जयपुर. राजस्थान में भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य और प्रदेश अध्यक्ष रहे मदन लाल सैनी के निधन से खाली हुई सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है. इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को नामांकन दाखिल कर दिया. वहीं, नामांकन से पहले मनमोहन सिंह ने विधायकों से विधानसभा की हां पक्ष लॉबी में मुलाकात की.
इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चार नामांकन दाखिल किए और हर फार्म में 10 प्रस्तावक रहे. यानी कुल 40 विधायकों ने प्रस्तावक के तौर पर मनमोहन सिंह के नामांकन पर हस्ताक्षर किया. इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी समेत मंत्रिमंडल के सदस्यों, जिनमें 13 में से 10 निर्दलीय विधायकों, 6 बसपा के विधायकों और आरएलडी के एक विधायक सुभाष गर्ग जो अब मंत्री भी हैं ने हस्ताक्षर किए. ऐसे में कांग्रेस के पास कुल 119 विधायकों का समर्थन इस चुनाव में बताया जा रहा है.
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हालांकि, दो बीटीपी के और दो कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक आज नामांकन के दौरान उपस्थित नहीं रहे. लेकिन कांग्रेस के पास इस सीट को जीतने के लिए पर्याप्त संख्या बल खुद अपने दम पर है. बाकी बचे 19 सदस्य उसके पास अतिरिक्त हैं. ऐसे में भाजपा इस सीट पर अपना प्रत्याशी उतारती है, जिसकी संभावना ना के बराबर है तो उसे कम से कम 20 ऐसे विधायकों का समर्थन चाहिए जो या तो क्रॉस वोटिंग करें या फिर गलती से कांग्रेस की जगह भाजपा के प्रत्याशी को वोट दे दें.
ऐसे में भाजपा के प्रत्याशी उतारने की संभावना ना के बराबर है और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जीतना लगभग तय है. इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नामांकन भरने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का धन्यवाद देते हुए कहा कि वह राजस्थान के लिए राज्यसभा में विशेष राज्य का दर्जा दिलवाने का पुरजोर प्रयास करेंगे.