जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान अभूतपूर्व है और ये देव, शौर्य, कला, स्थापत्य और हेरिटेज की भूमि है. मिश्र ने कहा कि राज्यपाल को संवैधानिक आधार पर काम करना होता है और राज्यपाल व राज्य सरकार के समन्वय से राज्य का चतुर्दिक विकास बेहतर तरीके से होता है.
राजभवन में मिश्र के 1 वर्ष के कार्यकाल पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने यह बात कही. इस मौके पर मिश्र के स्वर्णिम 1 वर्ष पर प्रकाशित 'नई सोच-नए आयाम' पुस्तक का लोकार्पण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने किया.
'राजस्थान राजभवन को देश के लिए मिसाल बनाना चाहते हैं'
राज्यपाल ने कहा कि किसी अच्छे कार्यों के लिए राज्य सरकार की तारीफ करते हैं तो किसी कमी के लिए मुख्यमंत्री को अलग से बुलाकर वार्ता भी करते हैं. उन्होंने कहा कि वे चाहते थे कि राजस्थान का सर्वांगी विकास हो. मिश्र के अनुसार राजस्थान के राजभवन को देश के लिए मिसाल बनाना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने यहां संविधान पार्क बनाने का निर्णय भी लिया है.
'राज्यपाल की आत्मीयता का भाव बेमिसाल है'
वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र की आत्मीयता का भाव बेमिसाल है. उन्होंने कहा कि मिश्र लीक से हटकर कार्य करना पसंद करते हैं. उनका व्यक्तित्व और कृतित्व तारीफ के काबिल है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कलराज मिश्र आगे से मुझे फोन करते हैं और प्रदेश की चिंता भी करते हैं.
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गहलोत के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर उन्होंने जिला कलेक्टर तक से बात की है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल की संवेदनशीलता उनका व्यवहार और व्यक्तित्व श्रद्धा के काबिल है. गहलोत ने कहा कि मिश्र का लंबा राजनीतिक अनुभव का लाभ समाज को मिला है. राजस्थान का सौभाग्य है कि उनके जैसा राज्यपाल प्रदेश को मिला.
वहीं, समारोह को संबोधित करते हुए विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि कोविड-19 में प्रदेश को राज्यपाल, मुख्यमंत्री और प्रतिपक्ष का सहयोग मिला. उन्होंने कहा कि इन सभी के प्रदेश को महामारी से लड़ने में बहुत मदद मिली है.
मिश्र की पुस्तक में यह है खास...
कलराज मिश्र की पुस्तक 'नई सोच नए आयाम' 36 अध्यायों में और 168 प्रश्नों में प्रकाशित पुस्तक है. इस पुस्तक में राज्यपाल ने अपनी बात, उनके द्वारा की गई पहल, नवाचार, राजस्थान राजभवन और राज्यपाल सचिवालय की कार्यप्रणाली के बारे में बताया है. पुस्तक के प्रेरणास्त्रोत राज्यपाल कलराज मिश्र ही हैं. पुस्तक का दिशा निर्देशन सचिव सुधीर कुमार और मार्गदर्शन प्रमुख विशेष अधिकारी गोविंद राम जयसवाल और संपादक सहायक निदेशक जनसंपर्क लोकेश चंद्र शर्मा ने किया है.