स्पेशल रिपोर्ट: राजस्थान की बंजर भूमि भी उगलेगी अब सोना, किसान होगा मालामाल - स्पेशल रिपोर्ट
सरकार ने मिलकर किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए प्रयास शुरु कर दिए है. किसान को आर्थिक सम्बल देने के लिए अब सोलर एनर्जी किसान का सहारा बनने वाला है. किसान अपने खेत में सोलर एनर्जी लगाकर हर साल लाखों कमा सकते है. केंद्र सरकार की कुसुम योजना प्रदेश में भी लागू हो चुकी है, जो किसान इस योजना में सोलर पावर प्लांट लगाना चाहते है, वो 31 दिसम्बर 2019 तक आन लाइन आवेदन कर सकते है. देखिए जयपुर से स्पेशल रिपोर्ट...
जयपुर. बरसात की कमी के चलते कुंओं में पानी कम हो गया है. पानी की कमी बनी तो उससे पैदावार भी घटती चली गई. पैदावार घटी तो किसान की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो रही है. ऐसे में इन सब का तोड़ 'सोलर एनर्जी' बनकर समाने आई है. जो किसान के लिए वरदान साबित होने वाली है.
किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाअभियान
बता दें कि केन्द्र और राज्य सरकार ने मिलकर किसान की आर्थिक खुशहाली लाने के लिए किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाअभियान चलाया है. जिसमें बंजर जमीन से सोलर के जरिए किसान के खेत में सोना पैदा होने वाला है. दरअसल में 33 केवी ग्रिड के पांच किलोमीटर की सीमा में किसान की ओर से वहां पर 5 सौ किलोवाट से 2 मेगावाट तक के सोलर एनर्जी प्लांट लगाया जाएगा. राजस्थान ने इस योजना के जरिए केन्द्र से मिले 325 मेगााट को बढ़ाकर 5 सौ मेगावाट किया है, लेकिन प्रदेश ने सोलर रेडिएशन को देखते हुए और बढ़ाने की मांग की है.
इस तरह मिल सकता है योजना का फायदा
इन सोलर संयत्रों की स्थापना किसान द्वारा व्यक्तिगत, समूह में सहकारी समितियां, पंचायत, फार्मर प्रोडयूसर ऑर्गनाइजेशन, वाटर यूजर एसोसिएशन द्वारा की जा सकेंगी. इस योजना में 30 फीसदी केन्द्र सरकार से 30 राज्य सरकार से 30 फीसदी का नाबार्ड से लोन और 10 फीसदी किसान को लगानी होगी, लेकिन अगर किसान के पास जमीन है और पूंजी नहीं तो ऐसे किसान अपनी भूमि को लीज रेंट प्रति एकड़ दे सकते है या फिर प्रति एकड़ सोलर उत्पादित एनर्जी से प्रति यूनिट के दान ले सकते है. प्राथमिक तौर पर बंजर या अनुपयोगी भूमि पर सोलर पावर प्लांट लगाएं जाएंगे, मौजूदा स्थिति में राज्य में 33 केवी के लगभग 4959 सब स्टेशन स्थापित किए गए है. इन सब स्टेशनों में 6134 मेगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करने की क्षमता है.
- एक मोगावाट सोलर संयत्र पर 3.5 करोड़ खर्च होंगे.
- एक मेगावाट में साल में 17 लाख यूनिट का उत्पादन होगा.
- विनियामक आयोग ने 3.14 पैसे के हिसाब से 53 लाख की वार्षिक आय होगी.
- प्रति मेगावाट दो हैक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी.
- किसान किसी डवलपर्स को जमीन देने की स्थिति में 20 पैस प्रति यूनिट से सालाना 3.40 लाख की आय होगी.
- योजना अच्छी लेकिन प्रचार कर देना होगा जोर
पढ़ें- राजस्थान में प्याज की बंपर आवक से कहीं खुशी, कहीं गम...देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट
केन्द्र और राज्य सरकार ने मिलकर देश और प्रदेश के किसान को समृद्ध बनाने की दिशा में काम कर रहे है, लेकिन अभी तक योजना की ठीक जानकारी किसानों को नही मिल पा रही है. जरूरत इस बात की है कि पंचायत स्तर तक जाकर किसानों को इस योजना के बारे में जानकारी दी जाए, साथ ही ऑनलाइन आवेदन करवाएं ताकि जितनी ज्यादा सोलर पावर प्लांट लगेंगे. उतना ही फायदा किसान को होगा और उतना ही पर्यावरण संरक्षित हो सकेगा.
