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Financial crisis in Heritage Nigam: चुंगी पुनर्भरण में हर महीने 10 करोड़ का नुकसान, कर्मचारियों की सैलरी रोकने की नौबत, हेरिटेज निगम को हुडको का सहारा

हेरिटेज नगर निगम के पास सैलरी के पेटे राज्य सरकार से मिलने वाले चुंगी पुनर्भरण में हर महीने करीब 10 करोड़ का नुकसान चल रहा (every month Rs 10 crore loss to Heritage Nigam) है. जिसकी वजह से निगम को अपने कर्मचारियों की सैलरी देने में भी परेशानी आ रही है. हेरिटेज निगम कमिश्नर का दावा है कि हुडको से मिलने वाले लोन से ना सिर्फ देनदारियों खत्म होंगी, बल्कि विकास कार्यों को भी पंख लगेंगे.

Financial crisis in Heritage Nigam
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Published : Mar 31, 2022, 7:51 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 11:15 PM IST

जयपुर. हेरिटेज नगर निगम को चुंगी पुनर्भरण में हर महीने करीब 10 करोड़ का नुकसान हो रहा है. ऐसे में अब कर्मचारियों की सैलरी रोकने की भी नौबत आ गई है. इस संबंध में हेरिटेज निगम कमिश्नर ने राज्य सरकार को भी लिखा है. हालांकि उनका दावा है कि हुडको से मिलने वाले लोन से ना सिर्फ देनदारियों खत्म (Financial crisis in Heritage Nigam) होंगी, बल्कि विकास कार्यों को भी पंख लगेंगे.

शहर में सड़क, सीवरेज, पार्क और टॉयलेट के काम ठप पड़े हैं. हेरिटेज निगम से जुड़े ठेकेदार करीब 50 करोड़ बकाया भुगतान और 4 महीने से बिलों का निस्तारण नहीं होने के चलते हड़ताल पर हैं. ठेकेदारों का कहना है कि बैंकों में उनके मकान गिरवी हैं, बाजार से भी ब्याज पर पैसा लेकर काम किया गया है, लेकिन निगम से भुगतान नहीं होने की वजह से अब उनकी साख पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. साथ ही ब्याज की लेनदारी लगातार बढ़ती जा रही है. उधर, हेरिटेज निगम अपनी बिगड़ी वित्तीय स्थिति का रोना रो रहा है. आलम ये है कि विकास कार्य करने वाले ठेकेदारों को भुगतान दूर की बात निगम के कर्मचारियों की सैलरी रोकने की प्लानिंग की जा रही है.

पढ़ें: Auction In Jaipur : घाटे से उबरने के लिए हेरिटेज नगर निगम कर रहा प्राइम लोकेशन की नीलामी

हेरिटेज निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने कहा कि वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे हेरिटेज नगर निगम के पास सैलरी के पेटे राज्य सरकार से मिलने वाले चुंगी पुनर्भरण में हर महीने करीब 10 करोड़ का नुकसान चल रहा है. जिसकी वजह से निगम को अपने कर्मचारियों की सैलरी देने में भी परेशानी आ रही है. चूंकि प्राथमिकता निगम के संचालन के साथ सिविल वर्क कराने की है, ऐसे में वित्तीय समस्या का समाधान करने के लिए सरकार को भी लिखा गया है. साथ ही निगम अपने रिसोर्सेज बढ़ाने में भी लगा हुआ है. कोशिश यही है कि जल्द ठेकेदारों की हड़ताल को खत्म किया जाए ताकि दोबारा विकास कार्य शुरू हों.

पढ़ें: Sweeper held talks with Minister Mahesh Joshi: मंत्री महेश जोशी ने ली सफाई कर्मचारियों की सुध, आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगित

उन्होंने बताया कि हेरिटेज निगम को विरासत में 100 करोड़ की देनदारी मिली है. ठेकेदारों का भुगतान होने के बाद महज 20 करोड़ की देनदारी रहेगी. इसे भी दो से तीन महीनों में खत्म करने की प्लानिंग की गई है. उन्होंने बताया कि हुडको लोन की प्रोसेस भी पूरी हो चुकी है. इस पैसे को किन मदों में खर्च करना है, इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है. राजस्व के लिए हेरिटेज निगम आमेर के पास ठाठर आवासीय योजना के भूखंड और संजय बाजार की दुकानों की ई-नीलामी भी करने जा रहा है. बहरहाल, ठेकेदारों का भुगतान नहीं होने से फिलहाल सीवर, सड़क और नालों का निर्माण का कार्य रुका हुआ है. हालांकि निगम प्रशासन का तर्क है कि हुडको से ऋण मिलने के साथ ही ठेकेदारों के बकाया भुगतान भी कर दिया जाएगा.

