जयपुर. राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर जवाबदेही कानून लागू करने की मांग (Demand for accountability law) को लेकर मंगलवार को लोक कलाकारों ने ढोल की थाप और कठपुतली शो का प्रदर्शन किया. धरना स्थल पर लोक कलाकारों की जनसुनवाई हुई. उनकी समस्याओं को विभिन्न हेल्पलाइन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाया जाएगा.
प्रदेश में जवाबदेही कानून लागू करने की मांग को लेकर लंबे समय से सामाजिक कार्यकर्ता मांग उठा रहे हैं. अब इस मांग को लेकर जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दिया जा रहा है. इसमें नियमित रूप से विभिन्न क्षेत्रों की समस्याओं को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता जनसुनवाई कर रहे हैं. जनसुनवाई में आने वाली समस्याओं को विभिन्न हेल्पलाइन के माध्यम से जिम्मेदार अधिकारियों और सरकार तक पहुंचाकर उनका नियमित फॉलोअप किया जा रहा है.
मंगलवार को लोक कलाकारों की जनसुनवाई कर उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाया गया. यहां लोक कलाकारों ने कठपुतली शो के माध्यम से अपनी समस्याएं बताई और जवाबदेही कानून के फायदे बताए. ढोल की थाप पर लोक कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लोकगीतों के माध्यम से जवाबदेही कानून की आवाज भी बुलंद की.
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सामाजिक कार्यकर्ता कमल टांक का कहना है कि जवाबदेही कानून की मांग लंबे समय से की जा रही है. केंद्र सरकार ने साल 2013 में इसकी कवायद शुरू की गई, लेकिन बाद में यह मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया. उनका कहना है कि 2018 में चुनाव से पहले अशोक गहलोत ने जवाबदेही कानून का वादा किया था. लेकिन तीन साल में सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है. उम्मीद थी कि बजट में वे इसकी घोषणा करेंगे, लेकिन मायूसी ही मिली. अपनी इस मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता लगातार संघर्ष कर रहे हैं.