जयपुर. राजधानी के विश्वकर्मा थाना इलाके में कृषि उपयोग के लिए कीटनाशक (Fraud with merchant of agricultural use in Jaipur) बनाने के लिए रॉ मटेरियल सप्लाई करने के नाम पर 6 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. इस मामले को लेकर श्याम वाटिका निवासी केशवराज शर्मा ने पुलिस में शिकायत करवाई है. जिसके बाद पुलिस ठग की तलाश में जुट गई.
अधिकारी रामकरण ने बताया कि परिवादी की फर्म एशियन एग्रो इंडस्ट्रीज है जोकि कृषि उपयोग के कीटनाशक निर्मित करती है. इसके निर्माण में काम आने वाले रॉ मटेरियल खरीदने के लिए इंडिया मार्ट की वेबसाईट से इसके सप्लायर सर्च करने पर जायको केमिकल इण्डस्ट्रीज नाम की कंपनी की तरफ से प्रोफाइल पर इन्क्वायरी डाली गई. जिसके बाद शुभम सिंह नामक व्यक्ति का पीड़ित के पास फोन आया. उस व्यक्ति ने स्वयं को कंपनी का सेल्स मैनेजर बताया, साथ ही उनके तरफ से बेचे जाने वाले रसायन की मात्रा, क्वालिटी और मूल्य की जानकारी परिवादी को दी. खरीद को लेकर आपसी सहमती के बाद शुभम सिंह ने माल का डिस्पेच सागर और मध्यप्रदेश के डिपो से करवा दिया.
राशि ट्रांसफर करने के बाद ठगी का पता चला: माल डिस्पैच होने की सूचना मिलने के बाद परिवादी ने शुभम सिंह की ओर से बताए गए फर्म के बैंक खाते में 6 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. बता दे कि राशि ट्रांसफर करने के लिए एसबीआई के ऑनलाइन नेट बैंकिंग में बेनिफिश्यरी जोड़ते समय खाताधारक का नाम और खाता संख्या का वेरिफिकेशन करने का कोई साधन नहीं है, लेकिन राशि ट्रांसफर करने के बाद अकाउंट स्टेटमेंट में खाताधारक का नाम मिस्टर छोट्टन प्रसाद नजर आया.
जब इस विषय में परिवादी ने शुभम सिंह से संपर्क किया तो उसने ऐसा होना अप्रत्याशित बताया और व्हाट्सअप पर एक चैक की फोटो भी भेजी. चेक में सभी विवरण वहीं दर्शित थे जो इन्वोइस में अंकित थे. इस पर परिवादी ने बैंक की ब्रांच में जाकर बैंक विवरण की जांच कराई. जांच के दौरान पता चला कि यह खाता संख्या किसी छोट्टन प्रसाद के नाम से ही है. साथ ही बैंक अकाउंट झारखंड राज्य के हजारीबाग जिले के झुरझुरी गाँव की है. जबकि ठग की ओर से व्हाट्सएप पर भेजे गए चैक पर अंकित आईएफएस कोड महाराष्ट्र के ठाणे का था और चैक पर खाताधारक का नाम जियो केमिकल इण्डस्ट्रीज का अंकित था. इस प्रकार से ठगी (fraud of 6 lakhs with agricultural merchant in jaipur) का शिकार होने के बाद पीड़ित ने थाने पहुंच शिकायत दर्ज करवाई. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर ट्रांजैक्शन डिटेल और मोबाइल नंबर के आधार पर जांच करना शुरू किया है.