जयपुर. राजस्थान सरकार ने प्रदेश में सरकारी भर्ती प्रक्रिया के सुदृढ़ीकरण के लिए बनाई कमेटी की पहली बैठक मंगलवार को हुई. पूर्व आरपीएससी अध्यक्ष एम.एल.कुमावत की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में यूपीएससी की तर्ज पर भर्ती प्रक्रिया समयबद्ध ढंग से पूरा करने के बारे में सुझाव लिए गए. इस दौरान कमेटी ने कहा सरकार ने जिस मंशा के साथ कमेटी का गठन किया है उसे समय पर पूरा करेंगे. आज की पहली बैठक में भर्तियों को लेकर नियम तय किये गए. इसके साथ ही अलग-अलग संगठनों से भी सुझाव लिए ताकि सभी पहलुओं पर काम किया जा सके. कमेटी की अगली बैठक शनिवार को होगी.
एमएल कुमावत ने कहा कि आज पहली बैठक हुई है, दूसरी बैठक शनिवार को होगी. कमेटी तय समय पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. आज की बैठक में कई संगठनों से भी सुझाव लिए हैं. जो सुझाव मिल रहे है उन सुझावों के आधार पर काम किया जायेगा. उन्होंने कहा रिक्तियों का निर्धारण, समय सीमा तय सहित कई ऐसे बिंदु हैं, जिनके ऊपर कमेटी काम करेगी.
इस तरह आगे बढ़ रही कमेटी
- विभागों के स्तर पर रिक्तियों का निर्धारण तय समय पर हो
- भर्ती एजेंसी को अभ्यर्थना भेजने की समय सीमा तय हो
- एजेंसी आयोग/ बोर्ड की ओर से भर्ती कैलेण्डर जारी हो और इसकी पालना सुनिश्चित की जाए
- चयन सूची जारी करने का हो समय तय
- आरक्षित सूची का क्रियान्वयन व उसकी समय सीमा हो तय
- भर्ती प्रक्रिया में न्यायिक विवादों को रोकने की हो विभाग की ओर से हो कोशिश
- प्रक्रिया संबन्धी सेवा नियमों की विभाग की ओर से हो समीक्षा और जरूरी होने पर संशोधन हेतु सुझाव दिए जाएं
इस बारे में सुझाव किये आमंत्रित, इस तरह तय होगा भर्ती कलैंंडर
- विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें 31 जुलाई तक पूरी हों
- रिक्त होने वाले पद, सेवानिवृति, पदोन्नति व अन्य का रिकार्ड 15 अगस्त से पहले तैयार हो
- विभागों की ओर से 31 अगस्त से पहले अर्थना भेजी जाए
- अर्थनाओं का परीक्षण 30 सितंबर से पहले किया जाए
- अर्थनाओं की कमी को 30 अक्टूबर से पहले दूर किया जाए
- 30 नवंबर तक आगामी वर्ष के लिए भर्ती कलैंडर जारी किया जाए
- दस्तावेज सत्यापन के लिए 2 से तीन गुणा अभ्यार्थियों को बुलाया जाए
- प्रशासनिक विभाग के द्वारा चयन सूची प्राप्त होने के 4 सप्ताह के भीतर नियुक्ति आदेश जारी करेंगे
- कार्यग्रहण के लिए 3 सप्ताह से ज्यादा का समय नहीं दिया जाए
- कार्यग्रहण अविधि समाप्त होने के बाद 4 सप्ताह बाद कार्य ग्रहण नहीं करने वाले अभ्यिार्थियों की सूचना ली जाए
- प्रतीक्षा सूची छह माह तक मान्य होती है. इसके बाद विभाग प्रतीक्षा सूची के लिए न नाम मांग सकेंगे न नामों को भर्ती एजेंसी को भेज सकेंगे
बैठक में कमेटी ने बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रतिनिधियों से भी सुझाव लिए. बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा प्रदेश के बेरोजगार इस बात को लेकर ज्यादा असमंजस में रहते है कि कब परीक्षा की तारीख बदल जाएगी. हमने कहा कि कैलेंडर जारी हो 16 लाख बेरोजगार इन्तजार करते हैं. भर्ती परीक्षा का लेकिन उन्हें पता नहीं होता की परीक्षा कब होगी, अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो. साथ ही घोषणओं को पूरा किया जाये.
बेरोजगार एकीकृत महासंघ ने निम्न सुझाव दिये
- परीक्षा कैलेंडर जारी हो
- अधिकारीयों की जिम्मेदारी तय हो
- 6 महीने में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का नियम बने
- बाहरी राज्य के अभ्यर्थियों को रोके जाने व राजस्थान का सामान्य ज्ञान का पेपर बढ़ाया जाए।
- विद्या संबल योजना बंद करने और नियमित भर्ती करने का दिया सुझाव
- पेपर लीक, फर्जी डिग्रियों, नकल प्रकरण को लेकर सख्त नियम बनाएं जाएं
- भर्तियों में अध्ययनरत अभ्यर्थियों को या तो बिठाया नहीं जाए और बिठाया जाए तो उनको लिया जाए
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ दिन पहले भर्तियों के समयबद्ध आयोजन एवं इनसे संबंधित विभिन्न पहलुओं की उच्च स्तरीय समीक्षा करते हुए एक समिति गठित करने के निर्देश दिए थे. सीएम के निर्देश के बाद राजस्थान सरकार ने प्रदेश में सरकारी भर्ती प्रक्रिया के सुदृढ़ीकरण के लिए परीक्षा समय से और सुचारू रूप से पूरा करने, साक्षात्कार सहित पूरी भर्ती प्रक्रिया के सुदृढ़ीकरण के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एमएल कुमावत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है.
यह समिति विभिन्न सेवा नियमों सहित भर्ती प्रक्रिया के सभी पहलुओं का विस्तृत अध्ययन करके एक माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी खेमराज, महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक महावीर प्रसाद, राजस्थान लोक सेवा आयोग की सचिव शुभम चौधरी, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के सलाहकार सेवानिवृत्त आरएएस बद्रीनारायण समिति के सदस्य हैं.
संयुक्त शासन सचिव, कार्मिक (क-2) जय सिंह को समिति के सदस्य सचिव बनाया गया है. समिति विभागों के स्तर पर रिक्तियों के निर्धारण, भर्ती एजेंसियों को अर्थना प्रेषित करने की समय सीमा, भर्ती के लिए वार्षिक कैलेण्डर जारी करने एवं इसकी पालना सुनिश्चित करने, चयन सूची जारी करने की प्रक्रिया, आरक्षित सूची के क्रियान्वयन और उसकी समय सीमा, भर्ती प्रक्रिया में न्यायिक विवादों को रोकने, भर्ती प्रक्रियाओं को सेवा नियमों के प्रावधानों की समीक्षा तथा उनमें आवश्यक संशोधन आदि बिंदुओं पर विचार कर अपने सुझाव लिए हैं.