जयपुर. आज 30 साल के बाद भी कश्मीरी पंडितों को इंसाफ नहीं मिला है. इसके लिए किसी भी सरकार ने कुछ नहीं किया. 4 लाख लोगों को उनके स्वर्ग से भी सुंदर घरों से निकाल दिया गया. हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया और जिन लोगों ने इसकी जिम्मेदारी ली, उन पर कोई एक्शन नहीं हुआ.टेरर फंडिंग को लेकर वह लोग आज जरूर जेल में है, लेकिन इस नरसंहार को लेकर उन्हें कोई सजा नहीं हुई. ये कहना है फेमस फिल्म मेकर विधु विनोद चोपड़ा का.
शनिवार को जेएलएफ में 'शिकारा सेशन' में राहुल पंडित और शुनाली खुल्लर श्रॉफ के साथ चर्चा करते हुए उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि कश्मीरी पंडितों पर सरकार और मीडिया आज तक खामोश रहे. अब तो इस 30 साल की खामोशी को तोड़ो और इतना शोर मचाओ, जिसकी आवाज संसद में गूंज उठे.
30 साल से हरे हैं जख्म
चोपड़ा ने कहा कि कश्मीर वायलेंस में मैंने अपना भाई खोया है. यह मेरी ही नहीं ऐसे हजारों लोगों की कहानी है, जिन्होंने अपनों को खोया है. उनके जख्म 30 साल से हरे हैं, अब तो उन पर मरहम लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि फिल्म शिकारा से 11 साल की मेहनत के बाद कश्मीरी पंडितों का दर्द आपके सामने लाने जा रहा हूं.
फिल्म में 4 हजार कश्मीरी पंडितों ने अपने से अपना दर्द बयां करने की कोशिश की है. कश्मीर से धारा 370 हटाने पर उन्होंने कहा कि 70 साल में तो इसका कोई फायदा हुआ नहीं. अब गवर्नमेंट ने हिम्मत दिखाई है, तो आने वाले दिनों में इसका असर दिखाई देगा.
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फिल्म शिकारा की स्क्रिप्ट लिखने वाले राहुल पंडित ने सेशन में कहा कि कश्मीर में सब कुछ प्लानिंग के तहत किया गया. 4 लाख से अधिक लोग अपना घर छोड़ से टेंट में रहने को मजबूर हैं और किसी ने दो मिनट उनके कैंपों में जाकर उनकी स्थिति जानने की कोशिश नहीं की.