जयपुर. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने महकमे को यह निर्देश दिए हैं कि 31 अगस्त को होने वाली डीएलएड परीक्षा में अगर किसी बच्चे को लगता है कि वह अस्वस्थ है और उसमें कोरोना के संक्रमण हैं, तो उसकी परीक्षा बाद में करवा ली जाएगी.
दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस पार्टी नीट और जेईई परीक्षा के विरोध में लगातार धरने प्रदर्शन कर रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को राजस्थान कांग्रेस की ओर से पूरे राजस्थान में धरने प्रदर्शन किए जाएंगे. लेकिन इस परीक्षा के बीच ही राजस्थान में होने वाली डीएलएड परीक्षा को लेकर भी विवाद सामने आया है.
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कांग्रेस पर आरोप लग रहा है कि एक ओर तो वह नीट और जेईई परीक्षा का विरोध कोरोना संक्रमण को लेकर कर रही है. वहीं, दूसरी ओर अपने राज्य में 31 अगस्त को डीएलएड की परीक्षा करवाने जा रही है. जिसमें करीब 6 लाख छात्र परीक्षा देंगे. इस मामले पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि केंद्र की ओर से करवाई जा रही नीट और जेईई परीक्षा और राजस्थान की ओर से कराई जा रही डीएलएड परीक्षा में बहुत अंतर है. इन दोनों की तुलना नहीं की जा सकती है.
इन एग्जाम्स में परीक्षा सेंटर दूर-दूर बनाए गए हैं. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का भी इंतजाम पूरी तरीके से किया गया है. उन्होंने कहा कि इसी तरीके की व्यवस्था के साथ प्रदेश में 10वीं और 12वीं परीक्षा करवाई थी, जबकि उनमें डीएलएड से करीब 3 गुना ज्यादा बच्चों ने एग्जाम दिया था. लेकिन एक भी बच्चे को संक्रमण की शिकायत नहीं आई थी.
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर डीएलएड परीक्षा में एक भी बच्चा अगर यह महसूस करता है कि वह अस्वस्थ है और परीक्षा नहीं दे सकता है तो वह परीक्षा न दे विभाग की ओर से इंतजाम किए जा रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चा जब स्वस्थ होगा तो उसकी परीक्षा दोबारा करवा ली जाएगी. यानी कि मतलब साफ है कि सरकार की ओर से यह निर्देश दिए गए हैं कि अगर किसी बच्चे को सर्दी, जुकाम, बुखार या कोरोना से मिलते जुलते लक्षण है, तो उसके पास ऑप्शन होगा. ऐसी स्थिति में उसकी परीक्षा जब वह स्वस्थ होगा, उस समय अलग से करवा ली जाएगी.