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Rajasthan High Court : पूर्व कलेक्टर इन्द्रसिंह राव और निलंबित IPS मनीष को मिली जमानत

राजस्थान हाइकोर्ट ( Rajasthan High Court) ने बारां के पूर्व कलेक्टर इन्द्रसिंह राव और निलंबित आईपीएस मनीष अग्रवाल को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. दोनों भ्रष्टाचार के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे थे.

Rajasthan High Court Order, Rajasthan High Court
राजस्थान हाइकोर्ट
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Published : Aug 13, 2021, 11:54 AM IST

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे बारां के पूर्व कलेक्टर इन्द्रसिंह राव और निलंबित आईपीएस मनीष अग्रवाल को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश दोनों आरोपियों की द्वितीय जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिए. अदालत ने गत 30 जुलाई को जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा था.

पढ़ें- पदोन्नति के लिए पीएचडी अनिवार्य करने को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

पूर्व कलेक्टर इन्द्रसिंह की ओर से जमानत याचिका में कहा गया कि प्रकरण में आरोप पत्र पेश हो चुका है, लेकिन अभियोजन स्वीकृति जारी नहीं की गई है. जिसके चलते मुकदमे की ट्रायल में देरी हो रही है. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि राज्य सरकार ने आईपीसी के आरोप को लेकर गत 18 जून को आरोपी की अभियोजन स्वीकृति जारी कर केन्द्र सरकार को प्रकरण भेजा गया है. इसके तीन माह के भीतर केन्द्र सरकार को स्वीकृति के संबंध में निर्णय करना होता है.

दूसरी ओर मनीष अग्रवाल की ओर से कहा गया कि उसके मामले में भी आरोप पत्र पेश हो चुका है, जबकि अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण निचली अदालत प्रकरण में प्रसंज्ञान नहीं ले सकती.

गौरतलब है कि पेट्रोल पंप की एनओसी जारी करने की एवज में अपने पीए के जरिए रिश्वत लेने के मामले में इन्द्रसिंह राव और हाईवे निर्माण कंपनी से काम सुचारू कराने के बदले रिश्वत मांगने के मामले में दौसा के पूर्व एसपी मनीष अग्रवाल को एसीबी ने गिरफ्तार किया था.

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे बारां के पूर्व कलेक्टर इन्द्रसिंह राव और निलंबित आईपीएस मनीष अग्रवाल को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश दोनों आरोपियों की द्वितीय जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिए. अदालत ने गत 30 जुलाई को जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा था.

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पूर्व कलेक्टर इन्द्रसिंह की ओर से जमानत याचिका में कहा गया कि प्रकरण में आरोप पत्र पेश हो चुका है, लेकिन अभियोजन स्वीकृति जारी नहीं की गई है. जिसके चलते मुकदमे की ट्रायल में देरी हो रही है. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि राज्य सरकार ने आईपीसी के आरोप को लेकर गत 18 जून को आरोपी की अभियोजन स्वीकृति जारी कर केन्द्र सरकार को प्रकरण भेजा गया है. इसके तीन माह के भीतर केन्द्र सरकार को स्वीकृति के संबंध में निर्णय करना होता है.

दूसरी ओर मनीष अग्रवाल की ओर से कहा गया कि उसके मामले में भी आरोप पत्र पेश हो चुका है, जबकि अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण निचली अदालत प्रकरण में प्रसंज्ञान नहीं ले सकती.

गौरतलब है कि पेट्रोल पंप की एनओसी जारी करने की एवज में अपने पीए के जरिए रिश्वत लेने के मामले में इन्द्रसिंह राव और हाईवे निर्माण कंपनी से काम सुचारू कराने के बदले रिश्वत मांगने के मामले में दौसा के पूर्व एसपी मनीष अग्रवाल को एसीबी ने गिरफ्तार किया था.

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