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21 जून को लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानिए क्या होगा प्रभाव

21 जून यानी रविवार को लगने वाला सूर्य ग्रहण धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस ग्रहण को चूड़ामणि ग्रहण भी कहा गया है, जिसमें दान-पुण्य का महत्व बताया गया है. आप भी जानिए क्या होगा इसका प्रभाव...

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Published : Jun 19, 2020, 4:07 PM IST

first solar eclipse of the year, राजस्थान न्यूज
सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण 21 जून को लगेगा

जयपुर. इस साल कुल पांच ग्रहण लगने वाले हैं और जून के इस महीने में दो ग्रहण लगेंगे. इसी के साथ जून का महीना खगोलीय घटनाओं का साक्षी रहेगा, क्योंकि 5 जून को चंद्र ग्रहण लगने के बाद अब 21 जून को सूर्य ग्रहण लगेगा. हालांकि, ये ग्रहण साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा. धार्मिक दृष्टि से यह सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण 21 जून को लगेगा

बता दें कि यह 'ग्रैंड चंद्र ग्रहण' के ठीक 16 दिन बाद लग रहा है. इसलिए इसमें सूतक काल मान्य होगा. सूतक काल की अवधि 12 घंटे के पहले से लगेगा. आषाढ़ महीने की अमावस्या को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत सहित राजस्थान के सभी शहरों में दिखाई देगा. इस ग्रहण के अशुभ प्रभाव से तूफान और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती हैं. इसका असर भारत सहित नेपाल, पाकिस्तान, कांगो और एथोपिया में दिखाई देगा.

यह भी पढ़ें. चीन से तनाव के बीच क्या बोले भारत-पाक सीमावर्ती इलाके में रहने वाले लोग...?

ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार करीब 900 साल बाद 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण सबसे बड़ा ग्रहण है. इस ग्रहण के दौरान 6 ग्रह वक्री रहेंगे, जो प्राकृतिक प्रकोप की स्थिति पैदा करते हैं. वहीं, कहीं ना कहीं भारी बारिश भी देखने को मिलेगी. ये सूर्य ग्रहण 21 जून को सुबह 9.55 बजे प्रारंभ होकर दोपहर 2.35 मिनट तक रहेगा. इस सूर्य ग्रहण का सूतक 20 जून को रात 9.25 मिनट पर लगेगा. इस समय वयोवृद्ध, बच्चे और अस्वस्थ व्यक्तियों को छोड़कर भोजना करना भी उचित नहीं है.

यह भी पढ़ें. श्रीगंगानगर: जानिए BSF की मुस्तैदी से सीमा पर कितने बेफिक्र हैं ग्रामीण

खास बात ये है कि ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा सूर्य का करीब 99 फीसदी भाग ढंक देगा. आकाश मंडल में चंद्रमा की छाया सूर्य के केंद्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर वलयाकार आकृति बनाएगी. जिससे सूर्य आसमान में एक चमकती हुई अंगूठी की तरह नजर आएगा.

सूर्य ग्रहण रविवार के दिन हो रहा है. ऐसे में इसे चूड़ामणि ग्रहण के नाम से भी जाना जाएगा. शास्त्रों में चूड़ामणि ग्रहण के समय स्नान, दान जप आदि का विशेष महत्व बताया गया है. हालांकि, सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद रहेंगे.

जयपुर. इस साल कुल पांच ग्रहण लगने वाले हैं और जून के इस महीने में दो ग्रहण लगेंगे. इसी के साथ जून का महीना खगोलीय घटनाओं का साक्षी रहेगा, क्योंकि 5 जून को चंद्र ग्रहण लगने के बाद अब 21 जून को सूर्य ग्रहण लगेगा. हालांकि, ये ग्रहण साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा. धार्मिक दृष्टि से यह सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण 21 जून को लगेगा

बता दें कि यह 'ग्रैंड चंद्र ग्रहण' के ठीक 16 दिन बाद लग रहा है. इसलिए इसमें सूतक काल मान्य होगा. सूतक काल की अवधि 12 घंटे के पहले से लगेगा. आषाढ़ महीने की अमावस्या को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत सहित राजस्थान के सभी शहरों में दिखाई देगा. इस ग्रहण के अशुभ प्रभाव से तूफान और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती हैं. इसका असर भारत सहित नेपाल, पाकिस्तान, कांगो और एथोपिया में दिखाई देगा.

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ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार करीब 900 साल बाद 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण सबसे बड़ा ग्रहण है. इस ग्रहण के दौरान 6 ग्रह वक्री रहेंगे, जो प्राकृतिक प्रकोप की स्थिति पैदा करते हैं. वहीं, कहीं ना कहीं भारी बारिश भी देखने को मिलेगी. ये सूर्य ग्रहण 21 जून को सुबह 9.55 बजे प्रारंभ होकर दोपहर 2.35 मिनट तक रहेगा. इस सूर्य ग्रहण का सूतक 20 जून को रात 9.25 मिनट पर लगेगा. इस समय वयोवृद्ध, बच्चे और अस्वस्थ व्यक्तियों को छोड़कर भोजना करना भी उचित नहीं है.

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खास बात ये है कि ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा सूर्य का करीब 99 फीसदी भाग ढंक देगा. आकाश मंडल में चंद्रमा की छाया सूर्य के केंद्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर वलयाकार आकृति बनाएगी. जिससे सूर्य आसमान में एक चमकती हुई अंगूठी की तरह नजर आएगा.

सूर्य ग्रहण रविवार के दिन हो रहा है. ऐसे में इसे चूड़ामणि ग्रहण के नाम से भी जाना जाएगा. शास्त्रों में चूड़ामणि ग्रहण के समय स्नान, दान जप आदि का विशेष महत्व बताया गया है. हालांकि, सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद रहेंगे.

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