. प्रदेश में पिछले दिनों हुई बारिश के कारण डीएपी की मांग में फिर से वृद्धि हो रही है.

राजस्थान को मांग के विरूद्ध कम आपूर्ति...

बैठक में सामने आया कि डीएपी आपूर्ति में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकरी दी गई. केन्द्र सरकार ने इस साल अप्रेल से सितंबर माह के दौरान 4.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी की मांग के विरूद्ध राजस्थान को 3.07 लाख मीट्रिक टन की ही आपूर्ति की है. अक्टूबर माह में 1.5 लाख मीट्रिक टन मांग के विरूद्ध 68 हजार मीट्रिक टन डीएपी स्वीकृत किया गया. इसमें से अभी 60 हजार मीट्रिक टन की ही आपूर्ति की गई है. केन्द्र सरकार की ओर से 40 हजार मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है.

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