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किसान ध्यान दें : बीमा मुआवजे के लिए 72 घंटे के अंदर दीजिए बीमा कम्पनी को सूचना - Farmers Insurance Compensation Insurance company information

बरसात एवं ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी और कटी फसलों को हुए नुकसान के बीमा मुआवजे के लिए काश्तकार को 72 घण्टे के भीतर सीधे बीमा कम्पनी को टोल फ्री नम्बर पर सूचित करना होगा.

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किसान फसल मुआवजा
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Published : Mar 24, 2021, 10:33 PM IST

जयपुर. फसल नुकसान के बीमा मुआवजे के लिए काश्तकार को 72 घंटे के भीतर बीमा कम्पनी को सूचना देनी होगी. बरसात एवं ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी और कटी फसलों को हुए नुकसान के बीमा मुआवजे के लिए काश्तकार को 72 घण्टे के भीतर सीधे बीमा कम्पनी को टोल फ्री नम्बर पर सूचित करना होगा.

साथ ही 7 दिन में लिखित में विवरण देना होगा. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि वर्तमान में राज्य के विभिन्न जिलों में असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि के कारण फसलों में नुकसान हो रहा है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत फसलों का बीमा करवाने वाले प्रभावित किसान योजना के प्रावधानों के तहत नुकसान की भरपाई के लिए बीमा क्लेम पाने के हकदार हैं. उन्हें इसके लिए अपनी फसलों में हुए नुकसान की सूचना अधिसूचित बीमा कम्पनियों को देनी होगी.

पढ़ें- अन्नदाता पर दोहरा संकट : खुले में फसल, बारिश की चेतावनी...पटवारियों की हड़ताल, नहीं हो रही गिरदावरी

कृषि मंत्री ने बताया कि स्थानिक आपदा के तहत ओलावृष्टि, भूस्खलन, जल भराव, बादल फटना तथा प्राकृतिक आग के कारण होने वाले फसल नुकसान को व्यक्तिगत आधार पर योजना के अन्तर्गत कवर किया गया है. इसके लिये बीमित फसल के किसान को घटना घटने के 72 घण्टे में जिले के लिए अधिसूचित बीमा कम्पनी के टोल फ्री नं. पर अथवा वित्तीय संस्थान, बीमा कम्पनी के कार्यालय अथवा कृषि विभाग के कार्यालय के माध्यम से अपनी सूचना दर्ज करानी होगी.

साथ ही 7 दिन में संबंधित वित्तीय संस्थान, बीमा कम्पनी के कार्यालय अथवा कृषि विभाग के कार्यालय के माध्यम से सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराना होगा. कटारिया ने बताया कि ओलावृष्टि, चकवात, चक्रवाती वर्षा और असामयिक वर्षा के कारण खेत में फसल कटाई उपरान्त सुखाने के लिये छोटे बण्डलों के रूप में छितराई अवस्था में रखी गई फसल को 14 दिन तक नुकसान होता है तो उसे भी व्यक्तिगत आधार पर योजना के अन्तर्गत कवर किया गया है. इसके लिए भी सूचना देने की समस्त प्रकिया स्थानिक आपदाओं के अनुसार ही करनी होगी.

जयपुर. फसल नुकसान के बीमा मुआवजे के लिए काश्तकार को 72 घंटे के भीतर बीमा कम्पनी को सूचना देनी होगी. बरसात एवं ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी और कटी फसलों को हुए नुकसान के बीमा मुआवजे के लिए काश्तकार को 72 घण्टे के भीतर सीधे बीमा कम्पनी को टोल फ्री नम्बर पर सूचित करना होगा.

साथ ही 7 दिन में लिखित में विवरण देना होगा. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि वर्तमान में राज्य के विभिन्न जिलों में असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि के कारण फसलों में नुकसान हो रहा है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत फसलों का बीमा करवाने वाले प्रभावित किसान योजना के प्रावधानों के तहत नुकसान की भरपाई के लिए बीमा क्लेम पाने के हकदार हैं. उन्हें इसके लिए अपनी फसलों में हुए नुकसान की सूचना अधिसूचित बीमा कम्पनियों को देनी होगी.

पढ़ें- अन्नदाता पर दोहरा संकट : खुले में फसल, बारिश की चेतावनी...पटवारियों की हड़ताल, नहीं हो रही गिरदावरी

कृषि मंत्री ने बताया कि स्थानिक आपदा के तहत ओलावृष्टि, भूस्खलन, जल भराव, बादल फटना तथा प्राकृतिक आग के कारण होने वाले फसल नुकसान को व्यक्तिगत आधार पर योजना के अन्तर्गत कवर किया गया है. इसके लिये बीमित फसल के किसान को घटना घटने के 72 घण्टे में जिले के लिए अधिसूचित बीमा कम्पनी के टोल फ्री नं. पर अथवा वित्तीय संस्थान, बीमा कम्पनी के कार्यालय अथवा कृषि विभाग के कार्यालय के माध्यम से अपनी सूचना दर्ज करानी होगी.

साथ ही 7 दिन में संबंधित वित्तीय संस्थान, बीमा कम्पनी के कार्यालय अथवा कृषि विभाग के कार्यालय के माध्यम से सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराना होगा. कटारिया ने बताया कि ओलावृष्टि, चकवात, चक्रवाती वर्षा और असामयिक वर्षा के कारण खेत में फसल कटाई उपरान्त सुखाने के लिये छोटे बण्डलों के रूप में छितराई अवस्था में रखी गई फसल को 14 दिन तक नुकसान होता है तो उसे भी व्यक्तिगत आधार पर योजना के अन्तर्गत कवर किया गया है. इसके लिए भी सूचना देने की समस्त प्रकिया स्थानिक आपदाओं के अनुसार ही करनी होगी.

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