जयपुर. बचपन में पढ़ा था मछली जल की रानी है, जीवन उसका पानी है, लेकिन ये पानी ही अगर मौत का कारण बन जाए तो... कुछ यही हालात है, जयपुर के मानसागर झील के. जहां बड़ी संख्या में मछलियों की मौत हो रही है.
इस संबंध में समाजसेवी सूरज सोनी ने कहा कि एक तरफ तो सरकार झील प्राधिकरण बनाकर के जलीय जंतुओं को बचाने के लिए पॉल्युशन के खिलाफ अभियान चला रही है. जिसमें लाखों करोड़ों रुपए खर्च किये जा रहे है. वहीं जयपुर की एकमात्र मानसागर झील जिसका अपना इतिहास रहा है, वहां जलीय जीव प्रदूषित पानी की वजह से मौत का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि ये हालात तो तब है, जब सांभर झील का मामला सामने आ चुका है. बावजूद इसके प्रशासन अब तक नहीं चेता.
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दरअसल 8 साल पहले भी ऐसा ही मामला सामने आया था, तब मान सागर झील में सीवरेज के पानी को बंद किया गया था. लेकिन एक बार फिर हालात वही बन गए. ऐसे में उन्होंने प्रशासन को 3 दिन का समय देते हुए व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग की और ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी.
इस दौरान उन्होंने कहां की जल महल में दूरदराज से पक्षी आ रहे हैं. लेकिन इसे वेटलैंड बनाने की कार्रवाई महज कागजों तक ही सीमित हैं. मौके पर पहुंचे निगम के पूर्व पार्षद विक्रम सिंह ने सीवरेज के पानी के बजाये मछलियों को डाले जाने वाले दूषित चारे को मछलियों के मौत का कारण बताया. साथ ही यहां गार्ड तैनात करने की मांग की.
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बहरहाल, निगम प्रशासन, जिला प्रशासन और पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड ने मानसागर झील का मौका मुआयना किया, लेकिन अब तक इस समस्या के निस्तारण को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया. शायद प्रशासन किसी बड़ी त्रासदी का इंतजार कर रहा है.