जयपुर. अजमेर रेवेन्यू बोर्ड में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल को उजागर करने के बाद अब राजस्थान एसीबी रेवेन्यू बोर्ड के अन्य सदस्यों और कर्मचारियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है. एसीबी की ओर से कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किए गए दलाल वकील शशिकांत से रिश्वत को लेकर फोन पर बात करने वाले अजमेर रेवेन्यू बोर्ड के एक अन्य सदस्य मनोज नाग का नाम सामने आया है.
जिसके बाद एसीबी की ओर से एफआईआर में अब रेवेन्यू बोर्ड के सदस्य मनोज नाग का नाम भी नामजद किया गया है. इसके साथ ही इस पूरे प्रकरण में एक सरकारी वकील का नाम भी नामजद किया गया है.
अजमेर रेवेन्यू बोर्ड में चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने के बाद एसीबी की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में अजमेर रेवेन्यू बोर्ड के सदस्य मनोज नाग और साथ ही सरकारी वकील पूनम माथुर का नाम भी नामजद किया गया है. इस संबंध में एसीबी द्वारा 120/2021 संख्या की एफआईआर दर्ज की गई है और साथ ही इस पूरे मामले की जांच एसपी सीपी शर्मा को सौंपी गई है.
एफआईआर में नामजद की गई सरकारी वकील पूनम माथुर प्रकरण में गिरफ्तार किए गए आरएएस अधिकारी सुनील शर्मा को फोन कर चेयरमैन को मैनेज करने की बात कहती थी. फिलहाल इस पूरे प्रकरण में एसीबी की जांच लगातार जारी है, जिसमें कई नए खुलासे होने की संभावना है.
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वहीं इस पूरे प्रकरण में गिरफ्तार किए गए दोनों आरएएस अधिकारी बीएल मेहरड़ा और सुनील शर्मा और दलाल शशिकांत को मंगलवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया. जहां से तीनों को 16 अप्रैल तक जेल भेज दिया गया. बीएल मेहरड़ा को लिवर सिरोसिस और सुनील शर्मा को ब्रेन हेमरेज की बीमारी है, जिसके चलते मजिस्ट्रेट ने दोनों आरोपियों को नियमानुसार जेल में इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए कहा है.