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नींदड़ के किसानों ने महेश जोशी को सौंपा ज्ञापन, JDA और किसानों के बीच बनेंगे सेतु

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Published : Feb 9, 2020, 2:27 PM IST

किसानों ने मुख्य सचेतक महेश जोशी को ज्ञापन सौंपकर राज्य सरकार के प्रतिनिधि मंडल से नींदड़ आंदोलन के समाधान के लिए बात जारी रखने की मांग की है.

जयपुर न्यूज़, नींदड़ के किसान, jaipur news
किसानों ने महेश जोशी को सौंपा ज्ञापन

जयपुर . नींदड़ के किसानों ने JDA पर किसानों में गुटबाजी करवाने की साजिश का आरोप लगाया है. इस संबंध में मुख्य सचेतक महेश जोशी को ज्ञापन सौंपकर राज्य सरकार के प्रतिनिधि मंडल से नींदड़ आंदोलन के समाधान के लिए बात जारी रखने की मांग की है.

किसानों ने महेश जोशी को सौंपा ज्ञापन

राज्य सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर महेश जोशी ने नींदड़ के किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह स्थगित कर दिया था. साथ ही जेडीए के साथ बात करने के लिए भी मना लिया था. लेकिन जेडीए के साथ हुई तीन दौर की वार्ता से नींदड़ के किसान संतुष्ट नहीं हैं. इसी कारण 6 फरवरी को होने वाली चौथे दौर की वार्ता में नींदड़ संघर्ष समिति के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे.

पढ़ें. मंडरायल के जंगलों से डकैत रामवीर गुर्जर गिरफ्तार

अब उन्होंने जेडीए प्रशासन पर साजिशन किसानों में गुटबाजी और फूट डालने का आरोप लगाया है. इस पर संघर्ष समिति के नगेंद्र सिंह ने कहा, कि उन्होंने महेश जोशी के सामने JDA से बात नहीं करने और राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करने की मांग रखी है.

उन्होंने कहा, कि जेडीए ने किसानों को बांटने की कोशिश की है. राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने का काम किया है. ऐसे में अब सिर्फ जनप्रतिनिधियों से वार्ता की जाएगी.

आपको बता दें, कि नींदड़ के किसान बीते 10 साल से अपनी जमीन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने जमीन समाधि सत्याग्रह भी किया. सत्याग्रह स्थगित होने के बाद भी बीते 34 दिन से नींदड़ के प्रभावित किसान अपने परिवार के साथ धरना दे रहे हैं.

जयपुर . नींदड़ के किसानों ने JDA पर किसानों में गुटबाजी करवाने की साजिश का आरोप लगाया है. इस संबंध में मुख्य सचेतक महेश जोशी को ज्ञापन सौंपकर राज्य सरकार के प्रतिनिधि मंडल से नींदड़ आंदोलन के समाधान के लिए बात जारी रखने की मांग की है.

किसानों ने महेश जोशी को सौंपा ज्ञापन

राज्य सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर महेश जोशी ने नींदड़ के किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह स्थगित कर दिया था. साथ ही जेडीए के साथ बात करने के लिए भी मना लिया था. लेकिन जेडीए के साथ हुई तीन दौर की वार्ता से नींदड़ के किसान संतुष्ट नहीं हैं. इसी कारण 6 फरवरी को होने वाली चौथे दौर की वार्ता में नींदड़ संघर्ष समिति के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे.

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अब उन्होंने जेडीए प्रशासन पर साजिशन किसानों में गुटबाजी और फूट डालने का आरोप लगाया है. इस पर संघर्ष समिति के नगेंद्र सिंह ने कहा, कि उन्होंने महेश जोशी के सामने JDA से बात नहीं करने और राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करने की मांग रखी है.

उन्होंने कहा, कि जेडीए ने किसानों को बांटने की कोशिश की है. राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने का काम किया है. ऐसे में अब सिर्फ जनप्रतिनिधियों से वार्ता की जाएगी.

आपको बता दें, कि नींदड़ के किसान बीते 10 साल से अपनी जमीन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने जमीन समाधि सत्याग्रह भी किया. सत्याग्रह स्थगित होने के बाद भी बीते 34 दिन से नींदड़ के प्रभावित किसान अपने परिवार के साथ धरना दे रहे हैं.

Intro:जयपुर - नींदड़ के किसानों ने जेडीए पर किसानों में गुटबाजी उत्पन्न करने की साजिश का आरोप लगाया है। और इस संबंध में मुख्य सचेतक महेश जोशी को ज्ञापन सौंपकर राज्य सरकार के प्रतिनिधि मंडल से नींदड़ आंदोलन के समाधान के लिए वार्ता जारी रखने की मांग की है।


Body:राज्य सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर महेश जोशी ने नींदड़ के किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह स्थगित कर आया था। साथ ही जेडीए के साथ वार्ता के लिए भी रजामंद किया था। लेकिन जेडीए के साथ हुई तीन दौर की वार्ता से नींदड़ के किसान संतुष्ट नहीं है। यही वजह रही कि 6 फरवरी को होने वाली चौथे दौर की वार्ता में नींदड़ संघर्ष समिति के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे। उन्होंने जेडीए प्रशासन पर साजिशन किसानों में गुटबाजी और फूट डालने का आरोप लगाया। इस संबंध में संघर्ष समिति के नगेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने महेश जोशी के सामने जेडीए से वार्ता नहीं करने और राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करने की मांग रखी है। उन्होंने कहा कि जेडीए ने किसानों को बांटने की कोशिश की है। जो राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने का काम है। ऐसे में अब सिर्फ जनप्रतिनिधियों से वार्ता की जाएगी।
बाईट - नगेंद्र सिंह शेखावत, संयोजक, नींदड़ बचाओ संघर्ष समिति

वहीं मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कम्युनिकेशन बने रहने की बात कहते हुए कहा कि, वो खुद नींदड़ किसानों और जेडीए के बीच सेतु बनकर इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। हालांकि नींदड़ के किसानों के जेडीए पर लगाए आरोप को लेकर उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात कही।
बाईट - महेश जोशी, मुख्य सचेतक


Conclusion:आपको बता दें कि नींदड़ के किसान बीते 10 साल से अपनी जमीन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसे लेकर उन्होंने जमीन समाधि सत्याग्रह भी किया। तो वहीं सत्याग्रह स्थगित होने के बाद भी बीते 34 दिन से नींदड़ के प्रभावित किसान अपने परिवार के साथ धरना दे रहे हैं।
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