जयपुर. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अवसर पर आज अनंत चतुर्दशी को भगवान श्रीहरि विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है. इसके साथ ही 10 दिनों के गणपति उत्सव का समापन भी आज हो रहा है. आज प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता श्रीगणेश की मूर्तियों का विसर्जन किया जा रहा है. बप्पा को सहर्ष विदा करने के साथ अगले वर्ष जल्दी आने की भी प्रार्थना की जा रही है. हांलाकि कोरोना काल में इस बार पंडाल ज्यादा नहीं सजे बड़ी मूर्तियों को नदी और छोटी प्रतिमाओं को भक्तों से घरों में ही घर में ही विसर्जित करने की अपील की गई है.
शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं की प्रतिमा को पवित्र जल में विसर्जित करना चाहिए. इसके लिए समुद्र, नदी और तालाब के जल को प्रमुखता दी गई है. ऐसे में गणेश चतुर्थी पर 22 अगस्त को जिन भक्तों ने 10 दिनों के लिए गणपति बप्पा की स्थापना की थी, वे आज मूर्ति का बहते जल में विसर्जन करेंगे. गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त आज है. यूं तो इस वर्ष गणपति विसर्जन पर पंचक भी लगा है, लेकिन पंचक का विसर्जन पर कोई प्रभाव नहीं होता है क्योंकि गणेश जी खुद ही विघ्नहर्ता हैं. फिर भी विसर्जन करते समय मुहूर्त का ध्यान रखेंगे तो यह और भी शुभ रहेगा.
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मंगलवार होने से आज 3 बजे से 4.30 बजे तक राहु काल रहेगा. ऐसे में सुबह 11 बजे के बाद 3.30 बजे तक कई शुभ योग बन रहे हैं. इस समय भी गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया जाना शुभ होगा. वहीं संध्या काल में 5 बजे से 6.30 बजे तक विसर्जन का मुहूर्त होगा. हांलाकि इस साल कोरोना महामारी की वजह से भीड़ लगने की मनाही है और यह सुरक्षा के लिए जरूरी भी है. ऐसे में अपील की गई है कि छोटी प्रतिमाओं को भक्त घर में ही बड़े बर्तनों में जल भरकर विसर्जित करें या भूमि खोदकर उसमें जल भरकर मूर्ति विसर्जित करें.