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राजस्थान हाईकोर्ट को मिले पांच नए न्यायाधीश, जज फरजंद अली पिता के साथ चित्तौड़गढ़ में करते थे वकालत - ETV Bharat

राजस्थान हाईकोर्ट में पांच नए न्यायाधीश की नियुक्ती हुई है. ये पांचों न्यायधीश जल्द ही कार्यभार संभालेंगे. वहीं राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा का पटना हाईकोर्ट में तबादला किया है.

Rajasthan High Court, Jaipur news
राजस्थान हाईकोर्ट को मिले पांच नए न्यायाधीश
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Published : Oct 11, 2021, 7:46 PM IST

Updated : Oct 11, 2021, 9:41 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर राजस्थान हाईकोर्ट में पांच नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की है. ये पांच नए न्यायाधीश जल्द ही शपथ लेकर कार्यभार ग्रहण करेंगे. वहीं त्रिपुरा हाईकोर्ट से ट्रांसफर होकर राजस्थान हाईकोर्ट के सीजे बने एए कुरैशी (CJ AA Qureshi of Rajasthan HC) को मंगलवार दोपहर एक बजे राज्यपाल राजभवन में शपथ दिलाएंगे.

दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने एक अन्य अधिसूचना जारी कर राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा का पटना हाईकोर्ट में तबादला किया है. वे एक जनवरी 2022 को पदभार ग्रहण करेंगे. केंद्र सरकार की अधिसूचना के तहत अधिवक्ता कोटे से सुदेश बंसल, फरजंद अली और अनूप ढंड, न्यायिक कोटे से विनोद कुमार भारवानी और मदन गोपाल व्यास को हाईकोर्ट जज नियुक्त किया गया है.

यह भी पढ़ें. बहुचर्चित डेल्टा मेघवाल मामले में अब कोर्ट 12 अक्टूबर को सुनाएगी फैसला

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इन्हें हाईकोर्ट जज बनाने के लिए पिछले महीने केन्द्र सरकार को अपनी सिफारिश भेजी थी. दूसरी ओर सीजे इन्द्रजीत महांति त्रिपुरा सीजे पद की शपथ के लिए वहां पहुंच चुके हैं. राजस्थान हाईकोर्ट में अवकाश होने के चलते उन्होंने रेफरेंस नहीं लिया है.

कॉलेजियम की सिफारिशों को मानते हुए विधि मंत्रालय ने आखिरकार अधिवक्ता फरजंद अली पर भी अपनी मुहर लगा दी. उन्हें बतौर जोधपुर हाईकोर्ट जज नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए. फरजंद अली चित्तौड़गढ़ शहर से हैं और जैसे ही यह आदेश जारी हुए, उनके चिर-परिचित लोगों के साथ-साथ शहर के हर समाज में खुशी की लहर दौड़ गई. चित्तौड़गढ़ से हाईकोर्ट जज बनने वाले फरजंद अली पहले व्यक्ति हैं. राज्य सरकार की ओर से जनवरी 2019 में उन्हें राज्य का अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया था. हालांकि, पिछले 2 साल पहले कॉलेजियम द्वारा जज के रूप में विधि मंत्रालय को सिफारिश भेजी गई थी.

वकील से हाई कोर्ट जज तक का सफर

फरजंद अली का जन्म 1968 में चित्तौड़गढ़ में हुआ और ग्रेजुएशन से लेकर 1991 में एलएलबी करने के बाद अगले ही साल पिता सैयद दौलत अली के साथ चित्तौड़गढ़ कोर्ट में वकालत के पेशे में उतर गए. 14 साल तक वकालत करने के बाद कुछ अलग ही तमन्नाओं को लेकर अधिवक्ता सैयद फरजंद अली मई 2006 में जोधपुर चले गए. अपनी काबिलियत की बदौलत उन्होंने शीघ्र ही अपनी एक अलग पहचान कायम कर ली.

यह भी पढ़ें. जस्टिस एसपी शर्मा का पटना हाईकोर्ट तबादला, नए साल से होगा लागू

विरासत में मिली वकालत

सैयद फरजंद अली को वकालत का पेशा विरासत में ही मिला. उनके दादा मुबारक अली भी एक अधिवक्ता थे. 1980 के लगभग पिता सैयद दौलत अली भी पिता की तरह इस पेशे में आ गए. बड़े भाई लाइक अली मत्स्य विभाग में उपनिदेशक पद पर है. जबकि इनायत अली पिता के साथ वकालत कर रहे हैं. वहीं छोटे भाई इरशाद अली हालांकि माइनिंग सेक्टर से जुड़े हैं लेकिन उन्होंने भी एलएलबी की डिग्री ले रखी है. फरजंद अली के पुत्र जीशान अली ने 2 महीने पहले ही मुंबई से वकालत की डिग्री हासिल की.

