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बृंदा करात बोलीं, जो कल तक तिरंगे को अशुभ मानते थे, वे आज घर-घर तिरंगे की बात कह रहे - Rajasthan hindi news

देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इस आयोजन पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद बृंदा करात ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि जो लोग कल तक तिरंगे को अशुभ मानते थे, वही आज घर-घर तिरंगा लगाने की बात कह रहे हैं.

पूर्व सांसद बृंदा करात
पूर्व सांसद बृंदा करात
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Published : Aug 13, 2022, 6:02 PM IST

Updated : Aug 13, 2022, 7:26 PM IST

जयपुर. देश में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में हर घर तिरंगा (har ghar tiranga abhiyan) का आयोजन भी किया जा रहा है. केंद्र सरकार के इस आयोजन पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद बृंदा करात ने (Brinda Karat target modi government) निशाना साधा है. बृंदा करात ने कहा कि आजादी के आंदोलन में जिन्होंने अपनी कोई भूमिका नहीं निभाई. उस विचारधारा के लोग आज आजादी का अमृत महोत्सव की बात कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जो लोग कल तक तिरंगे को अशुभ मानते थे, और तिरंगे में तीन रंग होने का विरोध करते थे, आज वह घर का तिरंगे की बात कर रहे हैं.

आजादी में इनका कोई योगदान नहीं रहाः बृंदा करात ने कहा कि आजादी को 75 साल पूरे हुए हैं . ये हमारे आजाद देश के लिए गर्व की बात है. लेकिन आज जब भारतीय जनता पार्टी और उनके साथ जो RSS केंद्र में सरकार चला रही है , जब वह आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं, तब सवाल उठते हैं. क्योंकि पूरी आजादी के संघर्ष में वह गायब ही रहे.

पूर्व सांसद बृंदा करात

पढ़ें. केंद्र ने राज्यों से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने की अपील की

बृंदा करात ने आरोप लगाते हुए कहा कि ब्रिटिश ने विभाजन करो और राज करो नीति को अपनाया. आरएएस ने उसका हमेशा साथ दिया और उन्होंने भी इसी नीति पर काम किया और कर रहे हैं. करात ने कहा कि आरएसएस ने हमेशा हिंदुस्तान को संकीर्ण नजरों से देखा. ये तमाम मुद्दे हैं, जिनपर सवाल उठते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि देश को धर्म के नाम पर बांट रहे हैं, लेकिन क्या आजादी में उस धर्म का योगदान नहीं रहा है. सभी धर्मों ने एक साथ मिल कर आजादी की लड़ाई लड़ी है.

तिरंगे का विरोध करने वाले घर-घर तिरंगे की बात कर रहैंः बृंदा करात ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमारा सवाल ये है कि हर घर में तिरंगे की बात हो रही है, लेकिन उस तिरंगे के मूल्य क्या है, यह सवाल जरूर उठेगा. हम पूछते हैं कि हर घर में तिरंगा कौन से मूल्यों को लेकर है?. करात ने आरोप लगाया कि अब क्या ये लोग तिरंगे की बात करेंगे जो कभी यह कहते थे कि तिरंगा अशुभ है. यह तीन रंग का झंडा कभी भी हमारे देशवासी बर्दाश्त या स्वीकार नहीं करेंगे.

पढ़ें. हर घर तिरंगा अभियान को भाजपा विधायक ने दी प्रतियोगिता की शक्ल, जीत पर विधायक कोष से देंगे पुरस्कार...

उन्होंने कहा कि वही संगठन आज जश्न मना रहे हैं. अगर वह अपनी गलतियों को स्वीकार करते तो अच्छी बात है, लेकिन जब हम इतिहास को देखते हैं तो सवाल उठेंगे. उन्होंने कहा कि जब हम सवाल उठाते हैं तो कहते हैं कि हम पॉलिटिक्स कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम आजादी के मूल्यों को साथ लेकर नही चलेंगे तो फिर इस जश्न का कोई अर्थ नहीं निकलता है .

