जयपुर. राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र का पहला चरण First Phase of Budget Session) 9 से 15 फरवरी तक चला. इस दौरान सदन में रीट पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच का मामला छाया रहा. हालांकि विधायकों ने सवाल तो कई विभागों के लगाए लेकिन सवाल लगाने के मामले में भाजपा के राजेंद्र राठौड़ पहले और सतीश पूनिया दूसरे नंबर (Poonia in question hour in budget session) पर रहे. कांग्रेस में सवाल लगाने के मामले में विधायक भरत सिंह अव्वल रहे लेकिन 73 विधायक सदन में मौनी बाबा बने रहे.
200 विधायकों में राठौड़ नंबर वन...ये हैं टॉप 10 विधायक
बजट सत्र के पहले चरण में सवाल लगाने के मामले में 200 विधायकों में से नंबर वन पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ रहे, जिन्होंने 93 सवाल लगाए. इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और आमेर से विधायक डॉ. सतीश पूनिया रहे, जिन्होंने 89 सवाल लगाए. इसी तरह विधायक सुभाष पूनिया, विधायक संतोष और फूल सिंह मीणा 85 सवाल लगाकर तीसरे स्थान पर रहे. कांग्रेस विधायक भरत सिंह और भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने 82, जगसीराम ने 81, शंकर सिंह रावत ने 74 नारायण सिंह देवल ने 72 सवाल लगाए.
विधायक अमृतलाल और वासुदेव देवनानी ने 70, कालीचरण सराफ, अविनाश गहलोत और जोराराम कुमावत ने 68 प्रश्न लगाए, वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने 67 सवाल ही लगाए, वहीं बात की जाए भाजपा प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता और चौमू विधायक रामलाल कि उन्होंने सिर्फ 51 सवाल ही लगाए। इस बार विपक्ष के अधिकतर विधायकों ने रीट परीक्षा से जुड़े सवाल पूछे.
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सत्र में लगे 3576 सवाल, आधे से अधिक सवाल 32 विधायकों के
सदन में प्रदेश सरकार को घेरने के लिए और जनता की समस्याओं को उठाने के लिए विपक्ष के विधायक काफी एक्टिव नजर आए. हालांकि सत्ता पक्ष से भी भरत सिंह, पानाचंद मेघवाल और दिव्या मदेरणा सहित कुछ विधायकों ने कई सवाल लगाए. इस सत्र में कुल 3576 सवाल लगाए गए, जिसमें से 2067 यानी 58% सवाल तो केवल 32 विधायकों ने ही उठाए. हालांकि सरकार में 30 मंत्री और सलाहकार आदि मिलाकर करीब 40 विधायक ऐसे हैं जो सवाल नहीं पूछते.
73 विधायक रहे 'मौनी बाबा', नहीं पूछे एक भी सवाल
राजस्थान विधानसभा में करीब 73 विधायक ऐसे रहे जो 'मौनी बाबा' की भूमिका में नजर आए. मतलब इन विधायकों ने सदन में एक भी सवाल नहीं पूछा जबकि विधानसभा स्तर पर यदि बात की जाए तो यह प्रदेश के डेढ़ करोड़ से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं.
सवालों के जवाब में सरकार करती है लीपापोती, आमेर के लिए बजट में दिए हैं सुझाव: पूनिया
सदन में लगाए गए सवालों के जवाब के बारे में जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सतीश पूनिया से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रश्न तो खूब लगाए जाते हैं लेकिन मौजूदा सरकार के 3 साल के कार्यकाल में अलग-अलग सत्रों में लगाए गए सवालों का सरकार ने जो जवाब दिया है वो केवल लीपापोती ही है। पूनिया ने 23 फरवरी को पेश होने वाले राज्य के बजट में अपने विधानसभा क्षेत्र आमेर के लिए भी कुछ मांग मुख्यमंत्री से की है.
इस संबंध में उन्होंने एक पत्र भी मुख्यमंत्री को लिखा है, जिसमें उन्होंने आमेर को इसरदा और बीसलपुर परियोजना से जोड़ने, सुसज्जित ट्रॉमा सेंटर खोलने और महाविद्यालय खोलने सहित सड़क पानी और स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ मांग अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए की है. पूनिया ने कहा कि पत्र तो मुख्यमंत्री को लिखा है लेकिन बिना किसी उम्मीद से क्योंकि सीएम ने कहा था कि बजट में जो चाहो मांग लो अंतिम अवसर है, इसलिए उनके लकी ड्रॉ में हमने भी पत्र भेजकर हिस्सा ले लिया.