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जयपुर के नींदड़ में किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह तीसरे दिन भी जारी

जयपुर के नींदड़ में एक बार फिर किसानों ने जमीन समाधि सत्याग्रह शुरू कर दिया है, जो गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. जेडीए की कार्रवाई के विरोध में दो साल पहले भी 44 दिन तक किसानों ने जमीन समाधि सत्याग्रह किया था. नींदड़ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक ने कहा कि आने वाले दिनों में इन किसानों की संख्या बढ़ेगी और उन किसानों की परिजन भी आने वाले दिनों में भूमि समाधि लेकर इस जमीन अधिग्रहण का विरोध करेंगे.

नींदड़ न्यूज , Nindar Village
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Published : Jan 9, 2020, 9:01 PM IST

जयपुर. नींदड़ गांव में चल रहे किसानों के अनूठे सत्याग्रह का गुरुवार को तीसरा दिन था. यह किसान जेडीए की ओर से अवाप्त की जा रही जमीन का विरोध कर रहे हैं और विरोध के लिए किसानों ने अनूठा तरीका अपनाया है. किसान जमीन पर दबकर भूमि समाधि लेकर इस अवाप्ति का विरोध कर रहे हैं. गुरुवार को भूमि समाधि लेकर विरोध कर रहे 5 किसानों में से एक किसान की तबीयत भी बिगड़ गई जिसे एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल भेजा गया.

किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह तीसरे दिन भी जारी

जयपुर के नींदड़ गांव में जेडीए (जयपुर विकास प्राधिकरण) नींदड़ आवासीय योजना के लिए भूमि अवाप्त कर रहा है, लेकिन गांव के किसान जेडीए के इस भूमि अवाप्ति का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि जेडीए ने पुराने भूमि अधिग्रहण बिल के तहत उनकी जमीन ले रहा है, जबकि किसान चाहते हैं कि नए भूमि अधिग्रहण बिल के तहत उनकी जमीन ली जाए. किसानों का कहना है कि नया भूमि अधिग्रहण बिल कांग्रेस सरकार ही 2013 में लेकर आई थी और एक जनवरी 2014 से यह लागू हुआ था. किसानों की मांग है कि नए भूमि अधिग्रहण बिल के तहत ही उनकी भूमि अवाप्त की जाए.

पढ़ें- नींदड़ में किसानों की जमीन समाधि सत्याग्रह जारी, बोले- 'हर जोर-जुल्म की टक्कर में, संघर्ष हमारा नारा है'

वहीं, किसानों ने चेतावनी दी है कि पुराने भूमि अधिग्रहण बिल के जरिए एक इंच भूमि भी सरकार को नहीं देंगे, चाहे इस भूमि समाधि के तहत उनकी जान ही क्यों ना चली जाए. इन किसानों का नेतृत्व कर रहे नींदड़ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक नागेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जब कांग्रेस ही नया भूमि अधिग्रहण बिल लेकर कर आई थी तो उसे यहां लागू करने में क्या परेशानी है. उन्होंने कहा कि आज 5 किसान जमीन समाधि लेकर विरोध कर रहे हैं और आने वाले दिनों में इन किसानों की संख्या बढ़ेगी और उन किसानों की परिजन भी आने वाले दिनों में भूमि समाधि लेकर इस जमीन अधिग्रहण का विरोध करेंगे.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्टः क्या 16 फरवरी को नींदड़ के किसान रामनारायण की बेटियां सीमा और सुमन ले पाएंगी सात फेरे..?

एक किसान की बिगड़ी तबीयत

नींदड़ आवासीय योजना में जेडीए की ओर से भूमि अधिग्रहण का भूमि समाधि लेकर विरोध कर रहे 5 किसानों में से गुरुवार को एक किसान सीताराम शर्मा की तबीयत बिगड़ गई, जिसे कांवटिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं, सीताराम शर्मा अस्पताल से दवाई लेकर नींदड़ लौट आए और वापस भूमि समाधि ले ली. बता दें कि जब सीताराम शर्मा को अस्पताल लेकर गए तो उसके स्थान पर सूरज नारायण शर्मा ने भूमि समाधि ली.

इन किसानों ने ली भूमि समाधि

जेडीए की ओर से जमीन अधिग्रहण के विरोध में नागेन्द्र सिंह शेखावत, कैलाश बोहरा, सीताराम शर्मा, शिशुपाल शर्मा और गोपाल कुमावत ने भूमि समाधि ली हुई है. इनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती वे भूमि समाधि लेकर विरोध जताते रहेंगे.

