जयपुर. कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर में जहां संक्रमित मरीजों का आंकड़ा (Corona in Rajasthan) लगातार बढ़ रहा है. वहीं हर दिन बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हो रही है. अभी लगभग 15 से 20 मरीजों की मौत प्रदेश में हर दिन हो रही है. लेकिन संक्रमण के मामलों में कमी दर्ज की गई है. मौत को लेकर चिकित्सकों का कहना है कि इस बार मौत के आंकड़ों (figures of deaths from corona in Rajasthan) के पीछे सबसे बड़ा कारण वैक्सीन नहीं लगा होना या गंभीर बीमारी से पीड़ित होना है.
बीते वर्ष मार्च के शुरुआती सप्ताह में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी थी. जिसके बाद हर दिन संक्रमण के मामले बढ़े और प्रदेश संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में आ गया. जब संक्रमण का पीक आया तो लगभग 20 से 25 हजार संक्रमण के मामले हर दिन आने लगे. इस दौरान हर दिन करीब 40 से 50 मरीजों की मौत हर दिन होने लगी थी.
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हालांकि जुलाई महीने के बाद संक्रमण के मामले अचानक कम होने लगे और मौतों का सिलसिला भी रुक गया. मौजूदा समय की बात करें तो दिसंबर 2021 के बाद अचानक एक बार फिर संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी होने लगी और प्रदेश संक्रमण की तीसरी लहर की चपेट में आ गया. इस दौरान संक्रमण के मामले जयादा नहीं बढ़े. लेकिन कुछ समय बाद मौत के आंकड़ों में अचानक वृद्धि दर्ज की गई.
क्या कहते हैं आंकड़ेः आंकड़ों की बात करें तो कोरोना की दूसरी लहर में मौत के आंकड़ों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही थी. लगभग 6000 से अधिक मरीजों ने सिर्फ 4 महीने में दम तोड़ दिया था. इस दौरान संक्रमण के मामलों में भी काफी बढ़ोतरी देखने को मिली. लेकिन बढ़ते मौत के आंकड़ों के बाद हालात ज्यादा बिगड़ने लगे थे.
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बीते वर्ष मार्च माह में तेजी से संक्रमण के आंकड़े बढ़े
- मार्च से जून तक प्रदेश संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में रहा
- इस दौरान लगभग 4 माह में 6134 मरीजों ने दम तोड़ा
- बीते वर्ष दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में एकाएक संक्रमण के मामले बढ़े
- शुरुआती समय में सिर्फ संक्रमण बढ़ा लेकिन इसके बाद मौत के आंकड़ों में होने लगी वृद्धि
- ऐसे में प्रदेश संक्रमण की तीसरी लहर की चपेट में आ गया
- बीते 2 महीने में लगभग 476 मरीज कोरोना के कारण दम तोड़ चुके हैं
- हर दिन प्रदेश में 15 से 20 मरीजों की हो रही मौत
इस संबंध में सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी का कहना है कि निश्चित तौर पर मौजूदा समय में मौतों के आंकड़े बढ़ रहे हैं, लेकिन सिर्फ ऐसे मरीजों की जान जा रही है जिन्हें या तो वैक्सीन नहीं लगी है या वे किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं.