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मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के नाम पर राज्य सरकार ने जनता को ठगा - कालीचरण सराफ

भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के नाम पर राज्य सरकार की ओर से जनता के साथ धोखा किए जाने का आरोप लगाया है. जहां उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बीमा योजना भरने के बावजबद भी शहर के बड़े निजी अस्पताल मरीजों को मुफ्त इलाज नहीं दे रहे हैं और नगद राशि वसूल रहे हैं.

कालीचरण सराफ ने सीएम गहलोत पर साधा निशाना, Kalicharan Saraf targeted CM Gehlot
कालीचरण सराफ ने सीएम गहलोत पर साधा निशाना
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Published : May 25, 2021, 7:26 AM IST

जयपुर. भाजपा विधायक और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के नाम पर राज्य सरकार की ओर से प्रदेश की जनता के साथ धोखा किए जाने का आरोप लगाया है. कालीचरण सराफ के अनुसार स्वास्थ्य बीमा योजना की 850 रुपए प्रीमियम भरने के बाद भी शहर के बड़े निजी अस्पताल मरीजों को मुफ्त इलाज नहीं दे रहे हैं और नगद राशि वसूल रहे हैं.

सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि प्रदेश में एक मई से योजना की शुरुआत हो चुकी है और राज्य सरकार दावा कर रही है कि अनेक गंभीर बीमारियों के साथ-साथ कोविड-19 और ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज भी इस योजना के तहत फ्री किया जाएगा, लेकिन योजना के अंतर्गत आने वाले बड़े निजी अस्पताल कोविड-19 और ब्लैक फंगस मरीजों का इलाज करने से इंकार कर रहे हैं.

अनेक मामलों में तो योजना के तहत भर्ती करने के बाद मरीजों से मनमानी राशि वसूली जा रही है, जबकि योजना के तहत लिस्ट में होने पर निजी अस्पताल मरीजों का मुफ्त इलाज करने के लिए बाध्य हैं. सराफ ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि महत्वाकांशी मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के प्रचार-प्रसार और विज्ञापन पर राज्य सरकार ने सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए खर्च करके जनता के बीच वाह वाही लूटने का प्रयास किया है.

कोरोना काल में आर्थिक तंगी के बावजूद लोगों ने इस उम्मीद से प्रीमियम के 850 रुपए जमा कराकर योजना में रजिस्ट्रेशन कराया कि यदि बीमार पड़ गए, तो मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ मिल सकेगा. फिर भी वे सभी परिवार आज स्वयं को लाचार और ठगा सा महसूस कर रहे हैं.

पढ़ेंः तीसरी लहर की 'दस्तक' : जोधपुर में 23 दिनों में 10 साल तक के 648 बच्चे हुए कोरोना संक्रमित, अप्रैल से अभी तक आंकड़ा 900 के पार

सराफ ने कहा कि प्रीमियम जमा करवाने के बाद फ्री इलाज नहीं मिलना उपभोक्ता अधिकारों के हनन की श्रेणी में आता है. सराफ ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई करें अथवा उन्हें लिस्ट से बाहर निकालें. मुख्य शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अखिल अरोड़ा से फोन पर बात करके योजना के अंतर्गत फ्री इलाज से मना कर रहे शहर के बड़े निजी अस्पतालों की शिकायत की. जिस पर उन्होंने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

जयपुर. भाजपा विधायक और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के नाम पर राज्य सरकार की ओर से प्रदेश की जनता के साथ धोखा किए जाने का आरोप लगाया है. कालीचरण सराफ के अनुसार स्वास्थ्य बीमा योजना की 850 रुपए प्रीमियम भरने के बाद भी शहर के बड़े निजी अस्पताल मरीजों को मुफ्त इलाज नहीं दे रहे हैं और नगद राशि वसूल रहे हैं.

सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि प्रदेश में एक मई से योजना की शुरुआत हो चुकी है और राज्य सरकार दावा कर रही है कि अनेक गंभीर बीमारियों के साथ-साथ कोविड-19 और ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज भी इस योजना के तहत फ्री किया जाएगा, लेकिन योजना के अंतर्गत आने वाले बड़े निजी अस्पताल कोविड-19 और ब्लैक फंगस मरीजों का इलाज करने से इंकार कर रहे हैं.

अनेक मामलों में तो योजना के तहत भर्ती करने के बाद मरीजों से मनमानी राशि वसूली जा रही है, जबकि योजना के तहत लिस्ट में होने पर निजी अस्पताल मरीजों का मुफ्त इलाज करने के लिए बाध्य हैं. सराफ ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि महत्वाकांशी मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के प्रचार-प्रसार और विज्ञापन पर राज्य सरकार ने सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए खर्च करके जनता के बीच वाह वाही लूटने का प्रयास किया है.

कोरोना काल में आर्थिक तंगी के बावजूद लोगों ने इस उम्मीद से प्रीमियम के 850 रुपए जमा कराकर योजना में रजिस्ट्रेशन कराया कि यदि बीमार पड़ गए, तो मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ मिल सकेगा. फिर भी वे सभी परिवार आज स्वयं को लाचार और ठगा सा महसूस कर रहे हैं.

पढ़ेंः तीसरी लहर की 'दस्तक' : जोधपुर में 23 दिनों में 10 साल तक के 648 बच्चे हुए कोरोना संक्रमित, अप्रैल से अभी तक आंकड़ा 900 के पार

सराफ ने कहा कि प्रीमियम जमा करवाने के बाद फ्री इलाज नहीं मिलना उपभोक्ता अधिकारों के हनन की श्रेणी में आता है. सराफ ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई करें अथवा उन्हें लिस्ट से बाहर निकालें. मुख्य शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अखिल अरोड़ा से फोन पर बात करके योजना के अंतर्गत फ्री इलाज से मना कर रहे शहर के बड़े निजी अस्पतालों की शिकायत की. जिस पर उन्होंने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

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