जोधपुर: लवली कंडारा एनकाउंटर के मामले की जांच के लिए सीबीआई की दिल्ली से आई टीम ने यहां सर्किट हाउस में डेरा डाल दिया. यह सीबीआई का चौदह साल बाद जोधपुर में लंबा कैंप है. इससे पहले 2011 में भंवरी देवी अपहरण और हत्या मामले में सीबीआई ने जोधपुर में कैंप किया था. उस जांच ने तब प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया था. सीबीआई ने तत्कालीन विधायक और मंत्री सहित कई रसूखदारों को गिरफ्तार किया था.
इस बार सीबीआई के निशाने पर राजस्थान पुलिस है. सीबीआई को लवली कंडारा एनकाउंटर प्रकरण में रातानाडा थाने के तत्कालीन सीआई लीलाराम सहित पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच करनी है. इधर, सीबीआई टीम ने जोधपुर पहुंचने के बाद नागौरी गेट थाने में बैठकर जांच शुरू की. इसको लेकर परिवादी पक्ष नाराज है.उन्होंने कहा है कि पुलिस के खिलाफ जांच थाने में बैठकर नहीं हो सकती. वहां कोई भी गवाह जाने से घबराएगा.
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मृतक लवली कंडारा के वकील और परिजनों ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यदि सीबीआई थाने में जांच करेगी तो हम सहयोग नहीं करेंगे. कंडारा के अधिवक्ता वाईके शर्मा ने बताया कि जब जांच पुलिस के खिलाफ है तो थाने में निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती. हमने इसको लेकर जांच अधिकारी को भी अवगत करा दिया है. इसके अलावा हम सीबीआई मुख्यालय को भी पत्र भेज रहे हैं कि अगर नागोरी गेट थाने से ही जांच सीबीआई करेगी तो हम इसमें सहयोग नहीं करेंगे. इधर, लवली की मां ने भी न्याय की मांग करते हुए सीबीआई को निष्पक्ष जांच करने की कही है.
कंडारा के वकील ने कहा कि पूर्व में सीआईडी सीबी ने जांच के दौरान गवाहों को टॉर्चर किया था, इसलिए हमने सीबीआई से जांच मांग की. उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा एनकाउंटर के बाद अपनी जांच में लीपापोती करते हुए कई खामियां छोड़ी, ताकि पुलिसकर्मियों को बचाया जा सके. उन्होंने 2021 में लवली के पोस्टमार्टम का वीडियो भी जारी किया.
इस बार पुलिस निशाने पर: सीबीआई जोधपुर में चौदह साल बाद आई है. इससे पहले भंवरी देवी अपहरण हत्याकांड मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की तो तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार के तत्कालीन केबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा और विधायक मलखान सिंह बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा एक दर्जन से अधिक लोग और गिरफ्तार किए गए. दोनों नेताओं ने लंबा समय न्यायिक अभिरक्षा में बिताया था. महिपाल मदेरणा की तो उपचार के दौरान मृत्यु हो गई, जबकि मलखान सिंह जमानत पर बाहर है. इस सीबीआई की जांच का निशाना पुलिस की ओर है.