जयपुर. राजधानी की प्रतापनगर और डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम पूर्व ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए नीट की परीक्षा में असल अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने जयपुर से दिल्ली जा रहे एक गैंग का खुलासा करते हुए सरगना सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. ताज्जुब की बात यह है कि गिरफ्त में आए आरोपियों में अधिकांश एमबीबीएस के छात्र हैं, जो रुपयों के लालच में आकर NEET के असल अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने के लिए जयपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे.
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गैंग के सदस्यों को दिल्ली जाकर हरीश नाम के एक दलाल से मिलना था, जो उन्हें फर्जी एडमिट कार्ड उपलब्ध करवाकर परीक्षा में बैठाने वाला था. पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी की हल्दीघाटी मार्ग स्थित द राइज अपार्टमेंट में कुछ संदिग्ध लोग ठहरे हुए हैं, जो नीट की परीक्षा में असल अभ्यर्थियों की जगह दूसरे लड़कों को रुपए देकर परीक्षा में बैठाने का काम कर रहे हैं.
सूचना मिलने पर पुलिस ने स्पेशल टीम का गठन कर अपार्टमेंट में दबिश दी, जहां पर उन्हें अनिल कुमार निमावत और शार्दुल शर्मा मिले. दोनों ने नीट की परीक्षा की कोई जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया. पुलिस ने जब दोनों युवकों के मोबाइल लेकर व्हाट्सएप चैट खंगाली तो उसमें कई लड़कों की फोटो, आधार कार्ड, परीक्षा देने से संबंधित दस्तावेज, आरोपियों के लेने देने से संबंधित चैट आदि प्राप्त हुई, जिस पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वह हरीश नाम के एक व्यक्ति के साथ मिलकर नीट के लिए फर्जी परीक्षा देने वाले लड़के जो एमबीबीएस कर रहे हैं, उन्हें लाखों रुपए देने का लालच देकर असल अभ्यार्थियों के एडमिट कार्ड में फोटो को एडिट कर परीक्षा दिलवाते हैं. साथ ही उन्होंने असली अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने वाले फर्जी लड़के टैक्सी नंबर की दो स्विफ्ट डिजायर कार से जयपुर से दिल्ली के लिए रवाना किए जाने की जानकारी पुलिस को दी.
कोटपुतली के पनियाला में पकड़े गए गैंग के सदस्य
असली अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने वाले लड़कों के दिल्ली रवाना होने की सूचना पर पुलिस ने तुरंत कोटपूतली और पनियाला थाना पुलिस से संपर्क कर टैक्सी नंबर के दो वाहनों को रुकवाने के लिए कहा. जिस पर पनियाला थाना पुलिस ने दिल्ली रोड पर नाकाबंदी कर दोनों टैक्सी कार को रोक लिया और उसमें बैठे हुए 6 लड़कों को हिरासत में ले लिया.
हिरासत में लिए गए लड़कों ने अपने नाम जयप्रकाश बेनीवाल, रविंद्र कुमार बेनीवाल, राकेश कुमार गढ़वाल, देवांग कुमावत, हरीश और आशीष चौधरी बताया और नीट की परीक्षा देने दिल्ली जाने की बात कही. जब पुलिस ने हिरासत में लिए गए सभी युवाओं से नीट की परीक्षा से संबंधित प्रवेश कार्ड या परीक्षा से संबंधित कोई अन्य दस्तावेज दिखाने के लिए कहा तो कोई भी युवक किसी भी तरह के दस्तावेज नहीं दिखा सका.
इसके बाद प्रताप नगर थाना पुलिस अनिल निमावत और शार्दुल को लेकर पनियाला थाने पहुंच गई. हिरासत में लिए गए सभी युवकों ने अनिल और हरीश नामक युवक के कहने पर आरयूएचएस के थर्ड ईयर के सीनियर राकेश कुमार के मार्फत रुपयों का लालच देकर नीट के असल अभ्यर्थियों के जगह परीक्षा देने के लिए दिल्ली भेजे जाने की बात कबूली.
फर्जी अभ्यर्थियों को दी एडवांस राशि
प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि गैंग के सरगना अनिल निमावत और शार्दुल शर्मा ने एमबीबीएस थर्ड ईयर के स्टूडेंट राकेश कुमार के जरिए असल अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने जा रहे फर्जी अभ्यर्थियों के खातों में व नकद एडवांस राशि भी जमा करवाई. शेष राशि परीक्षा परिणाम की रैंक के अनुसार देना तय किया गया. रैंक के आधार पर गैंग के सदस्यों को 4-9 लाख रुपए तक देने का आश्वासन दिया गया. गैंग के सरगना ने फर्जी अभ्यर्थियों को परीक्षा से 1 सप्ताह पहले ही प्रताप नगर में एक होटल में ठहराया और उनका सारा खर्चा खुद उठाया. वहीं फर्जी अभ्यर्थियों ने होटल में रहकर परीक्षा के लिए तैयारी भी की.
दलाल को पकड़ने दिल्ली पहुंची टीम
फर्जी अभ्यर्थियों को गिरफ्तार करने के बाद कोटपूतली से जयपुर भेज दिया गया. वही गैंग के सरगना अनिल और शार्दुल को लेकर प्रताप नगर पुलिस दिल्ली के लिए रवाना हुई. दिल्ली पहुंचने के बाद पुलिस ने रोहिणी सेक्टर 18 स्थित होटल चैतन्य में दबिश देकर शुभम मुंडा और शंभू दयाल सैनी को गिरफ्तार किया. दोनों ने रुपयों के लालच में आकर असल अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने की बात कबूली. वहीं, उसके बाद जयपुर पुलिस ने दलाल हरीश की दिल्ली में कई स्थानों पर तलाश की लेकिन वह कहीं नहीं मिला. वहीं, इस कार्रवाई को अंजाम देते हुए पुलिस ने गैंग के सरगना और सदस्यों से 10 मोबाइल और एक लैपटॉप बरामद किया है. फिलहाल, प्रकरण में पुलिस की जांच जारी है.
आर्थिक रूप से कमजोर एमबीबीएस स्टूडेंट्स को शिकार
प्रारंभिक पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि गैंग के सरगना अनिल निमावत और शार्दुल शर्मा अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर आरयूएचएस मेडिकल कॉलेज के ऐसे एमबीबीएस स्टूडेंट को अपना निशाना बनाते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. उसके बाद कॉलेज के ही एक सीनियर स्टूडेंट के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर एमबीबीएस स्टूडेंट से दोस्ती करते हैं और समय-समय पर उनकी आर्थिक मदद करते हैं.
इसके बाद गैंग के सरगना आर्थिक रूप से कमजोर एमबीबीएस स्टूडेंट्स का विश्वास जीतने के बाद उन्हें 7-8 लाख रुपए का आश्वासन देकर नीट परीक्षा के असल अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने के लिए तैयार करते हैं और थोड़ी-थोड़ी रकम का भुगतान भी कर देते हैं. गैंग का सरगना अनिल निमावत खुद भी राष्ट्रीय आयुर्वेदिक संस्थान जयपुर का बीएएमएस का छात्र रहा है, लेकिन वर्ष 2019 में पढ़ाई छोड़कर मेडिकल परीक्षाओं की भर्ती में धांधली करने के धंधे में लिप्त हो गया. आरोपी अनिल निमावत को महंगी गाड़ियों और अत्यधिक महंगे शौक हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए वह इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त है.