जयपुर. राजधानी में ठगी के मामले लगातार बढ़ते (Fraud Case In Jaipur ) जा रहे हैं. चोर अलग-अलग तरीके अपनाकर लोगों को अपना शिकार बनाने में लगे हुए हैं. मंगलवार को राजधानी के ब्रह्मपुरी, करधनी, तुंगा, बस्सी और मालपुरा गेट थाने में ठगी के पांच अलग-अलग तरह के मामले दर्ज किए गए हैं. कहीं निवेश के नाम पर, तो कहीं शादी कराने का झांसा देकर, तो कहीं फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी बनकर, तो कहीं क्रेडिट कार्ड को सिक्योर करने का झांसा देकर, कहीं बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बनकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है.
कंपनी में निवेश का झांसा देकर की ठगी : ठगी का पहला मामला करधनी थाने में गोविंदपुरा निवासी (34) विनोद कंवर ने दर्ज करवाया है. शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि कॉलोनी में रहने वाले गजेंद्र सिंह और उसकी पत्नी सुमन देवी ने एक कंपनी खोल रखी है, जिसका हेड ऑफिस हैदराबाद में स्थित होने का झांसा दिया गया. साथ ही जयंत विश्वास, मौसमी विश्वास और आर्यन विश्वास को कंपनी में पार्टनर बताकर उसकी कई सिस्टर कंपनी होने का झांसा देकर कंपनी में निवेश कर 10 दिन में 40% मुनाफा कमाने की बात कही.
ठग दंपति के झांसे में आकर विनोद कंवर ने कंपनी में निवेश के लिए ऑनलाइन आईडी क्रिएट करवाई और 1 करोड़ 66 लाख रुपए कंपनी के विभिन्न खातों में जमा करा दिए. 10 दिन बीत जाने के बाद जब विनोद कंवर ने ठग दंपति से संपर्क कर 40% मुनाफे के साथ निवेश की गई राशि लौटाने के लिए कहा तो ठग दंपति ने हैदराबाद में जयंत विश्वास से संपर्क करने के लिए कहा. इस पर जब विनोद ने हैदराबाद में जयंत से संपर्क किया तो उसने कंपनी की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने का हवाला देकर कुछ दिन में 40% ब्याज के साथ निवेश की गई राशि लौटाने का आश्वासन दिया.
1 महीने का समय बीत जाने के बाद भी जब विनोद को कंपनी की तरफ से कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई तो उसने फिर से जयंत व अन्य लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन सभी के मोबाइल फोन बंद आए. जब विनोद ने ठग दंपति के घर जाकर उनसे बात करने की कोशिश की तो वहां पर भी ताला लगा हुआ मिला. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद विनोद ने करधनी थाने में शिकायत दर्ज करवाई. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर चोरों की तलाश करना शुरू किया है.
फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर बन 6.70 लाख की ठगी : ठगी का दूसरा मामला बस्सी थाने में खेजड़ा वाली ढाणी निवासी विनोद कुमार मीणा ने दर्ज करवाया है. शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि 8 फरवरी को विनोद का एक जानकार विश्राम मीणा उससे मिलने के लिए आया. जिसने खुद को इनकम टैक्स ऑफिसर बताया और साथ ही एक कार खरीदकर उसे ऑफिस में लगाने की बात कही. विश्राम मीणा ने विनोद से कहा कि वह इनकम टैक्स ऑफिसर है. जिसके चलते वह खुद के नाम से बैंक से लोन नहीं ले सकता और गाड़ी खरीदने के लिए उसे 6.70 लाख रुपए की जरूरत है.
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विश्राम ने विनोद से उक्त राशि मांगी और सारी राशि अपनी सैलरी में से वापस लौटाने का आश्वासन (Jaipur Crime News) दिया. इसके बाद विश्राम ने 100 रुपए के स्टांप पेपर पर लिखा पढ़ी की और एसबीआई बैंक का एक चेक 6.70 लाख रुपए की राशि भरकर अपने हस्ताक्षर कर आधार कार्ड औक अपनी नौकरी के आई कार्ड की फोटो कॉपी के साथ विनोद को दे दिया. इस प्रकार से विनोद को पूरी तरह से अपने झांसे में लेकर विश्राम ने 6.70 लाख रुपए प्राप्त कर लिए.
