जयपुर. एसओजी ने लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा में 5 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है. राज्य अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की तरफ से आयोजित पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड तृतीय प्रतियोगी भर्ती परीक्षा में जयपुर एसओजी को सूचना मिली थी कि परीक्षा में एक नकल गिरोह सक्रिय है. जिसके बाद एसओजी ने कार्रवाई को अंजाम दिया और फर्जी अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया.
एग्जाम में फर्जी कैंडिडेट का एक पूरा गिरोह सक्रिय है. जो परीक्षा केंद्रों पर मूल परीक्षार्थियों के स्थान पर गिरोह के सदस्यों को फर्जी परीक्षार्थी के रूप में बैठाकर मोटी रकम वसूलता है. गिरोह पर एसओजी की पिछले 2 दिन से आधा दर्जन टीमें निगरानी कर रही थी. एसओजी के उपमहानिरीक्षक विकास कुमार के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया. आधा दर्जन टीमों ने आरोपियों के जयपुर से रवाना होते ही उनका पीछा करना शुरू कर दिया.
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उदयपुर स्थित जवाहर जैन शिक्षण संस्थान हिरणमगरी सेक्टर 2 पर दबिश देकर बहादुर सिंह के स्थान पर कमलेश विश्नोई को परीक्षा देते हुए पाया. जिसके बाद टीम ने आरोपी कमलेश विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया. एसओजी की दूसरी टीम ने जिला पुलिस के सहयोग से सुरजीत गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल भरतपुर में दबिश देकर वहां धनसिंह मीणा पुत्र रामजीलाल मीणा निवासी करौली के स्थान पर अशोक विश्नोई पुत्र सोनाराम निवासी गुडामालानी जिला बाड़मेर को परीक्षा देते हुए पाया. इसी प्रकार जोधपुर एसओजी ने जोधपुर स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल नागोरी गेट परीक्षा केंद्र पर दबिश देकर मोहनलाल निवासी जालौर के स्थान पर परीक्षा देते हुए अचलाराम जाट निवासी बाड़मेर को गिरफ्तार किया.
गिरफ्तार आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि गिरोह का सरगना दिनेश विश्नोई है. जो परीक्षार्थियों से पैसे लेकर उनकी जगह गिरोह के अन्य सदस्यों को फर्जी परीक्षार्थी के तौर पर बैठाकर प्रतियोगी परीक्षा पास करवाने की गारंटी लेता है और परीक्षा के प्रवेश पत्र के अनुसार फोटो मिक्सिंग करके नकली आधार कार्ड बना कर फर्जी परीक्षार्थी तैयार करता है. एसओजी गिरोह के दूसरे लोगों की तलाश कर रही है. गिरोह ने कितने अभ्यर्थियों से अब तक कितनी राशि वसूली गई है, इस संबंध में गहनता से पूछताछ की जा रही है. इस गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी और सघन पूछताछ से विभिन्न सरकारी भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वाले बड़े गिरोह का खुलासा होने की संभावना है. उदयपुर, भरतपुर और जोधपुर में सफलता मिलने के साथ ही अन्य जिलों का भी अनुसंधान किया जा रहा है.