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शीतला अष्टमी के दिन गुलाबी नगरी में छोटे-छोटे दूल्हा-दुल्हन के साथ गूंजे गौरी मां के गीत

शीतलाष्टमी के दिन गुलाबी नगरी में एक अलग ही नजर देखा गया, जैसे लग रहा था कि छोटे-छोटे बच्चों का विवाह हो रहा था. इस दौरान ढोल-नगाड़ों के बीच गीत गाती हुई महिलाएं इन्हें लेकर उद्यानों में पहुंची.

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Published : Mar 16, 2020, 8:14 PM IST

jaipur news, जयपुर की खबर
छोटे-छोटे दूल्हा दुल्हन के साथ गूंजे गौरी मां के गीत

जयपुर. शीतला अष्टमी पर गुलाबी नगरी का माहौल कुछ अलग ही देखने को मिला. ऐसा लग रहा था, जैसे छोटे-छोटे बच्चों का विवाह हो रहा हैं. इसमें कोई बच्चा दूल्हा के लिबाज में दिखा, तो कोई दुल्हन बनकर नखरे दिखा रहा था. वहीं, किसी जगह लड़कियों का जोड़ा दूल्हा-दुल्हन बना, तो कहीं लड़कों को लड़की बना दिया गया. इस दौरान ढोल-नगाड़ों के बीच गीत गाती हुई महिलाएं इन्हें लेकर उद्यानों में पहुंची.

छोटे-छोटे दूल्हा दुल्हन के साथ गूंजे गौरी मां के गीत

बता दें कि जो महिलाएं गणगौर की पूजा करती है, वे शीतला अष्टमी के दिन पूजा करने के लिए सज-धज कर पार्क में जाती है. साथ ही इस दिन बच्चों को भी ईसर गणगौर के रूप में सजाकर पार्क में ले जाया जाता हैं. इस बीच ढोल नगाड़ों के साथ महिलाे नाचते-गाते हुए उद्यान पहुंचती हैं और विधि विधान से पूजा कर माता गणगौर को प्रसन्न करती हैं. इस पूजा में महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा और लंबी उम्र की कामना करती हैं.

पढ़ें- जयपुर के सिंधी कैंप बस स्टैंड पर धूल मिट्टी से मिलेगा छुटकारा, जल्द पूरा होगा सीमेंटेड निर्माण

इस दौरान महिलाओं ने सुबह शीतला माता की पूजा कर ठंडे पकवान खाए, तो शाम उद्यानों में ढोल नगाड़ों के साथ दूल्हा-दुल्हन के साथ जमकर मस्ती भी की. इस कार्यक्रम में बच्चों को ऐसे सजाया गया, जैसे सच में इनकी शादी हो रही हैं. जानकारी के अनुसार, शीतलाष्टमी से सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं 16 दिन तक गणगौर माता की पूजा करती है.

परंपरागत तरीके निकाली गई ईलाजी की बारात

शीतलाष्टमी पर परंपरागत तरीके निकाली गई ईलाजी की बारात

चित्तौड़गढ़ के कपासन में शीतला अष्टमी के पर्व पर नगर में परम्परागत ढंग से ईलाजी की बारात निकाली गई. इस दौरान ढाणी चबुतरा पुलिस चौकी पर फाग गाया गया. जानकारी के अनुसार नगर में होने वाली ये परंपरा सदियों से चली आ रही हैं, जिसमें नगर के प्रत्येक वर्ग के जवान, बच्चे और वृद्व शिरकत करते है. इस बारात के लिए दोपहर पूर्व पंचायती ढोल के साथ प्रत्येक समाज का एक सदस्य पंच नगर के निर्धारित मार्ग पर घुम कर लोगों को इसमें शरीक होने के लिए न्यौता दिया गया.

जयपुर. शीतला अष्टमी पर गुलाबी नगरी का माहौल कुछ अलग ही देखने को मिला. ऐसा लग रहा था, जैसे छोटे-छोटे बच्चों का विवाह हो रहा हैं. इसमें कोई बच्चा दूल्हा के लिबाज में दिखा, तो कोई दुल्हन बनकर नखरे दिखा रहा था. वहीं, किसी जगह लड़कियों का जोड़ा दूल्हा-दुल्हन बना, तो कहीं लड़कों को लड़की बना दिया गया. इस दौरान ढोल-नगाड़ों के बीच गीत गाती हुई महिलाएं इन्हें लेकर उद्यानों में पहुंची.

छोटे-छोटे दूल्हा दुल्हन के साथ गूंजे गौरी मां के गीत

बता दें कि जो महिलाएं गणगौर की पूजा करती है, वे शीतला अष्टमी के दिन पूजा करने के लिए सज-धज कर पार्क में जाती है. साथ ही इस दिन बच्चों को भी ईसर गणगौर के रूप में सजाकर पार्क में ले जाया जाता हैं. इस बीच ढोल नगाड़ों के साथ महिलाे नाचते-गाते हुए उद्यान पहुंचती हैं और विधि विधान से पूजा कर माता गणगौर को प्रसन्न करती हैं. इस पूजा में महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा और लंबी उम्र की कामना करती हैं.

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इस दौरान महिलाओं ने सुबह शीतला माता की पूजा कर ठंडे पकवान खाए, तो शाम उद्यानों में ढोल नगाड़ों के साथ दूल्हा-दुल्हन के साथ जमकर मस्ती भी की. इस कार्यक्रम में बच्चों को ऐसे सजाया गया, जैसे सच में इनकी शादी हो रही हैं. जानकारी के अनुसार, शीतलाष्टमी से सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं 16 दिन तक गणगौर माता की पूजा करती है.

परंपरागत तरीके निकाली गई ईलाजी की बारात

शीतलाष्टमी पर परंपरागत तरीके निकाली गई ईलाजी की बारात

चित्तौड़गढ़ के कपासन में शीतला अष्टमी के पर्व पर नगर में परम्परागत ढंग से ईलाजी की बारात निकाली गई. इस दौरान ढाणी चबुतरा पुलिस चौकी पर फाग गाया गया. जानकारी के अनुसार नगर में होने वाली ये परंपरा सदियों से चली आ रही हैं, जिसमें नगर के प्रत्येक वर्ग के जवान, बच्चे और वृद्व शिरकत करते है. इस बारात के लिए दोपहर पूर्व पंचायती ढोल के साथ प्रत्येक समाज का एक सदस्य पंच नगर के निर्धारित मार्ग पर घुम कर लोगों को इसमें शरीक होने के लिए न्यौता दिया गया.

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