जयपुर. देश मे कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार देश को आत्म निर्भर बनाने के लिए विशेष पैकेज लेकर आई है. वहीं, प्रदेश की गहलोत ने कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच राज्य में फ्लैगशिप योजनाओं की घोषणा कर दी है. राज्य सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों के व्यक्तियों के सशक्तिकरण और उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से इन फ्लैगशिप योजनाओं की घोषणा की है.
आयोजन विभाग की जारी योजनाओं में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, सामाजिक सुरक्षा, रोजगार, समाज के कमजोर समूहों आदि पर राज्य की प्राथमिकताओं को मददेनजर रखते हुए शुद्ध के लिये युद्ध, निरोगी राजस्थान, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना, आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना, एक रुपये किलो गेहूं, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल, मुख्यमंत्री कन्यादान/हथलेवा योजना, सिलिकोसिस पॉलिसी 2019 के अन्तर्गत देय लाभ, मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना, मुख्यमंत्री वृद्धजन सम्मान पेंशन योजना, मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना, पालनहार योजना, राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना 2019 मुख्यमंत्री स्माल स्केल इंडस्ट्रीज प्रमोशन स्कीम, एम.एस.एम.ई. एक्ट - स्व प्रमाणीकरण, राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम (RIPS) 2019. जन-सूचना पोर्टल और जन आधार योजना को पलैगशिप योजनाओं के रूप में घोषित किया है.
आयोजना विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार ने बताया कि फ्लैगशिप योजनाओं का उद्देश्य लोगों के जीवन स्तर में व्यापक स्तर पर सुधार लाना और ये सुनिश्चित करना है कि विकास व्यापक रूप से फैले ताकि आय और रोजगार के मामले में इसका लाभ समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को पर्याप्त रूप से प्राप्त हो.
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उन्होंने बताया कि फ्लैगशिप योजनाएं राज्य के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सबसे पहले ये लगातार समस्या को हल करने की दिशा में एक एकीकृत दृष्टिकोण लेता है, दूसरा समस्याओं के समाधान के प्रयासों को प्राथमिकता दी जाती है तीसरे क्योंकि पलैगशिप कार्यक्रमों के लिए एक बड़ा फंड आवंटित किया जाता है इसलिए फंड की कमी के कारण कार्यक्रम और इसके उद्देश्य प्रभावित नहीं होते है. इन फ्लैगशिप योजनाओं की नियमित मॉनीटरिंग संबंधित विभागों के साथ-साथ जिले के प्रभारी मंत्रियों, सचिवों और संबंधित जिला कलेक्टर की ओर से की जाएगी.