जयपुर. राजस्थान में बर्ड फ्लू का कहर जारी है. बुधवार को भी पक्षियों पर एवियन इन्फ्लूएंजा ने गाज गिराई. प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में बुधवार को अभी तक 410 पक्षियों की मौत हो चुकी है. इनमें 297 कौए शामिल हैं. प्रदेश में बर्ड फ्लू अब तक 1458 पक्षियों की मौत हो चुकी है.
प्रदेश के हाड़ौती इलाके के बारां में कौओं पर फ्लू का कहर टूट पड़ा. यहां अंता में बुधवार को 50 कौओं की मौत हो गई, जबकि शाहबाद इलाके में 38 कौए मृत पाए गए हैं. कोटा में बुधवार को 4 कौए मृत पाए गए हैं. प्रदेश के दक्षिणी जिले झालावाड़ में बुधवार को 35 कौओं समेत कुल 58 पक्षी फ्लू की चपेट में आए. यहां राष्ट्रीय पक्षी मोर भी फ्लू से मारे गए हैं. झालावाड़ में आज 35 कौए, 6 मोर, 5 बगुले, 2 तोते, 1 कबूतर, 1 कोयल और 1 चिड़िया मृत पाए गए. वहीं प्रतापगढ़ जिले के नानणा गांव में में बुधवार को 4 कौओं के मृत पाए जाने की सूचना है. चित्तौड़गढ़ में भी बुधवार को फ्लू से मरने वाले पक्षियों की तादाद 39 दर्ज की गई है. जिसमें निंबाहेड़ा में 35 कौए और चित्तौड़गढ़ में 4 कौए मृत पाए गए हैं.
वागड़ इलाके की बात करें तो जालोर जिले में बुधवार को 29 कौए मृत पाए गए हैं. वहीं पाली में बुधवार को 5 कौए मृत मिले. उधर, दौसा जिले 5 मोर और 1 कमेड़ी मृत पाए जाने की सूचना है. वहीं गंगानगर में 7 कौओं और 2 बगुलों की मौत की सूचना है. इस प्रदेश प्रदेश में बुधवार को अभी तक 242 पक्षियों के मृत पाए जाने की सूचना है, इनमें कौओं की तादाद 211 है.
अब तक प्रदेश के 16 जिलों में कौओं सहित अन्य पक्षियों के मरने की घटनाएं सामने आई हैं. झालावाड़, कोटा, बारां तथा जयपुर में मृत कौओं में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई है. उल्लेखनीय है कि मंगलवार तक प्रदेश में प्रदेश में 625 पक्षियों की मौत हुई थी. जिनमें 122 के सैम्पल भोपाल स्थित प्रयोगशाला में भेजे गए हैं. इनमें से 29 कौओं में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई थी.
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उधर, बाड़मेर में बर्ड फ्लू को लेकर प्रशासन पहले ही सतर्क हो गया है. बर्ड फ्लू से निपटने के लिए जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बनाया गया. प्रतापगढ़ में बर्ड फ्लू के बढ़ते मामले को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही जिले के हतुनिया थाना क्षेत्र के नानणा गांव में कौओं की मौत की खबर के बाद वन एवं पशुपालन विभाग हरकत में आया है. कोटा में अभी तक मारे गए पक्षियों में से 8 मृत पक्षी बर्ड फ्लू पॉजिटिव पाए गए हैं. इस दौरान रेस्क्यू में लगे वन विभाग के कर्मचारियों की ओर से लापरवाही करने का मामला सामने आया है. कर्मचारी बिना पीपीई किट के मृत पक्षियों को उठा रहे थे. भीलवाड़ा जिले के पशु-पक्षियों में नहीं फैले इसकी रोकथाम के लिए वन विभाग के उप वन संरक्षक ने रैपिड रेस्पांस टीम का गठन किया है, जो भीलवाड़ा जिले के तमाम प्रवासी पक्षी केंद्रों पर नज़र रखेगी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि वायरस की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के 16 जिलों में कौओं सहित अन्य पक्षियों के मरने की घटनाएं चिंता का विषय है. इनमें से चार जिलों झालावाड़, कोटा, बारां तथा जयपुर में मृत कौओं में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई है. इस वायरस की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित किए जाएं.
वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने आशंका जताई कि पोल्ट्री फॉर्म में यह संक्रमण फैला तो तेजी से इस महामारी का स्प्रेड होगा, जो स्तनधारियों के साथ ही मानव जीवन के लिए भी बेहद खतरनाक होगा. ऐसे में सरकार को गंभीरता से इस महामारी से निपटने के प्रयास करना चाहिए.