कुछ दिनों बाद जब विनोद ने विश्राम को दिया गया चेक बैंक में लगाया तो फर्जी साइन होने के चलते वह चेक अनादरित हो गया. इस पर जब विनोद ने विश्राम से फोन पर संपर्क करना चाहा तो उसका मोबाइल बंद आया. वहीं विश्राम को ढूंढते हुए विनोद जब इनकम टैक्स ऑफिस पहुंचा तब उसे विश्राम की आई कार्ड फर्जी होने का पता चला. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद विनोद ने पुलिस थाने पहुंच विश्राम के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज करवाया. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपी की तलाश करना शुरू किया है.
शादी कराने का झांसा दे 2.40 लाख की ठगी : ठगी का तीसरा मामला तुंगा थाने में लालसोट निवासी दुष्यंत ने दर्ज करवाया है. शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि दुष्यंत ने अपने परिचित जगदीश और बबलू से उसकी शादी करवाने की बात करी. जिस पर आरोपियों ने पीड़ित को शादी करवाने का झांसा दिया और शादी में 2.40 लाख रुपए का खर्चा होने की बात कही. इसके बाद आरोपी पीड़ित को वाराणसी ले गए और पूजा नामक युवती से कोर्ट में ले जाकर शादी करवा दी. इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित से 2.40 लाख रुपए की राशि प्राप्त कर ली और पीड़ित को पूजा के साथ जयपुर रवाना कर दिया.
जयपुर पहुंचने पर पूजा ने पीड़ित को बताया कि वह सिर्फ 2 दिन उसके पास रहेगी और फिर वापस अपने घर लौट जाएगी. वह पहले से शादीशुदा है और गर्भवती है, जिसे सिर्फ 2 दिन जयपुर रहने की बात कहकर भेजा गया है. इसके बाद पूजा घर में हंगामा कर वापस वाराणसी लौट गई और जब पीड़ित ने आरोपियों से संपर्क कर उसके साथ धोखा करने की बात कही तो आरोपियों ने पीड़ित को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी और राशि भी वापस लौटाने से इंकार कर दिया. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद दुष्यंत ने पुलिस थाने पहुंच ठगी का मामला दर्ज करवाया. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच करना शुरू किया है.
बैंक कस्टमर केयर अधिकारी बन 2 लाख की ठगी : ठगी का चौथा मामला मालपुरा गेट थाने में कुशल नगर निवासी (53) विजय कुमार गर्ग ने दर्ज करवाया है. शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि पीड़ित को ऑनलाइन बैंकिंग में किसी तरह की समस्या आ रही थी, जिस पर उसने गूगल से एसबीआई कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर उस पर कॉल किया. पीड़ित ने फोन कर अपनी समस्या बताई जिसके बाद पीड़ित को उसी नंबर से कॉल बैक आया और फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को कस्टमर केयर अधिकारी बताया.
इसके बाद पीड़ित से उसके बैंक खाते की तमाम जानकारी मांगी गई और खाते से 2 लाख रुपए (Cyber Fraud In Jaipur) का ट्रांजैक्शन कर लिया. जब पीड़ित के मोबाइल पर खाते से रुपए कटने का मैसेज आया तो उसने फिर से उस नंबर पर कॉल करने का प्रयास किया, लेकिन वह नंबर स्विच ऑफ आया. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित ने पुलिस थाने पहुंच मामला दर्ज करवाया. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर ट्रांजैक्शन डिटेल और मोबाइल नंबर के आधार पर जांच करना शुरू किया है.
क्रेडिट कार्ड को सिक्योर करने का झांसा दे 1.27 लाख की ठगी : ठगी का पांचवां मामला ब्रह्मपुरी थाने में सीकर रोड निवासी (47) अजय दत्त रावल ने दर्ज करवाया है. शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि पीड़ित एक एक्सपोर्ट कंपनी में काम करता है. जिसके पास मंगलवार दोपहर एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को बैंक प्रतिनिधि बता कर क्रेडिट कार्ड को सिक्योर कराने का झांसा दिया. ठग के झांसे में आकर पीड़ित अपने क्रेडिट कार्ड को सिक्योर कराने के लिए तैयार हो गया.
जिसके बाद पीड़ित ने अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी ठग (Cyber Fraud In Jaipur) के साथ साझा कर दी और मोबाइल पर आए दो ओटीपी नंबर भी ठग को बता दिए. इसके बाद पीड़ित के क्रेडिट कार्ड अकाउंट से ठग ने 1.27 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन कर लिया. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित ने पुलिस थाने पहुंच शिकायत दर्ज करवाई. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर ट्रांजैक्शन डिटेल और मोबाइल नंबर के आधार पर जांच करना शुरू किया है.