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राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पंचवर्षीय कार्य योजना तैयार

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राजस्थान को बाल मित्र के रूप में स्थापित करने के लिए पंचवर्षीय कार्य योजना तैयार की है. जिसका उद्देश्य जिला स्तरीय प्रमुख समितियों के तहत जिला बाल संरक्षण ईकाई, मानव तस्करी विरोधी यूनिट, विशेष किशोर न्याय पुलिस यूनिट और अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 परिवेदना निस्तारण समिति को ओर प्रभावी करना है.

आयोग की पंचवर्षीय कार्ययोजना तैयार, Commission's Five Year Action Plan prepared
आयोग की पंचवर्षीय कार्ययोजना तैयार
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Published : Jul 7, 2020, 10:54 PM IST

जयपुर. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राजस्थान को बाल मित्र के रूप में स्थापित करने के लिए पंचवर्षीय कार्य योजना तैयार की है. जिसमें जिला स्तरीय प्रमुख समितियों का गठन और क्रियाशीलता की सुनिश्चितता, योजनाओं नियुक्तियों, अधिनियमों की समीक्षा कर राजस्थान सरकार को अपनी सिफारिश देगी. जिसका अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री स्तर पर होगा.

आयोग की पंचवर्षीय कार्ययोजना तैयार

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के अनुसार आयोग का उद्देश्य है कि, जिला स्तरीय प्रमुख समितियों के तहत जिला बाल संरक्षण ईकाई, मानव तस्करी विरोधी यूनिट, विशेष किशोर न्याय पुलिस यूनिट, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड और जिला स्तरीय निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 परिवेदना निस्तारण समिति को ओर प्रभावी करना है.

पढ़ेंः UGC के निर्देश के बाद प्रदेश के छात्रों में असमंजस की स्थिति, उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा- CM लेंगे अंतिम फैसला

वहीं प्रदेश में किशोर न्याय अधिनियम 2015, राजस्थान बालिका नीति, पालनहार योजना, मुख्यमंत्री हुनर विकास योजना, आफ्टर केयर योजना का सशक्तिकरण प्रमुख रूप से प्राथमिकता में रहेगा. इसके साथ ही राज्य स्तर पर माह में कम से कम तीन बार और जिला स्तर पर 6 माह में कम से कम एक बार बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए जनसुनवाई का आयोजन कर परिवेदनाओं का निस्तारण करने आयोग का मुख्य उद्देश्य है.

वहीं राजस्थान सरकार द्वारा प्रति वित्तीय वर्ष में जारी बजट में बच्चों के किए कहा और कितना बजट आवंटित किया जाएगा. इसके लिए प्रतिवर्ष संबंधित एजेंसियों और विशेषज्ञों के साथ कंसल्टेशन करना और वर्ष पर्यन्त प्राप्त परिवेदनाओं के आधार पर सुधारात्मक बजट निष्कर्ष निकालना आयोग का लक्ष्य है.

इस कार्ययोजना के तहत राजस्थान में बाल मित्र ग्राम पंचायत के लिए सूचकों का निर्धारण, प्रति जिला पायलट आधारित पंचायतों चयन, नोडल विभाग द्वारा जिला स्तर पर आमुखीकरण और प्रतिवर्ष जिला चयनित ग्राम पंचायत का जिला स्तरीय कार्यक्रम में सम्मान किया जाएगा. प्रदेश के साथ साथ जिला बाल संरक्षण ईकाई का वार्षिक एक्शन प्लान बनाकर विभिन्न संबंधित विभागों से समन्वय कर कार्य करना आयोग का मुख्य उद्देश्य रहेगा.

पढ़ेंः Big News: प्रदेश में नहीं होंगे UG और PG के Exams, सीधे प्रमोट किए जाएंगे छात्र

बता दें कि राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग में पिछले 1 साल में 20 पूर्ण आयोग की बैठक आयोजित की गई. इसके अलावा राज्य के विभिन्न जिलों के 48 यात्राएं और सदस्यों द्वारा 20 यात्राएं कर बाल हितों से संबंधित बैठके और निरीक्षण किए गए. इन बैठकों में कुल 316 प्रकरण प्राप्त हुए. जिनमें से 196 निस्तारित किए गए और 120 प्रकरणों पर त्वरित कार्रवाई कर निस्तारण के प्रयास किए जा रहे हैं.

जयपुर. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राजस्थान को बाल मित्र के रूप में स्थापित करने के लिए पंचवर्षीय कार्य योजना तैयार की है. जिसमें जिला स्तरीय प्रमुख समितियों का गठन और क्रियाशीलता की सुनिश्चितता, योजनाओं नियुक्तियों, अधिनियमों की समीक्षा कर राजस्थान सरकार को अपनी सिफारिश देगी. जिसका अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री स्तर पर होगा.

आयोग की पंचवर्षीय कार्ययोजना तैयार

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के अनुसार आयोग का उद्देश्य है कि, जिला स्तरीय प्रमुख समितियों के तहत जिला बाल संरक्षण ईकाई, मानव तस्करी विरोधी यूनिट, विशेष किशोर न्याय पुलिस यूनिट, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड और जिला स्तरीय निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 परिवेदना निस्तारण समिति को ओर प्रभावी करना है.

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वहीं प्रदेश में किशोर न्याय अधिनियम 2015, राजस्थान बालिका नीति, पालनहार योजना, मुख्यमंत्री हुनर विकास योजना, आफ्टर केयर योजना का सशक्तिकरण प्रमुख रूप से प्राथमिकता में रहेगा. इसके साथ ही राज्य स्तर पर माह में कम से कम तीन बार और जिला स्तर पर 6 माह में कम से कम एक बार बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए जनसुनवाई का आयोजन कर परिवेदनाओं का निस्तारण करने आयोग का मुख्य उद्देश्य है.

वहीं राजस्थान सरकार द्वारा प्रति वित्तीय वर्ष में जारी बजट में बच्चों के किए कहा और कितना बजट आवंटित किया जाएगा. इसके लिए प्रतिवर्ष संबंधित एजेंसियों और विशेषज्ञों के साथ कंसल्टेशन करना और वर्ष पर्यन्त प्राप्त परिवेदनाओं के आधार पर सुधारात्मक बजट निष्कर्ष निकालना आयोग का लक्ष्य है.

इस कार्ययोजना के तहत राजस्थान में बाल मित्र ग्राम पंचायत के लिए सूचकों का निर्धारण, प्रति जिला पायलट आधारित पंचायतों चयन, नोडल विभाग द्वारा जिला स्तर पर आमुखीकरण और प्रतिवर्ष जिला चयनित ग्राम पंचायत का जिला स्तरीय कार्यक्रम में सम्मान किया जाएगा. प्रदेश के साथ साथ जिला बाल संरक्षण ईकाई का वार्षिक एक्शन प्लान बनाकर विभिन्न संबंधित विभागों से समन्वय कर कार्य करना आयोग का मुख्य उद्देश्य रहेगा.

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बता दें कि राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग में पिछले 1 साल में 20 पूर्ण आयोग की बैठक आयोजित की गई. इसके अलावा राज्य के विभिन्न जिलों के 48 यात्राएं और सदस्यों द्वारा 20 यात्राएं कर बाल हितों से संबंधित बैठके और निरीक्षण किए गए. इन बैठकों में कुल 316 प्रकरण प्राप्त हुए. जिनमें से 196 निस्तारित किए गए और 120 प्रकरणों पर त्वरित कार्रवाई कर निस्तारण के प्रयास किए जा रहे हैं.

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