जयपुर. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के इकलौते सफेद बाघ की मौत पर राजस्थान के वन मंत्री सुखराम बिश्नोई ने दुख जताया है. वन मंत्री ने कहा कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 14 साल के सफेद बाघ राजा की मौत की खबर दुखद है. इस सफेद बाघ की तबीयत करीब एक सप्ताह से खराब चल रही थी. बाघ की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी और इलाज भी किया जा रहा था. लेकिन लीवर और किडनी के फेल हो जाने से बाघ की मौत हो गई.
कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में बाघिन एमटी-2 की मौत के मामले को लेकर वन मंत्री ने कहा कि टाइगर की मौत को लेकर राज्य सरकार बेहद गंभीर है. पीसीसीएफ हॉफ, एनटीसीए के 2 प्रतिनिधियों, स्थानीय अधिकारियों और प्रेस की मौजूदगी में 3 अगस्त की शाम को एमटी-2 का पोस्टमार्टम किया गया और मानक ऑपरेटिंग प्रक्रिया के अनुसार शव का अंतिम संस्कार किया गया.
एनटीसीए के डीआईजी वैभव माथुर भी एमटीआर पहुंचे हैं और उन्होंने बाघिन की मौत वाली जगह और दूसरे क्षेत्रों का निरीक्षण किया है. राजस्थान के वन विभाग ने इस मामले से जुड़े तमाम डाटा एनटीसीए के साथ साझा किए हैं. बाघिन का बचा हुआ शावक काफी कमजोर है, जिसका गहन उपचार किया जा रहा है. दूसरे शावक की तलाश में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. 80 लोगों की टीम बाघिन के शावक की तलाश में जुटी हुई है. वन मंत्री ने कहा कि प्रथम दृष्टया एमटी-2 की मौत की वजह शायद शावक के बचाव में एमटी-1 से हुई भिड़ंत हो सकती है. हालांकि अंतिम तथ्य जांच के बाद ही सामने आ पाएंगे.
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गश्त और निगरानी कर रहे वन कर्मचारियों की ओर से ढिलाई के मामले पर विशेष तौर पर जांच की जा रही है. किसी भी दोषी कर्मचारी- अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ अतिशीघ्र एक्शन लिए जाएंगे. बाघ- बाघिन और मुकुंदरा टाइगर रिजर्व की रक्षा और सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में से एक है. जिनके साथ समझौते का कोई सवाल ही नहीं उठता है.