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जयपुर: सुहागिनें और कुंवारी कन्याएं कल रखेंगी गणगौर तीज का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त... - गणगौर तीज

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को जयपुर में गुरुवार को गणगौर का पर्व है. इस दिन सुहागिन महिलाएं तीज का व्रत रखेंगी और शुभ मुहूर्त में ईसर-गौर की विधि-विधान से पूजा करेंगी.

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कुंवारी कन्याएं कल रखेंगी गणगौर तीज का व्रत
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Published : Apr 14, 2021, 3:19 PM IST

जयपुर. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कल गणगौर का पर्व है. इस दिन सुहागिन महिलाएं तीज का व्रत रखेगी और शुभ मुहूर्त में ईसर-गौर की विधि-विधान से पूजा करेंगी. साथ ही गणगौर की कथा सुन अखंड सुहाग की प्रार्थना कर आशीर्वाद लेंगी.

कुंवारी कन्याएं कल रखेंगी गणगौर तीज का व्रत

ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि हिन्दू धर्म में गणगौर तीज पूजा का विशेष महत्व है, जो इस बार 15 अप्रैल को है. हिंदू पंचाग के अनुसार ईसर-गौर की पूजा के लिए कल सुबह 5 बजकर 30 मिनट से 10 बजकर 45 तक का शुभ मुहूर्त रहेगा.

पढ़ें: Exclusive : महाराणा प्रताप को लेकर इस प्रकार की भाषा शोभा नहीं देती : रघुवीर मीणा

इस मुहूर्त में सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घ आयु और अखंड सुहाग के लिए पूजा-पाठ करेंगी तो वहीं कुंवारी कन्याएं उत्तम वर की प्राप्ति के लिए कथा की श्रवण करेंगी.

बता दें कि तृतीया तिथि का प्रारंभ तो आज दोपहर 12 बजे बाद हो चुका है लेकिन कल दोपहर 3.30 बजे इस तिथि का समापन होगा. इस बीच भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा कर सकेंगे. इस दिन घरों में कई तरह के पकवान भी बनते है और पूरा माहौल लोक गीतों से गूंज उठता है. सही मायने में यह पर्व प्रेम, त्याग, आस्था और समर्पण के साथ सौहार्द का भी प्रतीक है.

जयपुर. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कल गणगौर का पर्व है. इस दिन सुहागिन महिलाएं तीज का व्रत रखेगी और शुभ मुहूर्त में ईसर-गौर की विधि-विधान से पूजा करेंगी. साथ ही गणगौर की कथा सुन अखंड सुहाग की प्रार्थना कर आशीर्वाद लेंगी.

कुंवारी कन्याएं कल रखेंगी गणगौर तीज का व्रत

ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि हिन्दू धर्म में गणगौर तीज पूजा का विशेष महत्व है, जो इस बार 15 अप्रैल को है. हिंदू पंचाग के अनुसार ईसर-गौर की पूजा के लिए कल सुबह 5 बजकर 30 मिनट से 10 बजकर 45 तक का शुभ मुहूर्त रहेगा.

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इस मुहूर्त में सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घ आयु और अखंड सुहाग के लिए पूजा-पाठ करेंगी तो वहीं कुंवारी कन्याएं उत्तम वर की प्राप्ति के लिए कथा की श्रवण करेंगी.

बता दें कि तृतीया तिथि का प्रारंभ तो आज दोपहर 12 बजे बाद हो चुका है लेकिन कल दोपहर 3.30 बजे इस तिथि का समापन होगा. इस बीच भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा कर सकेंगे. इस दिन घरों में कई तरह के पकवान भी बनते है और पूरा माहौल लोक गीतों से गूंज उठता है. सही मायने में यह पर्व प्रेम, त्याग, आस्था और समर्पण के साथ सौहार्द का भी प्रतीक है.

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