जयपुर. राजधानी के महेश नगर थाना इलाके में एक एएसआई के बेटे और उसके मित्र को सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर 3.75 लाख रुपए की ठगी करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. ताज्जुब की बात यह है कि जब ठगी का शिकार हुए दोनों युवक महेश नगर थाने शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से ही इनकार कर दिया. इसके बाद पीड़ित युवकों को कोर्ट की शरण में जाना पड़ा. कोर्ट की दखलंदाजी के बाद अब जाकर महेश नगर थाने में ठगी का मामला दर्ज किया गया है. महेश नगर थाने में मंगलवार को मामला दर्ज होने के बाद जांच एएसआई रामजीलाल को (Fraud Case in Jaipur) सौंपी गई है.
आईएएस को अपना बहनोई बता कर की ठगी: प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी रामजीलाल ने बताया कि, मई 2020 में एएसआई इंद्राज प्रजापत के सरकारी क्वार्टर पर रविंद्र कुमार उर्फ रवि कुमार अपने एक मित्र के साथ आया था. जिसने अपने मित्र को इंद्राज के समाज का होना बताकर लड़की के लिए रिश्ते की बातचीत करने के लिए मोबाइल नंबर लिया था. इसके बाद रविंद्र लगातार इंद्राज और उसके बेटे गोविंद प्रजापत को व्हाट्सएप पर मैसेज करता रहता था साथ ही समय-समय पर उनसे मिलने उनके क्वार्टर पर आता (Fraud Case in Jaipur) रहता था.
अगस्त 2020 में रविंद्र ने गोविंद प्रजापत को बताया कि सीएमओ में ओएसडी लगे हुए आईएएस अजिताभ शर्मा उसके बहनोई हैं. सचिवालय में क्लर्क की दो पोस्ट पर सीधी भर्ती निकली है, वह भर्ती अजिताभ शर्मा की तरफ से की जाएगी. प्रत्येक पोस्ट के लिए 4 लाख रुपए देने होंगे, जिसमें से दो लाख एडवांस और दो लाख जॉइनिंग पर देने पड़ेंगे. रविंद्र की बातों में आकर गोविंद और उसके एक मित्र ओम प्रकाश गुर्जर ने ऑनलाइन ट्रांसफर और नगद भुगतान के माध्यम से रविंद्र को कुल 3.75 लाख रुपए दे दिए. इसके बाद रविंद्र परिवादी को फोन और व्हाट्सएप कॉल कर कुछ दिनों में जॉइनिंग लेटर जारी होने और सचिवालय से जॉइनिंग लेटर घर पहुंचाने की बात बोल कर टालता रहा. काफी लंबा समय निकल जाने के बाद भी जब परिवादी और उसकी मित्र को कोई जॉइनिंग लेटर नहीं मिला तो उन्होंने रविंद्र से संपर्क कर 3.75 लाख रुपए वापस करने को कहा. जिस पर रविंद्र ने पहले तो नकद राशि वापस लौटाने का आश्वासन दिया लेकिन बाद में खुद को एक दैनिक न्यूज़पेपर में कार्यरत बताते हुए राशि वापस मांगने पर धमकी देने लगा.
आरोपी ने परिवादी और उसके मित्र का फोन उठाना बंद कर दिया. जिस पर परिवादी और उसका मित्र 6 जून को महेश नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उनकी रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार कर दिया. इसके बाद परिवादी और उसके मित्र ने पुलिस के कई आला अधिकारियों से भी बातचीत की, लेकिन उसके बावजूद भी इनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई. तंग आकर परिवादी और उसके मित्र ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. न्यायालय महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-7 जयपुर महानगर प्रथम की दखलंदाजी के बाद अब जाकर रविंद्र कुमार उर्फ रवि के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर ट्रांजैक्शन डिटेल और मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपी की तलाश करना शुरू (Thug cheated on pretext of government job) किया है.