पढ़ें- सर्द रात भी नहीं डगमगा सकी किसानों के हौसले, बोले- अब बस गहलोत सरकार से आस

3 दिन से नहीं ली सुध

जमीन अधिग्रहण के विरोध में 7 जनवरी को किसानों ने भूमि समाधि ली थी और तीसरे दिन गुरुवार तक सरकार के किसी भी मंत्री और अधिकारी ने उनकी कोई सुध नहीं ली. सरकार की ओर से कोई सुध नहीं लेने पर किसानों में आक्रोश भी है. नागेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी किसान भूमि समाधि लेकर जेडीए की ओर से की जा रही जमीन अधिग्रहण का विरोध करेंगे.

जयपुर. नींदड़ गांव में चल रहे किसानों के अनूठे सत्याग्रह का गुरुवार को तीसरा दिन था. यह किसान जेडीए की ओर से अवाप्त की जा रही जमीन का विरोध कर रहे हैं और विरोध के लिए किसानों ने अनूठा तरीका अपनाया है. किसान जमीन पर दबकर भूमि समाधि लेकर इस अवाप्ति का विरोध कर रहे हैं. गुरुवार को भूमि समाधि लेकर विरोध कर रहे 5 किसानों में से एक किसान की तबीयत भी बिगड़ गई जिसे एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल भेजा गया.

किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह तीसरे दिन भी जारी

जयपुर के नींदड़ गांव में जेडीए (जयपुर विकास प्राधिकरण) नींदड़ आवासीय योजना के लिए भूमि अवाप्त कर रहा है, लेकिन गांव के किसान जेडीए के इस भूमि अवाप्ति का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि जेडीए ने पुराने भूमि अधिग्रहण बिल के तहत उनकी जमीन ले रहा है, जबकि किसान चाहते हैं कि नए भूमि अधिग्रहण बिल के तहत उनकी जमीन ली जाए. किसानों का कहना है कि नया भूमि अधिग्रहण बिल कांग्रेस सरकार ही 2013 में लेकर आई थी और एक जनवरी 2014 से यह लागू हुआ था. किसानों की मांग है कि नए भूमि अधिग्रहण बिल के तहत ही उनकी भूमि अवाप्त की जाए.

पढ़ें- नींदड़ में किसानों की जमीन समाधि सत्याग्रह जारी, बोले- 'हर जोर-जुल्म की टक्कर में, संघर्ष हमारा नारा है'

वहीं, किसानों ने चेतावनी दी है कि पुराने भूमि अधिग्रहण बिल के जरिए एक इंच भूमि भी सरकार को नहीं देंगे, चाहे इस भूमि समाधि के तहत उनकी जान ही क्यों ना चली जाए. इन किसानों का नेतृत्व कर रहे नींदड़ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक नागेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जब कांग्रेस ही नया भूमि अधिग्रहण बिल लेकर कर आई थी तो उसे यहां लागू करने में क्या परेशानी है. उन्होंने कहा कि आज 5 किसान जमीन समाधि लेकर विरोध कर रहे हैं और आने वाले दिनों में इन किसानों की संख्या बढ़ेगी और उन किसानों की परिजन भी आने वाले दिनों में भूमि समाधि लेकर इस जमीन अधिग्रहण का विरोध करेंगे.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्टः क्या 16 फरवरी को नींदड़ के किसान रामनारायण की बेटियां सीमा और सुमन ले पाएंगी सात फेरे..?

एक किसान की बिगड़ी तबीयत

नींदड़ आवासीय योजना में जेडीए की ओर से भूमि अधिग्रहण का भूमि समाधि लेकर विरोध कर रहे 5 किसानों में से गुरुवार को एक किसान सीताराम शर्मा की तबीयत बिगड़ गई, जिसे कांवटिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं, सीताराम शर्मा अस्पताल से दवाई लेकर नींदड़ लौट आए और वापस भूमि समाधि ले ली. बता दें कि जब सीताराम शर्मा को अस्पताल लेकर गए तो उसके स्थान पर सूरज नारायण शर्मा ने भूमि समाधि ली.

इन किसानों ने ली भूमि समाधि

जेडीए की ओर से जमीन अधिग्रहण के विरोध में नागेन्द्र सिंह शेखावत, कैलाश बोहरा, सीताराम शर्मा, शिशुपाल शर्मा और गोपाल कुमावत ने भूमि समाधि ली हुई है. इनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती वे भूमि समाधि लेकर विरोध जताते रहेंगे.