दो चुनौतियां सामने हैंः बृंदा करात ने कहा कि मौजूदा वक्त में दो मुख्य चुनौतियां आज देश के सामने हैं. एक तो देश में पूंजीवादी की वजह से बढ़ रही असमानता खत्म होनी चाहिए. एक पूंजीपति अंबानी और अडानी जो हर दिन में 10 हजार करोड़ कमाते हैं और दूसरी तरफ पूरे हिंदुस्तान की जनता औसतन 90 फीसदी लोगों को 12000 भी नहीं मिलता है. पूंजीवाद की वजह से आज असमानता है, वह देश के लिए खतरनाक है.

पढ़ें. आजादी का अमृत महोत्सव, स्वर्णिम रहा है जयपुर के सवाई मानसिंह टाउन हॉल का इतिहास

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही दलों ने पूंजीवाद को बढ़ावा दिया है. लेकिन बीजेपी बहुमत के आधार पर उन्होंने बहुत तेजी से अग्रसर होकर बढ़ाया है. करात ने कहा कि नई उदारीकरण नीतियों को कांग्रेस ने लागू किया था. इसलिए कांग्रेस को कहें कि वह दूध की धुली हुई है तो वह भी नहीं है. उन्होंने भी इसे आगे बढ़ाया था, लेकिन बीजेपी आज बहुत ज्यादा इसको बढ़ा रही है. बृंदा करात ने आरोप लगाया कि किसान, मजदूरों के जो हालात आज के समय में हैं. वह सबसे बड़ी चुनौती है. करात ने कहा कि हर घर में तिरंगा इसलिए नहीं लगाया जा सकता है, क्योंकि लाखों-करोड़ों लोगों का घर नहीं है. इसलिए हमारे सामने पूंजीवाद बहुत बड़ी चुनौती है. साथ ही दूसरी बड़ी चुनौती धर्म के नाम हो रही राजनीति है. धर्म के नाम पर लोगों को बांटकर राजनीति करना, यह भी हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है. इससे भी हमें सतर्क रहना होगा.

हम विकल्प खड़ा करेंगेः बृंदा करात ने कहा कि तीसरा विकल्प खत्म हो रहा है यह सही नही है. विचारधारा अभी भी बनी हुई है, लेकिन यह सही है कि बीजेपी की हजारों करोड़ों के मैदान में चुनाव अभी लड़ना बहुत कठिन है. साधारण मजदूर, किसान हमारे कैंडिडेट होते हैं, उनके लिए चुनाव लड़ना बहुत कठिन है. इसके बाद भी हम खड़े हैं. उन्होंने कहा कि जब राजस्थान में चुनाव होंगे, उस दौरान हमारा बहुत अच्छा प्रदर्शन होगा. क्योंकि हम संघर्षों के आधार पर चुनाव लड़ेंगे और जनता की मूलभूत आवश्यकताओं और मुद्दों के साथ उनका समर्थन प्राप्त करेंगे.

जयपुर. देश में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में हर घर तिरंगा (har ghar tiranga abhiyan) का आयोजन भी किया जा रहा है. केंद्र सरकार के इस आयोजन पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद बृंदा करात ने (Brinda Karat target modi government) निशाना साधा है. बृंदा करात ने कहा कि आजादी के आंदोलन में जिन्होंने अपनी कोई भूमिका नहीं निभाई. उस विचारधारा के लोग आज आजादी का अमृत महोत्सव की बात कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जो लोग कल तक तिरंगे को अशुभ मानते थे, और तिरंगे में तीन रंग होने का विरोध करते थे, आज वह घर का तिरंगे की बात कर रहे हैं.

आजादी में इनका कोई योगदान नहीं रहाः बृंदा करात ने कहा कि आजादी को 75 साल पूरे हुए हैं . ये हमारे आजाद देश के लिए गर्व की बात है. लेकिन आज जब भारतीय जनता पार्टी और उनके साथ जो RSS केंद्र में सरकार चला रही है , जब वह आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं, तब सवाल उठते हैं. क्योंकि पूरी आजादी के संघर्ष में वह गायब ही रहे.

पूर्व सांसद बृंदा करात

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बृंदा करात ने आरोप लगाते हुए कहा कि ब्रिटिश ने विभाजन करो और राज करो नीति को अपनाया. आरएएस ने उसका हमेशा साथ दिया और उन्होंने भी इसी नीति पर काम किया और कर रहे हैं. करात ने कहा कि आरएसएस ने हमेशा हिंदुस्तान को संकीर्ण नजरों से देखा. ये तमाम मुद्दे हैं, जिनपर सवाल उठते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि देश को धर्म के नाम पर बांट रहे हैं, लेकिन क्या आजादी में उस धर्म का योगदान नहीं रहा है. सभी धर्मों ने एक साथ मिल कर आजादी की लड़ाई लड़ी है.

