जयपुर. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) ने आज शुक्रवार को जिला रसद अधिकारियों, प्रवर्तन अधिकारियों और प्रवर्तन निरीक्षकों की बैठक ली. इसमें खाद्य सुरक्षा कानून में नए नाम जुड़वाने को लेकर चर्चा की गई. मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि नए नाम जुड़वाने के लिए पोर्टल जल्द शुरू किया जाएगा.
प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना के विकट दौर में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की ओर से शुरू की गई मनरेगा और खाद्य सुरक्षा गारंटी कानून ने जरूरतमंदों को रोजी-रोटी दी है. आमजन को इन योजनाओं का समयबद्ध लाभ मिले, यह जिम्मेदारी हमारी है. इस वक्त राजधानी जयपुर में सबसे कम लोगों को खाद्य सुरक्षा गारंटी कानून का गेंहू मिल रहा है. यहां सिर्फ साढ़े 17 फीसदी लोग इस योजना से जुड़े हैं. इसलिए यहां इस योजना का दायरा बढ़ाए जाने की दरकार है.
खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) ने कहा कि अब हम नए सिरे से नाम जुड़वाने के लिए पोर्टल खोलने की तैयारी कर रहे हैं. इससे पहले केंद्र सरकार की टीम जयपुर आई थी. उस समय उन्होंने कहा था कि जिस अनुपात में अपात्र लोगों के नाम कटे हैं, उस अनुपात में नए पात्र लोगों के नाम जोड़ लिए जाएं. लेकिन बाद में उन्होंने अनुमति नहीं दी. अब हमने पोर्टल खोलने की तैयारी की है. पहले उन जिलों के लिए पोर्टल खोला जाएगा. जहां लाभार्थियों की संख्या कम है और लोगों की लाइन लंबी है. ऐसे लोगों की प्राथमिकता दी जाएगी.
प्रताप सिंह ने कहा कि जहां तक उनके विभाग का सवाल है, वहां प्राथमिकता है कि उपभोक्ता को पूरा तौल का सामान मिले. पैकेजिंग सिस्टम में ईमानदारी बरती जाए. उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा गारंटी कानून में कई बार पोस मशीन में फिंगरप्रिंट नहीं आने के कारण गेंहू नहीं मिल पाने की शिकायत मिलती है. आज की बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे मामलों का निस्तारण किया जाए.