जयपुर. आपदा में फंसे लोगों को बचाने का काम करने वाली राजस्थान एसडीआरएफ अब समय के साथ साथ खुद को अपग्रेड (Rajasthan SDRF with upgraded techniques) करती जा रही है. साथ ही कई ऐसे आधुनिक उपकरण एसडीआरएफ के बेड़े में शामिल किए गए हैं जो आपदा में फंसे हुए लोगों को नई जिंदगी देने का काम करते हैं.
हाल ही में राजस्थान एसडीआरएफ के बेड़े में अत्याधुनिक तकनीक से युक्त 4 वाटर ड्रोन 'लाइफ बॉय' शामिल किए गए हैं. यह वाटर ड्रोन हवा में उड़ने वाले ड्रोन से बिल्कुल अलग प्रकार के हैं और इनकी बनावट भी एक नाव के समान है जो पानी पर तेजी से दौड़ने का काम करते हैं. यदि कोई व्यक्ति पानी में डूब रहा है तो उस तक रिमोट कंट्रोल से संचालित होने वाले वाटर ड्रोन को जल्द से जल्द भेजकर डूबने से बचाया जा सकता है.
राजस्थान एसडीआरएफ के पास मौजूद दो किस्म के ड्रोनः एडीजी एसडीआरएफ सुष्मित विश्वास ने बताया कि राजस्थान एसडीआरएफ को लगातार टेक्निकली अपडेट किया जा रहा है. ऐसे अनेक अत्याधुनिक उपकरण जो बचाव कार्य में रामबाण सिद्ध हो सकते हैं, उन्हें सरकार की ओर से बजट पारित करवाकर एसडीआरएफ के बेड़े में शामिल किया जा रहा है. हाल ही में राजस्थान एसडीआरएफ के बेड़े में वाटर ड्रोन शामिल किए गए हैं जो बाढ़ में फंसे हुए लोगों को बचाने और पानी में डूब रहे लोगों को बचाने में काफी कारगर सिद्ध होंगे.
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वाटर ड्रोन के अलावा एसडीआरएफ के पास एरियल ड्रोन भी (Water Drone Life Boy in Rajasthan SDRF) मौजूद हैं. जिसे आगे और अपग्रेड किया जाएगा, साथ ही ऐसे एरियल ड्रोन बेड़े में शामिल किए जाएंगे जो किसी बड़े क्षेत्र में पानी में फंसे हुए किसी व्यक्ति की लाश की सटीक जानकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आधार पर देंगे. ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन में ज्यादा समय नहीं लगेगा और जल्द बॉडी को रिकवर किया जा सकेगा.
साथ ही एसडीआरएफ के पास पे-लोड ड्रोन भी मौजूद है जो आपदा की स्थिति होने पर राहत कार्य के लिए किसी भी स्थान पर राहत सामग्री पहुंचाने का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में एसडीआरएफ के बेड़े में शामिल किए गए वाटर ड्रोन पानी में डूब रहे लोगों की जिंदगी बचाने में काफी कारगर सिद्ध होंगे. यह वाटर ड्रोन रिमोट कंट्रोल से ऑपरेट किए जाते हैं. इसके संबंध में एसडीआरएफ के जवानों को ट्रेनिंग दी गई है. साथ ही राजस्थान में ऐसे जिले जहां पर बारिश के दौरान बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है, वहां पर इन ड्रोन को तैनात किया गया है.
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इस तरह से काम करता है वाटर ड्रोनः एडीजी एसडीआरएफ सुष्मित विश्वास ने बताया कि एसडीआरएफ के बेड़े में शामिल किए गए वाटर ड्रोन की शेप 'U' आकार की है. यह वाटर ड्रोन भारत में विभिन्न कंपनियों की ओर से आसानी से उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. प्रत्येक ड्रोन की कीमत 6.50 लाख रुपये हैं. वाटर ड्रोन में प्रत्येक तरफ दो हैंडल दिए गए हैं, इस प्रकार के प्रत्येक ड्रोन में चार हैंडल दिए गए हैं. जब भी किसी स्थान पर पानी में चार व्यक्ति डूब रहे होंगे, वहां पर तुरंत रिमोट कंट्रोल (Remote control Water Drone) के जरिए तेजी से वाटर ड्रोन को भेजा जाएगा. वाटर ड्रोन पर मौजूद हैंडल को पकड़कर चारों व्यक्ति खुद को डूबने से बचा सकेंगे. इसके बाद एसडीआरएफ के जवान लाइफ सेविंग बोट के जरिए उन लोगों तक पहुंच कर उन्हें बोट में बैठा कर सुरक्षित स्थान पर ले जा सकेंगे.
15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ता है ड्रोनः एसडीआरएफ कमांडेंट राजकुमार गुप्ता ने बताया कि जब पानी में कोई व्यक्ति डूब रहा होता है तो उस तक मैनुअली पहुंचने में काफी वक्त लगता है. वहीं वाटर ड्रोन 'लाइफ बॉय' के जरिए पानी में डूब रहे व्यक्ति तक बहुत तेजी से व कम समय में पहुंचा जा सकता है. रिमोट कंट्रोल के जरिए वाटर ड्रोन को 1 किलोमीटर के क्षेत्र में 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पानी की सतह पर चलाया जा सकता है. यदि किसी स्थान पर पानी में दो व्यक्ति डूब रहे हैं तो वाटर ड्रोन न केवल उन्हें डूबने से बचा सकता है बल्कि उन दोनों व्यक्तियों को खींच कर सुरक्षित स्थान या किनारे पर भी ले जा सकता है. वर्तमान में प्रदेश में बारिश की स्थिति को देखते हुए जयपुर, उदयपुर, कोटा और अजमेर रेंज में इन वाटर ड्रोन की तैनाती की गई है.