हेरिटेज निगम की वित्तीय समस्याओं पर बोले कमिश्नर अवधेश मीणा

पढ़ें: जयपुर हेरिटेज नगर निगम की आर्थिक स्थिति खराब...हालात सुधारने के लिए आरक्षित जमीन रियल एस्टेट डेवलपर्स को बेचेगा निगम

हेरिटेज नगर निगम इस वित्तीय वर्ष निगम के खजाने में आया ये राजस्व:

  • नगरीय विकास कर- 22.35 करोड़
  • होर्डिंग - 1.88 करोड़
  • अर्बन एसेसमेंट - 2.82 करोड़
  • कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट वर्क - 9.07 करोड़
  • पार्किंग - 1.66 करोड़
  • मैरिज गार्डन - 91 लाख
  • मोबाइल टावर - 26 लाख
  • डेयरी बूथ - 30 लाख
  • रोड कटिंग - 6.05 करोड़
  • कैरिंग चार्जेस - 42 लाख
  • अन्य - 28.27 करोड़

जयपुर. हेरिटेज नगर निगम को चुंगी पुनर्भरण में हर महीने करीब 10 करोड़ का नुकसान हो रहा है. ऐसे में अब कर्मचारियों की सैलरी रोकने की भी नौबत आ गई है. इस संबंध में हेरिटेज निगम कमिश्नर ने राज्य सरकार को भी लिखा है. हालांकि उनका दावा है कि हुडको से मिलने वाले लोन से ना सिर्फ देनदारियों खत्म (Financial crisis in Heritage Nigam) होंगी, बल्कि विकास कार्यों को भी पंख लगेंगे.

शहर में सड़क, सीवरेज, पार्क और टॉयलेट के काम ठप पड़े हैं. हेरिटेज निगम से जुड़े ठेकेदार करीब 50 करोड़ बकाया भुगतान और 4 महीने से बिलों का निस्तारण नहीं होने के चलते हड़ताल पर हैं. ठेकेदारों का कहना है कि बैंकों में उनके मकान गिरवी हैं, बाजार से भी ब्याज पर पैसा लेकर काम किया गया है, लेकिन निगम से भुगतान नहीं होने की वजह से अब उनकी साख पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. साथ ही ब्याज की लेनदारी लगातार बढ़ती जा रही है. उधर, हेरिटेज निगम अपनी बिगड़ी वित्तीय स्थिति का रोना रो रहा है. आलम ये है कि विकास कार्य करने वाले ठेकेदारों को भुगतान दूर की बात निगम के कर्मचारियों की सैलरी रोकने की प्लानिंग की जा रही है.

पढ़ें: Auction In Jaipur : घाटे से उबरने के लिए हेरिटेज नगर निगम कर रहा प्राइम लोकेशन की नीलामी

हेरिटेज निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने कहा कि वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे हेरिटेज नगर निगम के पास सैलरी के पेटे राज्य सरकार से मिलने वाले चुंगी पुनर्भरण में हर महीने करीब 10 करोड़ का नुकसान चल रहा है. जिसकी वजह से निगम को अपने कर्मचारियों की सैलरी देने में भी परेशानी आ रही है. चूंकि प्राथमिकता निगम के संचालन के साथ सिविल वर्क कराने की है, ऐसे में वित्तीय समस्या का समाधान करने के लिए सरकार को भी लिखा गया है. साथ ही निगम अपने रिसोर्सेज बढ़ाने में भी लगा हुआ है. कोशिश यही है कि जल्द ठेकेदारों की हड़ताल को खत्म किया जाए ताकि दोबारा विकास कार्य शुरू हों.

पढ़ें: Sweeper held talks with Minister Mahesh Joshi: मंत्री महेश जोशी ने ली सफाई कर्मचारियों की सुध, आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगित

उन्होंने बताया कि हेरिटेज निगम को विरासत में 100 करोड़ की देनदारी मिली है. ठेकेदारों का भुगतान होने के बाद महज 20 करोड़ की देनदारी रहेगी. इसे भी दो से तीन महीनों में खत्म करने की प्लानिंग की गई है. उन्होंने बताया कि हुडको लोन की प्रोसेस भी पूरी हो चुकी है. इस पैसे को किन मदों में खर्च करना है, इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है. राजस्व के लिए हेरिटेज निगम आमेर के पास ठाठर आवासीय योजना के भूखंड और संजय बाजार की दुकानों की ई-नीलामी भी करने जा रहा है. बहरहाल, ठेकेदारों का भुगतान नहीं होने से फिलहाल सीवर, सड़क और नालों का निर्माण का कार्य रुका हुआ है. हालांकि निगम प्रशासन का तर्क है कि हुडको से ऋण मिलने के साथ ही ठेकेदारों के बकाया भुगतान भी कर दिया जाएगा.

हेरिटेज निगम की वित्तीय समस्याओं पर बोले कमिश्नर अवधेश मीणा

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हेरिटेज नगर निगम इस वित्तीय वर्ष निगम के खजाने में आया ये राजस्व:

  • नगरीय विकास कर- 22.35 करोड़
  • होर्डिंग - 1.88 करोड़
  • अर्बन एसेसमेंट - 2.82 करोड़
  • कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट वर्क - 9.07 करोड़
  • पार्किंग - 1.66 करोड़
  • मैरिज गार्डन - 91 लाख
  • मोबाइल टावर - 26 लाख
  • डेयरी बूथ - 30 लाख
  • रोड कटिंग - 6.05 करोड़
  • कैरिंग चार्जेस - 42 लाख
  • अन्य - 28.27 करोड़
Last Updated : Mar 31, 2022, 11:15 PM IST
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