बंजर भूमि से उगलेगा सोना,किसान होंगे मालामाल
केन्द्र-राज्य सरकार जुटी सौर ऊर्जा के जरिए किसान को सम़द्ध करने में
किसान लागत का दस फीसदी लगाने पर होगा भारी मुनाफा
पांच सौ किलोवॉट से 2 मेगावॉट के लगा सकेंगे सौर सयंत्र
जयपुर (इंट्रो)
सरकार ने मिलकर किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए प्रयास शुरु कर दिए है। किसान को आर्थिक सम्बल देने के लिए अब सोलर एनर्जी किसान का सहारा बनने वाला है। किसान अपने खेत में सोलर एनर्जी लगाकर हर साल लाखों कमा सकते है केंद्र सरकार की कुसूम योजना प्रदेश में भी लागू हो चूकी है जो किसान इस योजना में सोलर पावर प्लाट लगाना चाहते है वो 31 दिसम्बर 2019 तक आन लाइन आवेदन कर सकते है।
बरसात की कमी और उसके चलते कम होता कुओ में पानी। पानी की कमी बनी तो उससे कम होती चली पैदावार ....कमजोर होती किसान की आर्थिक स्थिति इनसब का तोड़ बनकर समाने आई है 'सोलर एनर्जी' जो किसान के लिए वरदान साबित होने वाली है केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर किसान की आर्थिक खुशहाली लाने के लिए किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाअभियान चलाया है जिसमें बंजर जमीन से सोलर के जरिए किसान के खेत में सोना पैदा होने वाला है। दरअसल में 33 के वी ग्रिड के पांच किलोमीटर की सीमा में किसान द्वारा वहा पर 5 सौ किलोवाट से 2 मेगावॉट तक के सौलर एनर्जी प्लांट लगाया जाएगा। राजस्थान ने इस योजना के जरिए केन्द्र से मिले 325 मेगावॉट को बढ़ाकर 5 सौ मेगावॉट किया है लेकिन प्रदेश ने सोलर रेडिएशन को देखते हुए ओर बढ़ाने की मांग की है।
इस तरह मिल सकता है योजना का फायदा-
इन सोलर संयत्रों की स्थापना किसान द्वारा व्यक्तिगत..समूह में सहकारी समितिय़ां..पंचायत..फार्मर प्रोडयूसर ऑर्गनाइजेशन वाटर यूजर एसोसिएशन द्रारा की जा सकेंगी । इस योजना में 30 फीसदी केन्द्र सरकार से 30 राज्य सरकार से 30 फीसदी का नाबार्ड से लोन और 10 फीसदी किसान को लगानी होगी लेकिन किसी किसान के पास जमीन तो है लेकिन पूंजी नही है। ऐसे किसान अपनी भूमि को लीज रेन्ट प्रति एकड दे सकते है या फिर प्रति एकड सोलर उत्पादित एनर्जी से प्रति यूनिट के दान ले सकते है। प्राथमिक तौर पर बंजर या अनुपयोगी भूमि पर सोलर पावर प्लांट लगाएं जाएंगे ..मौजूदा स्थिति में राज्य में 33 केवी के लगभग 4959 सब स्टेशन स्थापित किए गए है। इन सब स्टेशनों में 6134 मेगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करने की क्षमता है।
किसान का यह वो का खर्चा और यह मिलेगा फायदा-
एक मोगावॉट सोलर संयत्र पर 3.5 करोड होंगे खर्च
एक मेगावॉट में साल में 17 लाख यूनिट का होगा उत्पादन
विनियामक आयोग ने 3.14 पैसे के हिसाव से 53 लाख की होगी वार्षिक आय
प्रति मेगावॉट दो हैक्टेयर की होगी जमीन की आवश्यकता
किसान किसी डवलपर्स को जीमन देने की स्थिति में 20 पैस प्रति यूनिट ले सालाना 3.40 लाख की होगी आय
योजना अच्छी लेकिन प्रचार कर देना होगा जोर-
केन्द्र और राज्य सरकार ने मिलकर देश और प्रदेश के किसान को समृद्ध बनाने की दिशा में काम कर रहे है लेकिन अभी तक योजना की ठीक जानकारी किसानों को नही मिल पा रही है ...जरूरत इस बात की है कि पंचायत स्तर तक जाकर किसानों को इस योजना के बारे में जानकारी दी जाए साथ ही ऑनलाइन आवेदन करवाएं ताकि जितनी ज्यादा सोलर पॉवर प्लाट लगेगे उतना ही फायदा किसान को होगा और उतना ही पर्यावरण संरक्षित हो सकेगा।
बाईट- डॉ बी डी कल्ला, ऊर्जा मंत्री
(Edited vo pkg)
Body:बाईट- डॉ बी डी कल्ला, ऊर्जा मंत्री
(Edited vo pkg)
Conclusion: