जयपुर. कॉरपोरेट और सामाजिक संगठन भी संकट की इस घड़ी में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एन्ड इंडस्ट्री यानी फोर्टी और ज्वैलर्स एसोसिएशन ने.
जयपुर के राजापार्क स्थित जनता कॉलोनी का जन उपयोगी भवन अब कोविड केयर सेंटर बन गया है. यहां इलाज से लेकर भोजन तक निशुल्क दिया जा रहा है. फोर्टी सरंक्षक, आदर्श नगर विधायक रफीक खान और डॉ सुधीर भंडारी ने इस सेंटर की शुरूआत की है. राजस्थान में किसी व्यापारिक एसोसिएशन की ओर से शुरू किया गया यह पहला कोविड केयर सेंटर है जिसे 20 बेड के साथ शुरू भी कर दिया गया है. जैसे-जैसे मरीज बढ़ेंगे वैसे-वैसे इसे 100 बेड तक का सेंटर बना दिया जाएगा.
फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते जयपुर में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. सरकारी अस्पतालों पर प्रेशर बढ़ रहा है. ऐसे में सरकार के सहयोग के लिए कोविड केयर सेंटर की शुरुआत की गई है. इसमें सभी कोरोना पेशेंट का निशुल्क इलाज किया जाएगा.
कोविड सेंटर का जिम्मा संभाल रहे डॉ शोयब का कहना है कि कोरोना की रिपोर्ट आने वाले मरीजों की स्थिति की जांच की जाएगी. अगर उन्हें दवा लेकर घर पर आइसोलेशन में रहने की जरूरत है तो दवा देकर घर भेजा जाएगा. जिन लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत है उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. अस्पताल में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सुविधा मुहैया है. डॉ शोयब का कहना है कि अस्पताल में बड़ी तादाद में मरीज पहुंच रहे हैं. प्राथमिक उपचार देकर उन्हें घर भेजा जा रहा है. गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन युक्त एम्बुलेंस से आरयूएचएस, एसएमएस या जयपुरिया अस्पताल में रेफर भी किया जा रहा है.
फोर्टी संगठन के सदस्यों की कमेटियां भी कोरोना पीड़ितों की मदद कर रही हैं. सदस्यों की अलग-अलग टीम बनाकर उन्हें जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. फोर्टी महिला विंग की उपाध्यक्ष ललिता कुच्छल ने बताया कि महिला विंग कोविड मरीजों को बेड, ऑक्सीजन, भोजन, दवाइयां उपलब्ध कराने में मदद कर रही है. इसके लिए सोशल मीडिया नेटवर्किंग का सहारा लिया जा रहा है. कोविड पॉजिटिव मरीजों के घर तक खाना और दवाइयां निशुल्क पहुंचाई जा रही हैं.
फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एन्ड इंडस्ट्री और ज्वैलर्स ऐसोसिएशन का यह काम सरकार के साथ साथ कोरोना मरीजों के लिए बड़ी राहत की बात है. जयपुर में सभी कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में बेड फुल हैं. इलाज के लिए मरीजों को भटकना पड़ रहा है. ऐसे में कॉरपोरेट सेक्टर के इन संगठनों ने समाज को संबल दिया है.