जयपुर. पर्यटन स्थलों पर लोक नृत्य की प्रस्तुति देने वाले लोक कलाकारों के चेहरे पर उस वक्त फिर मुस्कान लौटी, जब उन्होंने पर्यटन स्थल पर अपने हुनर का प्रदर्शन किया और शायद एक अरसे बाद भरपेट खाना खाया.
दरअसल, लॉकडाउन के चलते 71 दिन से जयपुर सहित प्रदेश भर के पर्यटन स्थल भी बंद कर दिए गए. ऐसे में जो लोक कलाकार इन पर्यटन स्थलों पर प्रस्तुतियां देकर दो वक्त के खाने का इंतजाम कर पाते थे, वो पूरी तरह बेरोजगार हो गए. ना तो सरकार ने इनकी सुध ली, और ना प्रशासन की ओर से उन तक कोई राहत सामग्री पहुंच पाई. जिसके चलते तेजपाल नागौरी और उन जैसे लोक कलाकारों के परिवार को दो वक्त की बजाएं एक वक्त की ही रोटी नसीब हो पाई.
बता दें, कि पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए मॉन्यूमेंट खोलने से 1 दिन पहले लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी. इस दौरान तेजपाल नागौरी ने बताया कि सोमवार को 2 महीने बाद वो घर से रोड पर निकलकर हवामहल तक पहुंचे. मानों घर में कोई खुशी का माहौल हो. उन्होंने बताया कि इस लॉकडाउन में दो के बजाय एक वक्त का खाना खा पाए और सरकार ने भी सुध नहीं ली.
एक दो बार प्रशासन तक पहुंचे भी, लेकिन वहां भी उनकी तकलीफ को अनसुना कर दिया गया. उन्होंने कहा कि वो लोक कलाकार हैं, ऐसे में रोड़ पर बैठ कर भीख नहीं मांग सकते. हालांकि, अब लॉकडाउन खुलने के बाद उनका काम एक बार फिर पटरी पर लौटेगा.
उधर, हवामहल सहित तमाम मॉन्यूमेंट्स में साफ सफाई और सैनिटाइज भी किया गया. इस संबंध में हवामहल अधीक्षक सरोजिनी चंचलानी ने बताया कि फिलहाल 2 सप्ताह तक यहां पर्यटकों के लिए निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था रहेगी. वहीं, स्मारक के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग, हाथों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था रहेगी. इसके साथ ही बिना मास्क के किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा. एक स्थान पर पर्यटक इकट्ठे ना हो, और किसी वस्तु को हाथ ना लगाएं ये सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा गार्ड भी तैनात रहेंगे और कुछ घंटों के अंतराल पर स्मारक को दोबारा सैनिटाइज किया जाएगा.
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इसके साथ ही स्मारकों में पर्यटकों को घुमाने वाले गाइड्स के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है. जिसके तहत एक समय में केवल 5 से 6 पर्यटकों को प्रवेश कराया जाए और उसके कुछ समय बाद दूसरे समूह को प्रवेश दिया जाए. चूंकि कोरोना वैश्विक महामारी है, इन पर्यटन स्थलों में पहुंचने वाले कोई भी पर्यटक इस बीमारी से अनभिज्ञ नहीं होंगे.