गरीब तक न्याय पहुंचे यही मेरी प्राथमिकता

राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान कहा कि गरीब और जरूरतमंद तक समय पर न्याय पहुंच जाए यही मेरी प्राथमिकता रहेगी. उन्होंने कहा कि संस्था कभी भी खराब नहीं होती उसे कार्यान्वित करने वाले गलत हो सकते हैं. वर्तमान नियम कायदे गरीब और जरूरतमंद को न्याय दिलाने में सक्षम है. अपने शहर चित्तौड़गढ़ वासियों के लिए एक संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि मेरे शहर का अमन चैन बना रहे. भाईचारा कायम रहे. इस दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएंगे.

जयपुर. केंद्र सरकार ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर राजस्थान हाईकोर्ट में पांच नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की है. ये पांच नए न्यायाधीश जल्द ही शपथ लेकर कार्यभार ग्रहण करेंगे. वहीं त्रिपुरा हाईकोर्ट से ट्रांसफर होकर राजस्थान हाईकोर्ट के सीजे बने एए कुरैशी (CJ AA Qureshi of Rajasthan HC) को मंगलवार दोपहर एक बजे राज्यपाल राजभवन में शपथ दिलाएंगे.

दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने एक अन्य अधिसूचना जारी कर राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा का पटना हाईकोर्ट में तबादला किया है. वे एक जनवरी 2022 को पदभार ग्रहण करेंगे. केंद्र सरकार की अधिसूचना के तहत अधिवक्ता कोटे से सुदेश बंसल, फरजंद अली और अनूप ढंड, न्यायिक कोटे से विनोद कुमार भारवानी और मदन गोपाल व्यास को हाईकोर्ट जज नियुक्त किया गया है.

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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इन्हें हाईकोर्ट जज बनाने के लिए पिछले महीने केन्द्र सरकार को अपनी सिफारिश भेजी थी. दूसरी ओर सीजे इन्द्रजीत महांति त्रिपुरा सीजे पद की शपथ के लिए वहां पहुंच चुके हैं. राजस्थान हाईकोर्ट में अवकाश होने के चलते उन्होंने रेफरेंस नहीं लिया है.

कॉलेजियम की सिफारिशों को मानते हुए विधि मंत्रालय ने आखिरकार अधिवक्ता फरजंद अली पर भी अपनी मुहर लगा दी. उन्हें बतौर जोधपुर हाईकोर्ट जज नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए. फरजंद अली चित्तौड़गढ़ शहर से हैं और जैसे ही यह आदेश जारी हुए, उनके चिर-परिचित लोगों के साथ-साथ शहर के हर समाज में खुशी की लहर दौड़ गई. चित्तौड़गढ़ से हाईकोर्ट जज बनने वाले फरजंद अली पहले व्यक्ति हैं. राज्य सरकार की ओर से जनवरी 2019 में उन्हें राज्य का अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया था. हालांकि, पिछले 2 साल पहले कॉलेजियम द्वारा जज के रूप में विधि मंत्रालय को सिफारिश भेजी गई थी.

वकील से हाई कोर्ट जज तक का सफर

फरजंद अली का जन्म 1968 में चित्तौड़गढ़ में हुआ और ग्रेजुएशन से लेकर 1991 में एलएलबी करने के बाद अगले ही साल पिता सैयद दौलत अली के साथ चित्तौड़गढ़ कोर्ट में वकालत के पेशे में उतर गए. 14 साल तक वकालत करने के बाद कुछ अलग ही तमन्नाओं को लेकर अधिवक्ता सैयद फरजंद अली मई 2006 में जोधपुर चले गए. अपनी काबिलियत की बदौलत उन्होंने शीघ्र ही अपनी एक अलग पहचान कायम कर ली.

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विरासत में मिली वकालत

सैयद फरजंद अली को वकालत का पेशा विरासत में ही मिला. उनके दादा मुबारक अली भी एक अधिवक्ता थे. 1980 के लगभग पिता सैयद दौलत अली भी पिता की तरह इस पेशे में आ गए. बड़े भाई लाइक अली मत्स्य विभाग में उपनिदेशक पद पर है. जबकि इनायत अली पिता के साथ वकालत कर रहे हैं. वहीं छोटे भाई इरशाद अली हालांकि माइनिंग सेक्टर से जुड़े हैं लेकिन उन्होंने भी एलएलबी की डिग्री ले रखी है. फरजंद अली के पुत्र जीशान अली ने 2 महीने पहले ही मुंबई से वकालत की डिग्री हासिल की.

गरीब तक न्याय पहुंचे यही मेरी प्राथमिकता

राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान कहा कि गरीब और जरूरतमंद तक समय पर न्याय पहुंच जाए यही मेरी प्राथमिकता रहेगी. उन्होंने कहा कि संस्था कभी भी खराब नहीं होती उसे कार्यान्वित करने वाले गलत हो सकते हैं. वर्तमान नियम कायदे गरीब और जरूरतमंद को न्याय दिलाने में सक्षम है. अपने शहर चित्तौड़गढ़ वासियों के लिए एक संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि मेरे शहर का अमन चैन बना रहे. भाईचारा कायम रहे. इस दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएंगे.

Last Updated : Oct 11, 2021, 9:41 PM IST
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