जयपुर. चने की सरकारी खरीद की सीमा बढ़ाए जाने को लेकर चल रहे किसान महापंचायत के आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया है. हालांकि रविवार को किसानों को दिल्ली कूच करने से रोक दिया गया. लेकिन किसान अब तक महला में ही पड़ाव डाले जमे हुए हैं. इस बीच सोमवार को सरकार के स्तर पर उन्हें वार्ता के लिए जयपुर के कृषि पंत भवन में बुलाया गया. जहां सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव और राजफैड से जुड़े अधिकारियों के साथ चर्चा भी हुई, लेकिन सहमति नहीं बन पाई.
दरअसल खरीद की सीमा बढ़ाए जाने का निर्णय केंद्र सरकार के स्तर पर ही हो सकता है. ऐसे में अब किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने प्रदेश सरकार के समक्ष उन किसानों से चने की खरीद करने की मांग की है, जिनका पंजीयन सहकारिता विभाग में हो चुका है.
पढ़ें- जयपुर : किसानों के काफिले को पुलिस ने महला में रोका...विवाद के बाद प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
जाट का आरोप है कि 3 दिन पहले ही प्रदेश सरकार ने खरीद बंद कर दी. जबकि अभी ऐसे कई किसान हैं, जिन्होंने खरीद के लिए पूर्व में ही पंजीयन करा लिया था. ऐसी स्थिति में सरकार उन्हें राहत देते हुए कम से कम उन किसानों से तो चने की खरीद कर ही ले. हालांकि सहकारिता सचिव कुंजीलाल मीणा ने यह कहकर थोड़ा समय मांगा कि उन्होंने अभी-अभी इस पद पर ज्वाइन किया है, ऐसे में पूरे मामले को समझने के बाद कोई फैसला ले पाएंगे. इस बीच किसानों से जुड़ा प्रतिनिधिमंडल वापस महला पहुंच गया, जहां अगली रणनीति बनाई जा रही है.
दिल्ली कूच को महला में रोका
किसान महापंचायत के बैनर तले रविवार को जयपुर से सैकड़ों किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए. लेकिन पुलिस-प्रशासन ने किसानों को महला में ही रोक लिया. इस दौरान 2 घंटे तक स्थानीय प्रशासन से चले विवाद के बाद किसानों ने पीएम और सीएम के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. जिसके बाद से किसान महला में ही पड़ाव डाले हुए हैं.