ETV Bharat / city

बाबा रामदेव समेत 4 अन्य लोगों के खिलाफ ज्योतिनगर थाने में FIR दर्ज...कोरोनिल के फर्जी ट्रायल का आरोप - रामदेव के खिलाफ जयपुर में FIR

बाबा रामदेव की कोरोना से बचाने की दवा कोरोनिल पर से संकट के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं. पहले भी कोरोनिल पर परिवाद दर्ज हो चुका था. वहीं अब अधिवक्ता बलराम जाखड़ और अंकित कपूर ने ज्योतिनगर थाने में केस दर्ज करवाया है. जिसमें यह बताया गया है कि लोगों को धोखा देकर अरबों रुपए कमाने के आशय से बाबा रामदेव ने दवा का फर्जी तरीके से निर्माण किया है.

बाबा रामदेव के खिलाफ FIR, FIR against Baba Ramdev
कोरोनिल पर मंडराता संकट
author img

By

Published : Jun 27, 2020, 11:15 AM IST

जयपुर. योग गुरु बाबा रामदेव की कोरोना वायरस की दवा 'कोरोनिल' के क्लिनिकल ट्रायल को लेकर मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पहले जहां जयपुर के गांधी नगर थाने में आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. संजीव गुप्ता ने परिवाद दिया तो वहीं अब अधिवक्ता बलराम जाखड़ और अंकित कपूर ने ज्योतिनगर थाने में केस दर्ज करवाया है.

बाबा रामदेव के खिलाफ FIR, FIR against Baba Ramdev
बाबा रामदेव सहित 4 के खिलाफ केस दर्ज

कोरोना की दवा 'कोरोनिल' का ऐलान कर दुनिया भर में तहलका मचाने वाले बाबा रामदेव और निम्स के डॉ. बलवीर सिंह तोमर, आचार्य बालकृष्ण, डॉ, अनुराग तोमर और अनुराग वार्णय के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है. जिसमें अधिवक्ता बलराम जाखड़ ने आरोप लगाया है की, निम्स में भर्ती नॉर्मल मरीजों पर ये रिसर्च किया गया था और निम्स यूनिवर्सिटी के सहयोग से कोविड-19 की दवा बनाई गई है.

दर्ज FIR के अनुसार अधिवक्ता बलराम जाखड़ ने कहा कि, वर्तमान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने कोविड-19 को महामारी और राष्ट्रीय आपदा घोषित किया हुआ है. वहीं इसके लिए विभिन्न अधिसूचनाएं भी समय-समय पर जारी की हुई हैं. इन अधिसूचनाओं में कोविड-19 के तहत किसी भी प्रकार के भ्रामक और गलत तथ्य प्रस्तुत करने पर रोक है. वहीं कोविड-19 से बचाव के उपचार के संबंधित क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. जहां कोविड-19 से संक्रमितों को 14 दिन तक रखा जाता है और अति गंभीर मरीजों का अस्पताल में इलाज होता है. मरीजों की कोविड-19 का प्रशिक्षण राज्य सरकार की तरफ से ही किया जाता है और इसमें 5 से 7 दिन का समय लगता है.

पढ़ेंः : प्रदेश में 364 नए पॉजिटिव केस, 1 की मौत, कुल आंकड़ा 16660

दर्ज FIR में यह आरोप भी लगाया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों को धोखा देकर अरबों रुपए कमाने के आशय से पतंजलि योगपीठ के संस्थापक बाबा रामदेव, नेशनल मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस जयपुर के डॉक्टर बलवीर सिंह तोमर, दिव्या फॉर्मेसी के प्रबंध निर्देशक आचार्य बालकृष्ण और अनुराग वार्णय ने षड्यंत्र करके योजनाबद्ध तरीके से 23 जून को प्रेसवार्ता के माध्यम से यह घोषणा की उनके तरफ से कोरोनिल के नाम से कोविड-19 की दवा का बना ली गई है. जिसका शत-प्रतिशत परिणाम है, जो 3 से 7 दिन में कोविड-19 को समाप्त कर देती है.

पढ़ेंः ब्यूरोक्रेसी से काम नहीं चलेगा, मंत्रिमंडल सब कमेटी के साथ मीटिंग होः गुर्जर संघर्ष समिति

वहीं इसमें बताया गया है कि निम्स मेडिकल कॉलेज के डॉ. बलवीर सिंह तोमर और डॉ. अनुराग तोमर की देखरेख में दवा का क्लिनिकल ट्रायल विधि अनुसार करने की बात कही गई. इस घोषणा के कुछ घंटों बाद ही आयुष मंत्रालय ने दवा के विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश जारी करते हुए स्पष्ट बताया कि इससे संबंधित कोई अनुमति आयुष मंत्रालय की ओर से नहीं ली गई है और ना ही इसके संबंध में प्रशिक्षण किया गया है. इसके लिए अधिवक्ता बलवीर जाखड़ ने मांग की है कि, इन्होंने मरीजों से छल करके फर्जी कागजात बनाए और स्वयं फर्जी कमेटियां बनाकर फर्जी रिपोर्ट तैयार की है. जो कि दवाई बेचकर आम लोगों का जीवन खतरे में डालने का घोर अपराध है.

जयपुर. योग गुरु बाबा रामदेव की कोरोना वायरस की दवा 'कोरोनिल' के क्लिनिकल ट्रायल को लेकर मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पहले जहां जयपुर के गांधी नगर थाने में आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. संजीव गुप्ता ने परिवाद दिया तो वहीं अब अधिवक्ता बलराम जाखड़ और अंकित कपूर ने ज्योतिनगर थाने में केस दर्ज करवाया है.

बाबा रामदेव के खिलाफ FIR, FIR against Baba Ramdev
बाबा रामदेव सहित 4 के खिलाफ केस दर्ज

कोरोना की दवा 'कोरोनिल' का ऐलान कर दुनिया भर में तहलका मचाने वाले बाबा रामदेव और निम्स के डॉ. बलवीर सिंह तोमर, आचार्य बालकृष्ण, डॉ, अनुराग तोमर और अनुराग वार्णय के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है. जिसमें अधिवक्ता बलराम जाखड़ ने आरोप लगाया है की, निम्स में भर्ती नॉर्मल मरीजों पर ये रिसर्च किया गया था और निम्स यूनिवर्सिटी के सहयोग से कोविड-19 की दवा बनाई गई है.

दर्ज FIR के अनुसार अधिवक्ता बलराम जाखड़ ने कहा कि, वर्तमान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने कोविड-19 को महामारी और राष्ट्रीय आपदा घोषित किया हुआ है. वहीं इसके लिए विभिन्न अधिसूचनाएं भी समय-समय पर जारी की हुई हैं. इन अधिसूचनाओं में कोविड-19 के तहत किसी भी प्रकार के भ्रामक और गलत तथ्य प्रस्तुत करने पर रोक है. वहीं कोविड-19 से बचाव के उपचार के संबंधित क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. जहां कोविड-19 से संक्रमितों को 14 दिन तक रखा जाता है और अति गंभीर मरीजों का अस्पताल में इलाज होता है. मरीजों की कोविड-19 का प्रशिक्षण राज्य सरकार की तरफ से ही किया जाता है और इसमें 5 से 7 दिन का समय लगता है.

पढ़ेंः : प्रदेश में 364 नए पॉजिटिव केस, 1 की मौत, कुल आंकड़ा 16660

दर्ज FIR में यह आरोप भी लगाया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों को धोखा देकर अरबों रुपए कमाने के आशय से पतंजलि योगपीठ के संस्थापक बाबा रामदेव, नेशनल मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस जयपुर के डॉक्टर बलवीर सिंह तोमर, दिव्या फॉर्मेसी के प्रबंध निर्देशक आचार्य बालकृष्ण और अनुराग वार्णय ने षड्यंत्र करके योजनाबद्ध तरीके से 23 जून को प्रेसवार्ता के माध्यम से यह घोषणा की उनके तरफ से कोरोनिल के नाम से कोविड-19 की दवा का बना ली गई है. जिसका शत-प्रतिशत परिणाम है, जो 3 से 7 दिन में कोविड-19 को समाप्त कर देती है.

पढ़ेंः ब्यूरोक्रेसी से काम नहीं चलेगा, मंत्रिमंडल सब कमेटी के साथ मीटिंग होः गुर्जर संघर्ष समिति

वहीं इसमें बताया गया है कि निम्स मेडिकल कॉलेज के डॉ. बलवीर सिंह तोमर और डॉ. अनुराग तोमर की देखरेख में दवा का क्लिनिकल ट्रायल विधि अनुसार करने की बात कही गई. इस घोषणा के कुछ घंटों बाद ही आयुष मंत्रालय ने दवा के विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश जारी करते हुए स्पष्ट बताया कि इससे संबंधित कोई अनुमति आयुष मंत्रालय की ओर से नहीं ली गई है और ना ही इसके संबंध में प्रशिक्षण किया गया है. इसके लिए अधिवक्ता बलवीर जाखड़ ने मांग की है कि, इन्होंने मरीजों से छल करके फर्जी कागजात बनाए और स्वयं फर्जी कमेटियां बनाकर फर्जी रिपोर्ट तैयार की है. जो कि दवाई बेचकर आम लोगों का जीवन खतरे में डालने का घोर अपराध है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.