जयपुर. बीते 11 जुलाई को आगरा रोड स्थित आईसीएफएआई कॉलेज कैंपस में पैंथर घूमते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था. उसके बाद से ही वन विभाग की टीम लगातार इस पैंथर को रेस्क्यू करने के प्रयास कर रही थी.
कॉलेज कैंपस में पिंजरा भी लगाया गया, पैंथर को आकर्षित करने के लिए एक बकरी को भी शिकार के तौर पर बांधा गया, लेकिन पैंथर वन विभाग के जाल में नहीं फंसा. पैंथर लगातार आबादी क्षेत्रों में मूवमेंट कर रहा था. वन विभाग के काफी प्रयासों के बाद भी पैंथर पकड़ में नहीं आ सका. पैंथर के मूवमेंट से आसपास के इलाके में भी दहशत का माहौल बना हुआ था. लोगों का रात के समय घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा था. पैंथर ने खोनागोरियां इलाके में मवेशियों को भी शिकार बनाया था.
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वहीं शुक्रवार सुबह कैम्बे गोल्फ रिसॉर्ट के प्रबंधन ने वन विभाग को सूचना दी कि यहां पर पैंथर को देखा गया है. उसके बाद वन विभाग की टीम ने पिंजरा लगाया और अलसुबह करीब 4 बजे पैंथर इस पिंजरे में कैद हो गया. पैंथर को रेस्क्यू करने के बाद आसपास के क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली. वन विभाग की टीम इस पैंथर का मेडिकल मुआयना करने के बाद इसे झालाना जंगल में छोड़ देगी.
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इसी तरह पैंथर आए दिन जंगलों से निकलकर आबादी क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं. पैंथर भोजन पानी की तलाश में जंगलों से निकलकर आबादी क्षेत्रों में आते हैं. आबादी क्षेत्रों में श्वान का शिकार करने के लिए पैंथर मूवमेंट करते रहते हैं. श्वान आसानी से शिकार हो जाता है, जबकि जंगलों में जंगली जीवों का शिकार मुश्किल होता है. ऐसे में आसान शिकार की तलाश में पैंथर जंगलों से निकलकर आबादी क्षेत्रों में आ जाते हैं.