तिरंगे का विरोध करने वाले घर-घर तिरंगे की बात कर रहैंः बृंदा करात ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमारा सवाल ये है कि हर घर में तिरंगे की बात हो रही है, लेकिन उस तिरंगे के मूल्य क्या है, यह सवाल जरूर उठेगा. हम पूछते हैं कि हर घर में तिरंगा कौन से मूल्यों को लेकर है?. करात ने आरोप लगाया कि अब क्या ये लोग तिरंगे की बात करेंगे जो कभी यह कहते थे कि तिरंगा अशुभ है. यह तीन रंग का झंडा कभी भी हमारे देशवासी बर्दाश्त या स्वीकार नहीं करेंगे.

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उन्होंने कहा कि वही संगठन आज जश्न मना रहे हैं. अगर वह अपनी गलतियों को स्वीकार करते तो अच्छी बात है, लेकिन जब हम इतिहास को देखते हैं तो सवाल उठेंगे. उन्होंने कहा कि जब हम सवाल उठाते हैं तो कहते हैं कि हम पॉलिटिक्स कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम आजादी के मूल्यों को साथ लेकर नही चलेंगे तो फिर इस जश्न का कोई अर्थ नहीं निकलता है .

दो चुनौतियां सामने हैंः बृंदा करात ने कहा कि मौजूदा वक्त में दो मुख्य चुनौतियां आज देश के सामने हैं. एक तो देश में पूंजीवादी की वजह से बढ़ रही असमानता खत्म होनी चाहिए. एक पूंजीपति अंबानी और अडानी जो हर दिन में 10 हजार करोड़ कमाते हैं और दूसरी तरफ पूरे हिंदुस्तान की जनता औसतन 90 फीसदी लोगों को 12000 भी नहीं मिलता है. पूंजीवाद की वजह से आज असमानता है, वह देश के लिए खतरनाक है.

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही दलों ने पूंजीवाद को बढ़ावा दिया है. लेकिन बीजेपी बहुमत के आधार पर उन्होंने बहुत तेजी से अग्रसर होकर बढ़ाया है. करात ने कहा कि नई उदारीकरण नीतियों को कांग्रेस ने लागू किया था. इसलिए कांग्रेस को कहें कि वह दूध की धुली हुई है तो वह भी नहीं है. उन्होंने भी इसे आगे बढ़ाया था, लेकिन बीजेपी आज बहुत ज्यादा इसको बढ़ा रही है. बृंदा करात ने आरोप लगाया कि किसान, मजदूरों के जो हालात आज के समय में हैं. वह सबसे बड़ी चुनौती है. करात ने कहा कि हर घर में तिरंगा इसलिए नहीं लगाया जा सकता है, क्योंकि लाखों-करोड़ों लोगों का घर नहीं है. इसलिए हमारे सामने पूंजीवाद बहुत बड़ी चुनौती है. साथ ही दूसरी बड़ी चुनौती धर्म के नाम हो रही राजनीति है. धर्म के नाम पर लोगों को बांटकर राजनीति करना, यह भी हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है. इससे भी हमें सतर्क रहना होगा.

हम विकल्प खड़ा करेंगेः बृंदा करात ने कहा कि तीसरा विकल्प खत्म हो रहा है यह सही नही है. विचारधारा अभी भी बनी हुई है, लेकिन यह सही है कि बीजेपी की हजारों करोड़ों के मैदान में चुनाव अभी लड़ना बहुत कठिन है. साधारण मजदूर, किसान हमारे कैंडिडेट होते हैं, उनके लिए चुनाव लड़ना बहुत कठिन है. इसके बाद भी हम खड़े हैं. उन्होंने कहा कि जब राजस्थान में चुनाव होंगे, उस दौरान हमारा बहुत अच्छा प्रदर्शन होगा. क्योंकि हम संघर्षों के आधार पर चुनाव लड़ेंगे और जनता की मूलभूत आवश्यकताओं और मुद्दों के साथ उनका समर्थन प्राप्त करेंगे.

Last Updated : Aug 13, 2022, 7:26 PM IST
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