पढ़ें- सर्द रात भी नहीं डगमगा सकी किसानों के हौसले, बोले- अब बस गहलोत सरकार से आस

3 दिन से नहीं ली सुध

जमीन अधिग्रहण के विरोध में 7 जनवरी को किसानों ने भूमि समाधि ली थी और तीसरे दिन गुरुवार तक सरकार के किसी भी मंत्री और अधिकारी ने उनकी कोई सुध नहीं ली. सरकार की ओर से कोई सुध नहीं लेने पर किसानों में आक्रोश भी है. नागेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी किसान भूमि समाधि लेकर जेडीए की ओर से की जा रही जमीन अधिग्रहण का विरोध करेंगे.

Intro:जयपुर। जयपुर के पास स्थित नींदड गांव में चल रहे किसानों के अनूठे सत्याग्रह का गुरुवार को तीसरा दिन था। यह किसान जेडीए की ओर से अवाप्त की जा रही जमीन का विरोध कर रहे हैं और विरोध के लिए किसानों ने अनूठा तरीका अपनाया है। किसान जमीन पर दबकर भूमि समाधि लेकर इस अवाप्ति का विरोध कर रहे हैं। गुरुवार को भूमि समाधि लेकर विरोध कर रहे 5 किसानों में से एक किसान की तबीयत भी बिगड़ गई जिसे एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल भेजा गया।


Body:जयपुर के नींदड गांव में जेडीए नींदड़ आवासीय योजना के लिए भूमि अवाप्त कर रहा है लेकिन गांव के किसान जेडीए के इस भूमि अवाप्ति का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जेडीए ने पुराने भूमि अधिग्रहण बिल के तहत उनकी जमीन ले रहा है जबकि किसान चाहते हैं कि नए भूमि अधिग्रहण बिल के तहत उनकी जमीन ली जाए। किसानों का कहना है कि नया भूमि अधिग्रहण बिल कांग्रेस सरकार ही 2013 में लेकर आई थी और एक जनवरी 2014 से यह लागू हुआ था। किसानों की मांग है नए भूमि अधिग्रहण बिल के तहत ही उनकी भूमि अवाप्त की जाए।
किसानों ने चेतावनी दी है कि पुराने भूमि अधिग्रहण बिल के जरिए एक इंच भूमि भी सरकार को नहीं देंगे, चाहे इस भूमि समाधि के तहत उनकी जान ही क्यों न चली जाए। इन किसानों का नेतृत्व कर रहे नींदड बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक नागेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जब कांग्रेस ही नया भूमि अधिग्रहण बिल लेकर कर आई थी तो उसे यहां लागू करने में कहां परेशानी है। नगेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज 5 किसान जमीन समाधि लेकर विरोध कर रहे हैं और आने वाले दिनों में इन किसानों की संख्या बढ़ेगी और उन किसानों की परिजन भी आने वाले दिनों में भूमि समाधि लेकर इस जमीन अधिग्रहण का विरोध करेंगे।
एक किसान की बिगड़ी तबीयत- नींदड़ आवासीय योजना में जेडीए की ओर से भूमि अधिग्रहण का भूमि समाधि लेकर विरोध कर रहे 5 किसानों में से एक किसान सीताराम शर्मा की तबीयत बिगड़ गई जिसे 108 एंबुलेंस कांवटिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सीताराम शर्मा कांवटिया अस्पताल से दवाई लेकर नींदड़ लौट आए और वापस भूमि समाधि ले ली। जब सीताराम शर्मा को अस्पताल लेकर गए तो उसके स्थान पर सूरज नारायण शर्मा ने भूमि समाधि ली।

इन किसानों ने ली भूमि समाधि-
जेडीए की ओर से जमीन अधिग्रहण के विरोध में नगेन्द्र सिंह शेखावत, कैलाश बोहरा, सीताराम शर्मा, शिशुपाल शर्मा, गोपाल कुमावत ने भूमि समाधि ली हुई है। इनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती वे भूमि समाधि लेकर विरोध जताते रहेंगे।
3 दिन से नहीं ली सुध- जमीन अधिग्रहण के विरोध में 7 जनवरी को किसानों ने भूमि समाधि ली थी और तीसरे दिन गुरुवार तक सरकार के किसी भी नुमाइंदे ने उनकी कोई सुध नहीं ली। सरकार की ओर से कोई सुध नहीं लेने पर किसानों में आक्रोश भी है। नगेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि आने वाले दिनों में और भी किसान भूमि समाधि लेकर जेडीए की ओर से की जा रही जमीन अधिग्रहण का विरोध करेंगे।

बाईट 1.नगेन्द्र सिंह शेखावत, नींदड़ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक
2.कैलाश बोहरा, किसान
3. गोपाल कुमावत, किसान




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