जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने माना कि नियोक्ता द्वारा देरी से जमा कराई गई पीएफ राशि पर आयकर वसूल किया जा सकता है. कोर्ट ने दोहराया कि नियोक्ता को भविष्य निधि की राशि ईपीएफ कानून व ईएसआई कानून में निर्धारित तिथि के अनुसार जमा करानी चाहिए. इस मामले में आयकर विवरणी की अंतिम तारीख का लाभ नहीं मिल सकता.
न्यायाधीश अवनीश झींगन व न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने प्रधान आयकर आयुक्त जयपुर-द्वितीय की अपील पर यह आदेश दिया. मामला राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के कर्मचारियों की पीएफ राशि से संबंधित था. निगम ने ईएसआई व ईपीएफ कानून में निर्धारित तारीख के बाद जमा राशि पर आयकर वसूलने के खिलाफ आयकर आयुक्त के पास अपील की थी, जिसमें निगम के पक्ष में आदेश आया। प्रधान आयकर आयुक्त ने इस आदेश को आयकर अपीलीय अधिकरण में चुनौती दी और वहां से राहत नहीं मिलने पर हाईकोर्ट में अपील दायर की.
पढ़ें : Rajasthan: रेत के अवैध खनन मामले में CBI की चार जिलों में 10 ठिकानों पर छापेमारी
सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने आया कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अधिनियम के तहत महीना समाप्त होने के 15 दिन में पीएफ राशि जमा कराना आवश्यक है. इसी तरह कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) अधिनियम के तहत महीना समाप्त होने के 21 दिन के भीतर अंशदान जमा होना आवश्यक है. उधर, आयकर अधिनियम की धारा 43बी में कर विवरणी दाखिल करने की अंतिम तारीख से पहले जमा राशि पर आयकर छूट का प्रावधान है. इस पर कोर्ट ने दोनों पक्षों की सहमति से तय किया कि ईपीएफ व ईएसआई कानून में तय तारीख के बाद जमा राशि पर आयकर से छूट का लाभ नहीं मिल सकता.